रहुई डेंटल कॉलेज : 71 बिन्दुओं पर डीसीआई ने दर्शायीं कमियां
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रहुई डेंटल कॉलेज : 71 बिन्दुओं पर डीसीआई ने दर्शायीं कमियां कॉलेज व अस्पताल में स्वीकृत 135 पदों के विरुद्ध तैनात हैं महज 16 बिना जीएनएम के चल रहा अस्पताल, हो रहा दांतों का इलाज तीसरे वर्ष में नामांकन पर डीसीआई ने लगायी रोक, तो हरकत में आया विभाग फोटो : रहुई डेंटल कॉलेज। बिहारशरीफ, कार्यालय संवाददाता। राजकीय दंत चिकित्सा महाविद्यालय पैठना-भागनबिगहा-रहुई में तीसरे वर्ष के बीडीएस (बैचलर इन डेंटल सर्जरी) में नामांकन पर रोक की अनुशंसा की गयी है। डेंटल काउंसिल ऑफ इंडिया (डीसीआई) की उच्चस्तरीय टीम ने दो दफा के भौतिक सत्यापन के बाद यह रिपोर्ट दी है। टीम के सदस्यों ने 71 बिन्दुओं पर कमियां दर्शायी हैं।
इस तरह, फिलहाल कॉलेज में बीडीएस पाठ्यक्रम पर 100 अभ्यर्थियों के नामांकन पर ग्रहण लग गया है। हालांकि, डीसीआई की रिपोर्ट आने के बाद से ही कॉलेज प्रशासन व विभागीय अधिकारी हरकत में आ गये हैं। कमियों को दूर करने का हर प्रयास कर रहे हैं। सबसे बड़ी कमी यह कि कॉलेज व अस्पताल में स्वीकृत 135 पदों के विरुद्ध महज 16 कर्मी तैनात हैं। हद तो यह कि बिना जीएनएम के ही अस्पताल में इलाज चल रहा है। डेंटल काउंसिल ऑफ इंडिया के संयुक्त सचिव डॉ. अभिषेक कुमार द्वारा भेजे गये पत्र में कहा गया है कि इसके साथ मेडिकल कॉलेज नहीं है। वर्तमान में 24 किलोमीटर से अधिक दूरी पर मेडिकल कॉलेज है। कम से कम 100 बेड का सामान्य अस्पताल 10 किलोमीटर की दूरी पर होनी चाहिए। प्रोस्थोडोंटिक्स एंड क्राउन एंड ब्रिज में दो रीडर, कंजर्वेटिव डेंटिस्ट्री एंड इंडोडोंट्रिक्स के प्रोफेसर एक और रीडर दो, ओरल पैथोलॉजी एंड माइक्रोबायलॉजी में रीडर एके ओरल एंड मैक्सिलोफेसियल सर्जरी में प्रोफेसर एक और रीडर एक, पीरियोडोंटोलॉजी के प्रोफेसर एक और रीडर दो के पद खाली हैं। इसी तरह, पेडियाट्रिक एंड प्रिवेंटिव, पब्लिक हेल्थ, ओरल मेडिसीन, आर्थोडोंटिक्स विभागों में अध्यापक हैं ही नहीं। जबकि, लेक्चरर के 10 में से तीन और ट्यूटर्स के 30 में से 19 पद खाली हैं। मेडिकल टीचिंग स्टाफ : मेडिकल टीचिंग व नन-टीचिंग स्टाफ की भी घोर कमी है। मैनेजर्स, ऑफिस सुप्रिंटेंडेंट्स के सात में से छह, असिस्टेंट के 13 में सात, रिसेप्सनिस्ट टे 14 में 14, डेंटल मेकैनिक के 10 में 10, डेंटल हिस्ट के पांच में पांच, फोटोग्राफर एक, आर्टिस्ट एक, प्रोग्रामर एक, फीजिकल डायरेक्टर एक, इंजीनियर एक समेत अन्य 13 पद खाली पड़े हैं। समृद्ध लाइब्रेरी नहीं : सेंट्रल लाइब्रेरी में 26 की जगह 19 जर्नल ही मौजूद पाये गये। राष्ट्रीय स्तर की जर्नल का भी अभाव पाया गया। ई-जर्नल की विवरणी भी नहीं मिली। बड़े उपकरणों की भी कमी पायी गयी। यथा, सर्वेइंग यूनिट दो की जगह एक, मॉडल ट्रिमर एक भी नहीं, रेस्टोरेटिव उपकरण किट 10 की जगह शून्य पायी गयी। आरसीटी उपकरण किट 10 में शून्य पायी गयी। क्लीनिकल लैब में भी उपकरणों की घोर कमी पायी गयी। बायो वेस्ट इंसीनीरेटर नहीं था। अधिकारी बोले : दर्जनों बार पत्र भेजकर चिकित्सकों व अध्यापकों की तैनाती का आग्रह किया गया है। कई बार पटना जाकर वैयक्तिक रूप से कॉलेज को संसाधनयुक्त बनाने का आग्रह कर चुका हूं। लेकिन, शीघ्र ही समस्याओं के समाधान का प्रयास जारी है। राज किशोर राजू, अधीक्षक, रहुई डेंटल कॉलेज और अस्पताल आंकड़ों की नजर में डेंटल कॉलेज : 1. लागत : 404 करोड़ 2. निर्मित क्षेत्र : 19. 23 एकड़ 3. निर्माण काम शुरू : मार्च 2019 4. मेडिकल छात्रों के लिए उपलब्ध सीट : 100 5. खासियत : 10 बेड का इमरजेंसी वार्ड 6. अस्पताल का मुख्य भवन के अलावा 24 अलग-अलग खंड 7. 500 क्षमता वाली ऑडिटोरियम 8. छात्रावास : 300 छात्र व 200 छात्राएं 9. मरीजों के साथ आये परिजनों के लिए धर्मशाला 10. शैक्षणिक व गैर शैक्षणिक पद : 178 11. हॉस्पीटल, कॉलेज कक्ष व ऑडिटोरियम पूर्णत: वातानुकूलित 12. एक लाख 20 हजार वर्ग फीट का खेल मैदान 13. तीन तरफ गेट : पहला व दूसरा एनएच 20 के तरफ व रहुई रोड में आवासीय परिसर का गेट 14. जूनियर रेसीडेंट हॉस्टल : 20 बेड डेंटल कॉलेज अस्पताल में 144 पद : सुपरिटेंडेंट - 01, डिप्टी सुपरिटेंडेंट - 01, स्पेशलिस्ट मेडिकल ऑफिसर - 05, सर्जन - 05, जेनरल स्त्री रोग एवं प्रसूति - 05, ऑर्थोपेडिक - 05, बच्चा वार्ड - 05, ए ग्रेड नर्स - 35, वार्ड सिस्टर - 15, एक्स-रे टेक्निशियन - 03, लैब टेक्निशियन - 05, ईसीजी टेक्निशियन - 01, फार्मासिष्ट - 05 व फिजियोथेरैपी - 01। ये हैं विशेषताएं : ऑपरेशन की सुविधा के साथ ओपीडी, आईसीयू व क्रिटीकल वार्ड की होगी व्यवस्था। जेनरल वार्ड मेडिसीन - 30 बेड सर्जरी - 30 बेड प्राइवेट वार्ड - 9 बेड प्रसूति वार्ड - 15 बेड बच्चा विभाग - 6 बेड इमरजेंसी वार्ड - 10 बेड इस तरह के हैं भवन : 1. ग्रीन बिल्डिंग का निर्माण 2. भूकंपरोधी संरचना के लिए बेस आइसोलशन 3. बिल्डिंग मैनेजमेंट सिस्टम 4. सोलर लाइट का प्रावधान 5. सीवेज ट्रीटमेन्ट प्लांट (एसटीपी) का प्रावधान 6. वातानुकूलित कॉलेज एवं अस्पताल भवन 7. शॉपिंग आरकेड 8. रेन वाटर हार्वेस्टिंग 9. नेट जीरो डिस्चार्ज कैम्पस
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