करायपरसुराय : युद्ध की मुद्रा में भक्तों को दर्शन देंगी मां कालीसे महाप्रसाद का वितरण:
संक्षेप: करायपरसुराय : युद्ध की मुद्रा में भक्तों को दर्शन देंगी मां कालीकरायपरसुराय : युद्ध की मुद्रा में भक्तों को दर्शन देंगी मां कालीकरायपरसुराय : युद्ध की मुद्रा में भक्तों को दर्शन देंगी मां...

पूजा पंडाल करायपरसुराय : युद्ध की मुद्रा में भक्तों को दर्शन देंगी मां काली 75 वर्षों से बाजार में हो रही है माता रानी की आराधना दशहरा मेले में उमड़ती है भीड़, हर तरफ श्रद्धा व उत्साह फोटो करायपरसुराय पूजा पंडाल : करायपरसुराय बाजार में इसी रूप में दिखेंगी मां काली की प्रतिमा। करायपरसुराय, निज संवाददाता। प्रखंड के करायपरसुराय बाजार के कालेश्वर धाम में हर साल की तरह इसबार भी दुर्गा पूजा की तैयारी जोर-शोर से चल रही है। यहां 75 वर्षों से मां काली की बहुत ही श्रद्धा के साथ पूजा अर्चना हो रही है। इस बार मां काली की प्रतिमा करीब छह फीट ऊंची होगी और काफी आकर्षक दिखेगी।
खास यह भी कि मां की प्रतिमा युद्ध की मुद्रा में दिखेगी। मां दुर्गा की प्रतिमा के साथ महिषासुर, भगवान गणेश, मां सरस्वती और भगवान शंकर की प्रतिमाएं भी स्थापित की जाएंगी। पूजा समिति के सदस्यों का कहना है कि यहां 1965 में पहली बार काली पूजा धूमधाम से की गयी थी। तब से लेकर आज तक हर साल इस परंपरा को निभायी जा रही है। पहले काली पूजा के मौके पर दो या तीन दिनों तक नाटक का कार्यक्रम चलता था। हालांकि, अब इसमें बदलाव हुआ है। कालेश्वर धाम पूजा समिति के सचिव श्रवण कुमार ने बताया कि पूजा पंडाल इस बार काफी आकर्षक रहेगा। यहां पर जगह की कमी है, जिसके कारण बड़ा पंडाल का निर्माण नहीं हो पाता है। इस वर्ष मंदिर के तर्ज पर पंडाल का निर्माण किया जा रहा है, जिसमें मां काली महिषासुर का वध करतीं भक्तों को दर्शन देंगी। सीसीटीवी कैमरे से रखी जाएगी नजर : दशहरा मेले के दौरान उमड़ने वाली भीड़ को देखते हुए पूजा पंडाल और इसके आसपास सीसीटीवी कैमरे लगाये जाएंगे। ताकि, भीड़ पर नियंत्रण रखा जा सके। पूजा समिति के सदस्यों ने बताया कि आसपास के लोग भी मां की प्रतिमा स्थापन में सहयोग करते हैं। दशहरा मेले को लेकर आमलोगों के साथ ही पूजा समिति के लोगों में काफी उत्साह है। मां के दर्शन को उमड़ती है भारी भीड़: दशहरा मेला के दौरान मां के दर्शन के लिए काफी भीड़ उमड़ती है। भीड़ पर नियंत्रण के लिए पूजा समिति के स्वयंसेवक तैनात रहेंगे। मेला क्षेत्र में वाहनों के प्रवेश पर प्रतिबंध रहेगा। पंडाल का आकार भले ही छोटा रहेगा। लेकिन, सजावट शानदार रहेगी। पूरे क्षेत्र को लाइट से सजाया जाएगा। यहां की सजावट देखने लायक होगी। अष्टमी से महाप्रसाद का वितरण: ऐसे तो मां की प्रतिमा स्थापन से ही प्रसाद वितरित किए जाते हैं। आरती के बाद श्रद्धालुओं को मुकुंदाना का प्रसाद दिया है। लेकिन, महाअष्टमी से महाप्रसाद का वितरण किया जाता है। महाप्रसाद के रूप में हवीश तैयार किया जाता है, जिसमें सूखे मेवा के अलावा अधिक मात्रा में दूध का उपयोग होता है।

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