नालंदा: डीलरों को सरकार दे 25 हजार मानदेय
जनवितरण विक्रेताओं ने अपनी नौ सूत्री मांगों को ले शहर के श्रम कल्याण केंद्र के मैदान में शुक्रवार को धरना दिया। इसके बाद विभिन्न सड़कों पर प्रदर्शन करते हुए कलेक्ट्रेट जाकर डीएम को मांगपत्र...
जनवितरण विक्रेताओं ने अपनी नौ सूत्री मांगों को ले शहर के श्रम कल्याण केंद्र के मैदान में शुक्रवार को धरना दिया। इसके बाद विभिन्न सड़कों पर प्रदर्शन करते हुए कलेक्ट्रेट जाकर डीएम को मांगपत्र सौंपा। फेयर प्राइस डीलर्स एसोसिएशन के सचिव वरुण कुमार सिंह ने धरना में कहा कि जनवितरण विक्रेताओं को 25 हजार रुपए मानदेय दिया जाय। साथ ही जांच के नाम पर इनका शोषण बंद हो। जांच के नाम इन्हें बेवजह परेशान किया जाता है। समय पर न तो सामान मिलता है और न ही सामान की गुणवत्ता ठीक रहती है। ऐसे में लोगों को कहां से अच्छे अनाज दिया जाएगा। नौ सूत्री मांगों को ले पहले भी जिला से लेकर राज्य तक कई बार धरना प्रदर्शन किया गया।
7 मार्च 2017 को पटना में प्रदर्शन व घेराव किया गया था। इसमें तत्कालिन खाद्य एवं उपभोक्ता संरक्षण मंत्री मदन साहनी व सचिव पंकज कुमार के साथ लंबित मांगों पर वार्ता हुआ। लेकिन आज तक एक भी मांगें पूरी नहीं हुई। गत दो वर्षों से एसोसिएशसन के प्रतिनिधियों के साथ राज्य स्तरीय बैठक तक नहीं हुई है। इससे विक्रेताओं की समस्याओं का निदान नहीं हो पा रहा है। इसके लिए 19 नवंबर को पटना के गर्दनीबाग में विराट महाधरना व घेराव किया जाएगा। मौके पर धीरेंद्र कुमार सिंह, शैलेश कुमार, धीरज कुमार, टुनटुन कुमार, संतोष कुमार, महेंद्र प्रसाद, विजय कुमार व अन्य मौजूद थे।
उनकी प्रमुख मांगें-
1. विक्रेताओं को दी जाय 25 हजार मानदेय।
2. राज्य स्तरीय बैठक कर समस्याओं को हो निपटारा।
3. अनुकंपा के लिए 58 वर्ष की बाध्यता खत्म हो।
4. पूर्व की तरह हो निलंबन प्रक्रिया।
5. साप्ताहिक व सरकारी छुट्टी मिले।
6. चीनी व अन्य सामग्री भी बांटी जाय।
7. बिना शिकायत राज्य व जिला स्तरीय जांच हो बंद।
8. मृत्यु होने पर 10 लाख का मुआवजा।