नालंदा में आयुष चिकित्सक भी लिखेंगे अंग्रेजी दवा
राज्य में स्वास्थ्य सेवा को सुदृढ़ बनाने के लिए अब जीएनएम व आयुष चिकित्सकों को प्रशिक्षित किया जाएगा। इसके लिए नालंदा व हाजीपुर में इग्नु ने विशेष प्रशिक्षण शुरू किया...
राज्य में स्वास्थ्य सेवा को सुदृढ़ बनाने के लिए अब जीएनएम व आयुष चिकित्सकों को प्रशिक्षित किया जाएगा। इसके लिए नालंदा व हाजीपुर में इग्नु ने विशेष प्रशिक्षण शुरू किया है। केंद्र व राज्य सरकार के संयुक्त कार्यक्रम के रूरल हेल्थ मिशन के तहत छह माह तक यह प्रशिाक्षण दिया जा रहा है। सदर अस्पताल में सोमवार से इसकी शुरुआत हुई। इसमें नालंदा के अलावा पटना, अरवल, गया, बक्सर, जहानाबाद व आरा जिला के 30 अभ्यर्थी शमिल हुए।
इग्नु के सहायक कुलसचिव आनंद कुमार ने कहा कि प्रशिक्षण के बाद जीएनम व आयुष चिकित्सक रोगी को अंग्रेजी दवा दे सकेंगे। प्रशिक्षण के बाद इन्हें बैचलर प्रीपैरेटरी सर्टिफिकेट इन कम्युनिटी हेल्थ फॉर नर्सेस (बीएचसीसीएचएन) का प्रमाण पत्र दिया जाएगा। एपिडर्मियोलोजिस्ट डॉ. मनोरंजन कुमार ने कहा कि रूरल हेल्थ मिशन के तहत इसमें डेंटल, नर्सिंग, अकाउंटिंग, कम्युनिटि हेल्थ, स्वच्छता समेत 12 विषयों का प्रशिक्षण मिलेगा।
गांवों में बढ़ेंगी स्वास्थ्य सेवाएं
गांव गिरांव में स्वास्थ्य सेवा को और मजबूत बनाने के लिए केंद्र सरकार ने हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर बनाया है। इसमें रोगियों का बेहतर इलाज होगा। लेकिन एमबीबीएस की कमी झेल रहा स्वास्थ्य विभाग ने इस छह माह के कोर्स को चलाकर पहले से तैनात जीएनएम व आयुष चिकित्सकों को एलोपैथिक इलाज की सारी जानकारी दी जाएगी। इसके बाद वे रोग के अनुसार अंग्रेजी दवा दे सकेंगे। बताते चलें कि गांवों में अब भी बहुत से ऐसे अस्पताल हैं, जहां डॉक्टरों की घोर कमी है। एक दो हैं भी, तो वे अंग्रेजी दवा नहीं लिख सकते। प्रशिक्षण के बाद यह समस्या काफी हद तक खत्म हो जाएगी।
सदर अस्पताल के पुरानी जिला स्वास्थ्य समिति कार्यालय में जिलेभर के चिकित्सा प्रभारियों को एकीकृत रोग नियंत्रण कार्यक्रम के तहत डॉ. मनोरंजन ने प्रशिक्षित किया। उन्होंने विभिन्न रोगों के उत्पन्न होने के समय ही पहचान कर डिजीज लोड की सूची स्वास्थ्य विभाग को समय पर भेजने को कहा। ताकि उसके निदान के लिए अस्पताल हर तरह से अपडेट रह सके। इसमें रैपिड रेस्पॉंस टीम के सदस्यों को प्रशिक्षित किया गया।