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बिजली की उपलब्धता बढ़ी तो उद्योग-धंधों को मिली रफ्तार

योजना उतरी धरारत पर तो गांवों के जर्जर बिजली तार हुए दुरुस्त फोटो बिजली : अस्थावां के बेनार के पास बन रहा...

बिजली की उपलब्धता बढ़ी तो उद्योग-धंधों को मिली रफ्तार
हिन्दुस्तान टीम,बिहारशरीफSun, 28 Feb 2021 08:40 PM
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पटना का एसाइनमेंट :

बिजली की उपलब्धता बढ़ी तो उद्योग-धंधों को मिली रफ्तार

- खेती-बाड़ी के लिए बने 21 कृषि फीडर, किसानों को मिली राहत

- अस्थावां पावर ग्रिड से जल्द शुरू हो जाएगी बिजली की आपूर्ति

- पिछले साल चालू हुए 5 पीएसएस, इस साल में 3 और करने लगेंगे काम।

- री-कंडक्टिंग योजना उतरी धरारत पर तो गांवों के जर्जर बिजली तार हुए दुरुस्त

फोटो

बिजली : अस्थावां के बेनार के पास बन रहा पावर ग्रिड।

बिहारशरीफ। कार्यालय प्रतिनिधि

बिजली के क्षेत्र में नालंदा में एक नहीं कई काम हुए हैं। शहर-गांव के साथ खेतों तक बिजली पहुंची तो छोटे व बड़े उद्योगों को रफ्तार मिली। खेती-किसानी भी आसान हो गया है। डीजल इंजन पर निर्भरता कम हो गयी। शहर और गांवों में जर्जर बिजली के तार बदले गये। नंगे एलटी तार की जगह कवर्ड वायर लगाया गया। इससे दुर्घटना होने की संभावना खत्म हुई। पिछले पांच नये पीएसएस (पावर सब स्टेशन) चालू हुए। इस साल तीन और पीएसएस से बिजली की आपूर्ति शुरू हो जाएगी। काम युद्धस्तर पर चल रहा है। खेती-बाड़ी के लिए 21 स्पेशल कृषि फीडर बनाये गये हैं।

बहुत जल्द नालंदा में एक और पावर ग्रिड भी चालू हो जाएगा। जिले का दूसरा पावर ग्रिड (220/132/33 केवी क्षमता) अस्थावां के बेनार के पास बन रहा है। 50 एमवीए के तीन पावर ट्रांसफॉर्मर लग चुके हैं। 31 मार्च तक 50 एमवीए के एक ट्रांसफॉर्मर को चार्ज होने की पूरी उम्मीद है। इसी के साथ यहां से विभिन्न फीडरों को 40 मेगावाट तक बिजली की सप्लाई भी शुरू हो जाएगी। अस्थावां के पावर ग्रिड से नालंदा के अलावा शेखपुरा और पटना के बाढ़ जीएसएस (ग्रिड सब स्टेशन) को बिजली मिलेगी। करीब 215 करोड़ योजना पर खर्च होना है। कोलकाता की कंपनी को ग्रिड बनाने की जवाबदेही दी गयी है तो यूपी की कंपनी टावर और संचरण लाइन लगा रही है। अस्थावां पावर ग्रिड के चालू हो जाने पर जिले में बिजली की उपलब्धता बढ़ेगी। विभिन्न प्रखंडों में स्थापित जीएसएस को कई सोर्स से बिजली मिलने लगेगी। ट्रांसफॉर्मर लगाने और संचरण लाइन बिछाने का काम तेजी से चल रहा है।

अस्थावां ग्रिड से नालंदा, बाढ़ और शेखपुरा को बिजली:

अस्थावां ग्रिड से नालंदा के तीन, पटना और शेखपुरा के एक-एक जीएसएस जुड़ेंगे। करीब 500 टावर के सहारे 150 किलोमीटर संचरण लाइन बिछायी जा रही है। नालंदा के राजगीर, बिहारशरीफ और नालंदा, शेखपुरा के शेखोपुरसराय और पटना के बाढ़ जीएसएस को अस्थावां से डायरेक्ट बिजली दी जाएगी। पांच मेन लाइन बनेंगी। शेखपुरासराय से अस्थावां जीएसएस - 20 किमी (220 केवी), बिहारशरीफ से अस्थावां जीएसएस -20 किमी (220 किवी), अस्थावां से बाढ़ जीएसएस - 40 किमी (132 केवी), अस्थावां से राजगीर जीएसएस-40 किमी (132 केवी) और अस्थावां से नालंदा जीएसएस -30 किमी (132 केवी)। अस्थावां-बाढ़ और अस्थावां-राजगीर मेन लाइन का काम अंतिम चरण में है। शेष पर काम जारी है।

पुराने पीएसएस की बढ़ी क्षमता :

बिना रुकावट बिजली बहाल रखने के लिए 33 केवी की चार संचरण नयी लाइनें बनायी गयीं। 10 से ज्यादा पुराने पीएसएस में अतिरिक्त ट्रांसफॉर्मर लगाकर उसकी क्षमता बढ़ायी गयी। इनमें नालंदा, एकंगरसराय, हिलसा आदि पीएसएस शामिल हैं। क्षमता बढ़ जाने से बिजली की आपूर्ति में काफी सहूलियत मिल रही है।

कवर्ड वायर लगा तो बिजली से दुर्घटनाएं हुईं कम:

शहरी और ग्रामीण जर्जर और लुंजपुंज एलटी (440 वोल्ट) वायर को हटाकर उसकी जगह कवर्ड वायर लगाया गया। पुराने हो चुके एचटी (11 हजार वोल्ट) तार को भी बदला गया। री-कंडक्टिंग योजना धरातल पर उतरी तो बिजली से होने वाली दुर्घटनाओं में काफी कमी आयी है। जिले के ग्रामीण इलाकों में 600 सौ किमी से ज्यादा नंगे एलटी तार को हटाकर कवर्ड वायर लगाया गया है। जर्जर हो चुके 11 हजार वोल्ट के करीब 471 किमी तार की जगह नया तार लगाया गया। शहरी इलाकों में करीब 30 किलोमीटर कवर्ड वायर लगाया गया। इससे टोंका लगाकर बिजली चोरी करने पर भी रोक लगी है।

टू- वे से जुड़े तीन पीएसएस:

शहर के चांदपुरा और रामचन्द्रपुर तथा सिलाव के मेघी नगमा पीएसएस को टू-वे से जोड़ा गया है। इससे बिजली की उपलब्धता सहज हुई है। नयी व्यवस्था से अब निर्बाध बिजली मिलेगी। जरूरत के अनुसार बड़ी पहाड़ी जीएसएस के अलावा नालंदा जीएसएस से भी बिजली दी जाएगी। किसी लाइन में तकनीकी खामियां आती हैं तो दूसरे रूट से आसानी से बिजली बहाल की जा सकेगी। इसका लाभ शहरी के अलावा ग्रामीण इलाकों के उपभोक्ताओं को होगा। शेखोपुरसराय से कतरीसराय तो जहानाबाद के हुलासगंज से इस्लामपुर पीएसएस को 33 केवी नयी लाइन से जोड़ा गया है।

पिछले साल चालू हुए पीएसएस :

1. चांदपुरा

2. मेघी नगमा

3. पचलोवा

4. जमुआवा

5. लोदीपुर

इस साल पीएसएस काम करने लगेंगे:

1. तेलमर

2. कोशियावां

3. जैतीपुर

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