ट्रेंडिंग न्यूज़

Hindi News बिहार बिहारशरीफनालंदा में गायब जदयू नेता की मिली चप्पल, परिजन जता रहे हत्या की आशंका

नालंदा में गायब जदयू नेता की मिली चप्पल, परिजन जता रहे हत्या की आशंका

नालंदा में छात्र जदयू के प्रदेश महासचिव राकेश कुमार का अबतक कोई सुराग नहीं मिला है। परिजन अनहोनी की आशंका जता रहे हैं। पुलिस भी यही मानकर जांच में जुटी है। शनिवार को हरनौत थाना क्षेत्र के डिहरा गांव...

नालंदा में छात्र जदयू के प्रदेश महासचिव राकेश कुमार का अबतक कोई सुराग नहीं मिला है। परिजन अनहोनी की आशंका जता रहे हैं। पुलिस भी यही मानकर जांच में जुटी...
1/ 2नालंदा में छात्र जदयू के प्रदेश महासचिव राकेश कुमार का अबतक कोई सुराग नहीं मिला है। परिजन अनहोनी की आशंका जता रहे हैं। पुलिस भी यही मानकर जांच में जुटी...
नालंदा में छात्र जदयू के प्रदेश महासचिव राकेश कुमार का अबतक कोई सुराग नहीं मिला है। परिजन अनहोनी की आशंका जता रहे हैं। पुलिस भी यही मानकर जांच में जुटी...
2/ 2नालंदा में छात्र जदयू के प्रदेश महासचिव राकेश कुमार का अबतक कोई सुराग नहीं मिला है। परिजन अनहोनी की आशंका जता रहे हैं। पुलिस भी यही मानकर जांच में जुटी...
हिन्दुस्तान टीम,बिहारशरीफSat, 02 Jun 2018 10:24 PM
ऐप पर पढ़ें

नालंदा में छात्र जदयू के प्रदेश महासचिव राकेश कुमार का अबतक कोई सुराग नहीं मिला है। परिजन अनहोनी की आशंका जता रहे हैं। पुलिस भी यही मानकर जांच में जुटी है। शनिवार को हरनौत थाना क्षेत्र के डिहरा गांव में एफएसएल व डॉग स्क्वॉयड की टीम ने मामले की छानबीन की। गांव निवासी दीपक कुमार के घर में ही राकेश को आखिरी बार देखा गया था। उनके साथ रहे हरनौत बाजार निवासी मनीष कुमार भी उसी दिन से गायब है। छानबीन के दौरान पुलिस को गांव के एक कुएं से राकेश की चप्पल और दिवाकर की टी-शर्ट मिली है।

जांच के लिए एसपी सुधीर कुमार पोरिका, एसडीपीओ निशीत प्रिया भी दलबल के साथ गांव पहुंचे। हालांकि डिहरा गांव निवासी जिस दीपक को पुलिस ने साक्ष्य नहीं रहने का हवाला देकर पकड़ने के बाद छोड़ दिया था, उसी के गांव व घर की गहराई से जांच के बाद पुलिस के उस फैसले को गलत साबित कर रहा है। परिजन व ग्रामीण इसी बात पर हरनौत थाने की पुलिस से नाराज हैं कि समय रहते कार्रवाई नहीं की। इस बात को लेकर शुक्रवार को ग्रामीणों ने चंडी मोड़ के पास घंटे सड़क जाम कर दिया था। 29 मई से राकेश कुमार गायब हैं। इस मामले में परिजन ने अपहरण की आशंका जातते हुए तीन के विरुद्ध एफआईआर करायी है। डिहरा गांव में कुएं से मिली चप्पल:-चार दिन बाद पुलिस को इस मामले की गंभीरता समझ में आयी। शनिवार को पटना से एफएसएल की टीम और श्वास दस्ते का सदस्य डीहरा गांव पहुंचा। दीपक के घर के अलावा आसपास के स्थानों की छानबीन की गयी। टीम के सदस्यों ने कई साक्ष्य इकट्ठा किये और जांच के लिए अपने साथ ले गये। जांच के दौरान ही गांव के एक कुआं के पास राकेश की एक चप्पल मिली। आसपास देखने पर कुएं में कुछ तैरता नजर आया।

पुलिस ने झगड़ गिराकर कुएं को खंगाला तो उसमें से राकेश की दूसरी चप्पल और एक टी-शर्ट मिली। टी-शर्ट दिवाकर की बतायी जा रही है। शायद पुलिस को भी अनिष्ट का यकीन हो गया है। इसी वजह से पुलिसिया जांच में तेजी आ गयी है। परिजन की बढ़ रही बेचैनी:-पुलिस के तमाम प्रयासों के बावजूद परिजन की बेचैनी बढ़ रही है। पिता अवधेश प्रसाद सिन्हा ने थानाध्यक्ष की भूमिका पर सवाल उठाया है। उन्होंने अपने बेटे की हत्या की आशंका जाहिर की है। उन्हें यह आशंका है कि हत्या कर साक्ष्य छुपाने के लिए शव को गायब कर दिया गया है। उन्होंने कहा कि गायब होने के थोड़ी देर बाद ही पुलिस को सूचना दी गयी थी, पर इसे गंभीरता से नहीं लिया गया। जो भी हुआ है डिहरा गांव स्थित दीपक के घर में हुआ है। पुलिस ने दीपक को पकड़ा था। परिजन को बुलाकर डिहरा गांव ले गयी थी। वहां उन्होंने आशंका जताते हुये एक बंद कमरे का दरवाजा खुलवाने की मांग की थी, लेकिन पुलिस ने उनकी नहीं मानी और वापस लौट गयी। रात को ही दीपक को छोड़ दिया गया। बाद में आरोपित ने कमरे की रंगाई-पुताई कर साक्ष्य मिटा दिये। शुक्रवार को जब सड़क जाम हुआ, तब पुलिस हरकत में आयी और उसी कमरे को सील किया।

उन्होंने आरोप लगाया कि थानाध्यक्ष गंभीर होते तब राकेश के बारे में पहले ही पता चल जाता। राकेश के गायब हुये पांच दिन हो गये हैं। इन पांच दिनों का एक-एक पल परिवार के सदस्यों पर भारी गुजर रहा है। परिजन करते रहे छानबीन, पुलिस बैठी रही:-अवधेश प्रसाद का आरोप है कि पुलिस इस मामले में शुरू से ही हाथ पर हाथ धरे बैठी रही। परिजन ही छानबीन कर व इधर-उधर से जानकारी जुटाकर पुलिस को सूचना दी। उसके बाद भी पुलिस कुछ नहीं कर सकी। उन्हें अंदेशा है कि मंगलवार को हत्या की गयी और शव को बुधवार की रात ठिकाने लगाया गया। कुछ ग्रामीणों ने आधी रात को संदिग्ध हालत में गांव में एक बोलेरो गाड़ी को देखा था। उनका कहना है कि पुलिस को उन्होंने बताया कि दीपक के घर में ही कुछ हुआ है पर पुलिस ने गहराई से जांच नहीं की। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि आरोपित दीपक शुक्रवार व शनिवार को कोच फैक्ट्री पहुंचा था। जबकि पुलिस को इस बात का पता ही नहीं। उन्होंने आशंका जतायी है उनके बेटे की हत्या कर दी गयी। एक-एक कर गायब हुए सभी आरोपित:-इस मामले के सभी आरोपित एक-एक कर जमींदोज हो गये। मनीष तो राकेश के साथ से ही गायब है। परिजन ने मनीष के भाई से पूछताछ की तो वह भी गायब हो गया। इधर पुलिस ने जैसे ही दीपक को छोड़ा, वह भी गायब हो गया। इनका मोबाइल भी बंद है। क्या था मामला:-मंगलवार को हरनौत के खरुआरा निवासी राकेश पीएनबी से रुपये निकालकर घर आये थे। थोड़ी देर बाद बाजार निवासी मनीष बुलाने आया और दोनों बाइक से डीहरा गांव पहुंचे। कुछ देर बाद खरुआरा निवासी दिवाकर के भी डिहरा गांव जाने की खबर है।

इसके बाद से दिवाकर तो लौट गया, पर राकेश व मनीष का पता नहीं चला। पुलिस ने डिहरा गांव निवासी दीपक को पूछताछ के लिए हिरासत में लिया था। बाद में उसे छोड़ दिया। वह हरनौत के रेल कोच फैक्ट्री का कर्मचारी है। मिला है खून, बरामद चप्पल राकेश के:-थानाध्यक्ष संजय कुमार ने बताया कि बरामद चप्पल राकेश की है। वहीं दीपक के घर के एक कमरे से खून मिला है। एफएसएल की टीम ने उसका सैंपल लिया है। मामले की छानबीन चल रही है। जल्द ही मामले का खुलासा कर दिया जाएगा।

हिन्दुस्तान का वॉट्सऐप चैनल फॉलो करें