Notification Icon
Hindi Newsबिहार न्यूज़बिहारशरीफHariyali Teej of the month of Savan is on Wednesday it has special significance

सावन माह की हरियाली तीज बुधवार को, इसका विशेष महत्व

सावन माह की हरियाली तीज बुधवार को, इसका विशेष महत्वसावन माह की हरियाली तीज बुधवार को, इसका विशेष महत्वसावन माह की हरियाली तीज बुधवार को, इसका विशेष महत्वसावन माह की हरियाली तीज बुधवार को, इसका विशेष...

Newswrap हिन्दुस्तान, बिहारशरीफSun, 4 Aug 2024 04:30 PM
share Share

सावन माह की हरियाली तीज बुधवार को, इसका विशेष महत्व
महिलाएं करेंगी भगवान शिव के साथ मां पार्वती की आराधना

हरियाली तीज का है सामाजिक और सांस्कृतिक महत्व

पावापुरी, निज संवाददाता।

सावन माह में हरियाली तीज का पर्व महिलाओं के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। इस बार हरियाली तीज सात अगस्त बुधवार को मनाई जाएगी। यह पर्व सावन शुक्ल पक्ष तृतीया को मनाया जाता है। हरियाली तीज का पर्व मुख्य रूप से उत्तर भारत विशेषकर राजस्थान, उत्तर प्रदेश, बिहार और मध्य प्रदेश में हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है।

पंडित सूर्यमणि पांडेय ने बताया कि हरियाली तीज का पर्व भगवान शिव और माता पार्वती के पुनर्मिलन की स्मृति में मनाया जाता है। महिलाएं इस दिन उपवास रखती हैं और भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा करती हैं। ताकि उनके वैवाहिक जीवन में सुख और समृद्धि बनी रहे। इस अवसर पर विशेष रूप से मिठाइयों का भोग लगाया जाता है। हरियाली तीज को महिलाओं के सौभाग्य और सुख-समृद्धि का प्रतीक माना जाता है। हरियाली तीज का सामाजिक और सांस्कृतिक महत्व भी बहुत अधिक है। इस दिन महिलाएं सुंदर परिधान धारण करती हैं, मेंहदी लगाती हैं और झूला झूलती हैं। हरियाली तीज को प्रकृति के साथ जुड़ाव का पर्व भी माना जाता है। सावन के महीने में पेड़-पौधों में हरियाली छा जाती है। इससे प्रकृति व पर्यावरण में एक नई ताजगी और उल्लास का संचार होता है।

हरियाली तीज का पारंपरिक उत्सव :

हरियाली तीज के अवसर पर महिलाओं के बीच विशेष लोक गीतों और नृत्यों का आयोजन होता है। पारंपरिक मिठाइयों का भी इसमें विशेष महत्व होता है। इस पर्व को खास अंदाज में मनाया जाता है। महिलाएं समूह में जमा होकर पारंपरिक गीत गाती हैं और नृत्य करती हैं।

मिलता है आध्यात्मिक और मानसिक लाभ :

पंडित पंकज पांडेय ने कहा कि हरियाली तीज का व्रत और पूजा महिलाओं के मानसिक और आध्यात्मिक स्वास्थ्य के लिए भी लाभकारी है। यह पर्व उन्हें आत्मसंयम, धैर्य और भक्ति का पाठ पढ़ाता है। साथ ही सामूहिक रूप से त्योहार मनाने से आपसी प्रेम और सहयोग की भावना भी प्रबल होती है।

इस पर्व का आधुनिक संदर्भ :

आज के दौर में हरियाली तीज का महत्व और भी बढ़ गया है। जब हम पर्यावरण संरक्षण और स्त्री सशक्तिकरण की बात करते हैं। इस पर्व के माध्यम से हम प्रकृति के प्रति अपने कर्तव्यों को समझ सकते हैं और महिला समाज के महत्व को स्वीकार कर सकते हैं। हरियाली तीज का पर्व धार्मिक और सांस्कृतिक दृष्टि से काफी महत्वपूर्ण है। इसके साथ ही यह समाज और पर्यावरण के साथ हमारे जुड़ाव को भी दर्शाता है। इस शुभ अवसर पर महिलाओं के लिए यह पर्व एक नई ऊर्जा और उत्साह का संचार करता है।

लेटेस्ट   Hindi News ,    बॉलीवुड न्यूज,   बिजनेस न्यूज,   टेक ,   ऑटो,   करियर , और   राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।

अगला लेखऐप पर पढ़ें