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नालंदा:कुंडों में किया स्नान, 33 कोटि देवी-देवताओं से लिया आशीर्वाद

नालंदा मलमास मेला के दौरान राजगीर आये हुए तैंतीस कोटि देवी-देवताओं का आर्शीवाद लेने के लिए देश के कोने-कोने से आने वाले श्रद्धालुओं की भीड़ लगातार बढ़ती जा रही...

नालंदा मलमास मेला के दौरान राजगीर आये हुए तैंतीस कोटि देवी-देवताओं का आर्शीवाद लेने के लिए देश के कोने-कोने से आने वाले श्रद्धालुओं की भीड़ लगातार बढ़ती जा रही...
1/ 2नालंदा मलमास मेला के दौरान राजगीर आये हुए तैंतीस कोटि देवी-देवताओं का आर्शीवाद लेने के लिए देश के कोने-कोने से आने वाले श्रद्धालुओं की भीड़ लगातार बढ़ती जा रही...
नालंदा मलमास मेला के दौरान राजगीर आये हुए तैंतीस कोटि देवी-देवताओं का आर्शीवाद लेने के लिए देश के कोने-कोने से आने वाले श्रद्धालुओं की भीड़ लगातार बढ़ती जा रही...
2/ 2नालंदा मलमास मेला के दौरान राजगीर आये हुए तैंतीस कोटि देवी-देवताओं का आर्शीवाद लेने के लिए देश के कोने-कोने से आने वाले श्रद्धालुओं की भीड़ लगातार बढ़ती जा रही...
हिन्दुस्तान टीम,बिहारशरीफWed, 23 May 2018 09:45 PM
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नालंदा मलमास मेला के दौरान राजगीर आये हुए तैंतीस कोटि देवी-देवताओं का आर्शीवाद लेने के लिए देश के कोने-कोने से आने वाले श्रद्धालुओं की भीड़ लगातार बढ़ती जा रही है। तीर्थयात्रियों की भीड़ से सड़कें अटी-पटी हैं। मेले के आठवें दिन बुधवार को ब्रह्मकुंड सहित अन्य कुंडों में स्नान के लिए श्रद्धालुओं की काफी भीड़ जुटी। लाखों श्रद्धालुओं ने पावन महिने में श्रद्धा की डुबकी लगायी और अपनी मनोकामना पूरी होने की प्रार्थना की।

कुंड स्नान के लिए अहले सुबह दो बजे से ही शहर की सड़कों पर श्रद्धालुओं की भीड़ कुंड की ओर बढ़ चली थी। तीन बजते ही जब कुंड का द्वार खोला गया तो श्रद्धालु कुंड परिसर में बने बैरिकेडिंग से होते हुए कतारबद्ध होकर सप्तधारा में प्रवेश कर सप्तधारा की धार में स्नान कर अपने को तृप्त किए। वहां से श्रद्धालुओं को प्रशासनिक व्यवस्था के बीच सीधे ब्रह्मकुंड में भेजा गया, जहां तीर्थयात्री श्रद्धा की डुबकी लगायी और अपने तथा पूरे परिवार के लिए आये हुए तैंतीस कोटि देवता से कल्याण की प्रार्थना की।

मंदिरों में की पूजा अर्चना: -

कुंड से निकलकर श्रद्धालु आसपास के मंदिरों में जाकर पूजा-पाठ की और अपने परिवार की मंगल कामना की। इस दौरान कुंड परिसर में प्रशासनिक व्यवस्था में लगे अधिकारी व पंडा कमेटी के लोग श्रद्धालुओं को कोई परेशानी न हो इसका पूरा ख्याल रखते नजर आये।

राजगीर धाम के दर्शन से अवश्मेघ यज्ञ के बराबर मिलता है फल: सुधीर

पुरुषोत्तम मास मेला में जो भी प्राणी सच्चे मन से और निर्मल भाव से आकर कुंडों में स्नान करते हैं उनको व उनके परिवार के जीवन में धन-वैभव व ऐश्वर्य की प्राप्ति होती है। ऐसा कहा जाता है कि मलमास मेला में तैंतीस कोटि देवी-देवताओं का दरबार लगता है। राजगीर धाम का दर्शन करने से श्रद्धालुओं को अश्वमेघ यज्ञ करने के बराबर का फल मिलता है। पंडा कमेटी के प्रवक्ता सुधीर कुमार उपाध्याय ने कहा कि अल्पायु वाले प्राणी कुंडों में स्नान करके दीर्घायु हो जाते हैं। कुंडों में डुबकी लगाने से अर्थ, धर्म, काम और मोक्ष इन चार पुरुषार्थ की प्राप्ति के साथ ही दैहिक, दैविक व भौतिक ताप, मन की मलीनता और भूल से किये गये पाप नष्ट होते हैं। धर्म नगरी में एक माह तक धर्म का प्रवाह अनवरत होते रहता है, जिसका धार्मिक लाभ लाखों की संख्या में आने वाले श्रद्धालु लेते हैं।

अंधे की लाठी बन उसकी मदद करना भी है उपासना: फलाहारी बाबा

स्वामी चिदात्मन जी महाराज उर्फ फलाहारी बाबा ने बुधवार को अपने प्रवचन के दौरान कहा कि उपासना सिर्फ भूखे रहकर पूजा-पाठ करना ही नहीं है, उपासना अंधे की लाठी बनकर उसकी मदद करना भी है। भटके हुए लोगों को सही राह दिखाना भी एक उपासना है। उन्होंने कहा कि जो अनाथ को अपना मानता हो और उसे अपनाता हो वह भी एक तरह से उपासक हो जाते हैं। दूसरे की सेवा से बढ़कर कोई धर्म नहीं होता है। बाबा ने कहा कि भूखे लोगों को खाना खिलाना भी उपासना है। सज्जन व्यक्ति हमेशा अपनी सेवा से सुख पाता है। लोगों को सादगी भरा जीवन जीना चाहिए। लोगों को एक दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप भी नहीं करना चाहिए। अपने को बेहतर काम में लगायें। फलाहारी बाबा ने कहा कि पुरुषोत्तम मास में राजगीर के कुंड में स्नान करने से बड़ा ही फल मिलता है।

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