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मुशायरा : गजल और शायरी से गायकों ने बांधा समा

होठों पर तराना उर्दू का, बुलबुल भी गाते हैं गाना उर्दू का..., ‘हिन्दू, मुस्लिम, सिख, इसाई कहते हैं - सारा...

मुशायरा : गजल और शायरी से गायकों ने बांधा समा
हिन्दुस्तान टीम,बिहारशरीफSat, 27 Feb 2021 10:40 PM
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मुशायरा : गजल और शायरी से गायकों ने बांधा समा

शेखपुरा। हिन्दुस्तान संवाददाता

शहर के पटेल चौक पर स्थित टाउन हॉल में एक दिवसीय मुशायरा और कार्यशाला में अपने शानदार शायरी और गजल से गायकों ने जमकर समा बांधा। पश्चिम बंगाल के कोलकाता से आयीं मंजू कुमारी ने के बोल ‘फूलों के होठों पर तराना उर्दू का, बुलबुल भी गाते हैं गाना उर्दू का..., ‘हिन्दू, मुस्लिम, सिख, इसाई कहते हैं - सारा हिन्दुस्तान दीवाना उर्दू का... पर लोगों ने जमकर तालियां बजायीं।

मुशायरे में यासिन साकिन, आलम अंजुम, वसंत जोशी, शकील अहमद शकील, असगर हुसैन सहित अन्य शायरों और गजल गायकों ने अपने गायकी से लोगों को झूमने पर मजबूर कर दिया। जिला उर्दू कोषांग द्वारा आयोजित कार्यशाला की शुरूआत डीडीसी सत्येंद्र प्रसाद सिंह, एडीएम सत्यप्रकाश शर्मा व एसडीओ निशांत कुमार ने संयुक्त रूप से किया। कार्यक्रम में उर्दू पुस्तिक का विमोचन भी किया गया। कार्यक्रम में मंच का संचालन मुशी रजा तथा धन्यवाद ज्ञापन जिला उर्दू कोषांग के प्रभारी पदाधिकारी खिलाफत अंसारी ने किया।

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