गोलापर हवाई अड्डा : ‘उड़ान होगी पूरी, जब कोई लगाये बोली
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गोलापर हवाई अड्डा : ‘उड़ान होगी पूरी, जब कोई लगाये बोली
उड़ान-5.0 योजना से जुड़ा है गोलापर हवाई अड्डा पर विकास की जगी आस नहीं हो रही पूरी
पांचवें चरण में देश के 54 शहरों में सूबे के बिहारशरीफ समेत 7 शहरों को किया गया था शामिल
फोटो :
गोलापर : बिहारशरीफ का गोलापर हवाई अड्डा।
बिहारशरीफ, कार्यालय संवाददाता/आशुतोष कुमार आर्य।
द्वितीय विश्व युद्ध के समय सैनिकों के लिए उपयोगी साबित हुआ शहर का गोलापर हवाई अड्डा से ‘उड़ान पूरी होने की आस चार साल से अधूरी है। जबकि, नागर विमानन मंत्रालय ने कहा है कि ‘उड़े देश का आम नागरिक यानि ‘उड़ान के पांचवें चरण में बिहारशरीफ के पास स्थित गोलापर हवाई अड्डे को विकसित करने की योजना बनायी गयी है। यह आरसीएस (रीजनल कनेक्टिविटी स्कीम, क्षेत्रीय संपर्क योजना) दस्तावेज़ में असेवित हवाई अड्डों की सूची में शामिल है। उड़ान योजना के तहत अब तक बिहारशरीफ हवाई पट्टी को जोड़ने वाला कोई भी मार्ग किसी भी एयरलाइन बोलीदाता को आवंटित नहीं किया गया है।
इसलिए, इस हवाई पट्टी को आरसीएस उड़ान योजना के तहत इसके पुनरुद्धार के लिए राशि नहीं दी जा सकी है। योजना के तहत बोली के आगामी दौर में यदि कोई एयरलाइन बिहारशरीफ हवाई पट्टी को जोड़ने वाले मार्गों के लिए वैध बोली प्रस्तुत करती है, तो उसपर उड़ान योजना के प्रावधानों के अनुसार इसके विकास और हवाई जहाज चलाया जाएगा।
मंत्रालय ने दिया जवाब:
लारनपुर के शोधार्थी विकास आनंद व उनकी टीम द्वारा की गयी शिकायत के जवाब में नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने स्पष्ट रूप से कहा कि है कि कोई बोलीदाता मिल जाये, तो इसे कार्यशील बना दिया जाएगा। हालांकि, पांचवीं बोली तक कोई एजेंसी ने इसे अपनाने के लिए बोली नहीं लगायी है। उन्होंने बताया कि नागरिक उड्डयन मंत्रालय (एमओसीए) के पांचवें चरण में बिहार के बिहारशरीफ समेत सात और देशभर के 54 शहरों को हवाई सेवा से जोड़ने की योजना बनायी गयी थी। इस चरण में टियर-टू और टियर-थ्री शहरों में स्थित वन्यजीव अभयारण्यों, पर्यटन स्थलों अथवा आध्यात्मिक स्थानों के करीब की हवाई पट्टियों को जोड़ा या पुनर्जीवित किया जाना था। इसके बाद बिहारशरीफ समेत जिले के लोगों को हवाई अड्डा चालू होने की आस जगी थी।
धार्मिक और आध्यात्मिक स्थल :
विकसित किये जाने वाले संभावित हवाई अड्डों की सूची में अधिकतर गंतव्य (शहर) ऐसे थे, जहां पहले से ही ‘सेवा वाली या ‘बिना सेवा वाली हवाई पट्टी थे। उड़ान 5.0 के तहत पांचवें चरण की बोली प्रक्रिया में कोणार्क, बिहारशरीफ, हसन, डेसा और आबू रोड जैसे धार्मिक और आध्यात्मिक स्थलों को शामिल किया गया था। इस चरण में मध्य प्रदेश और बिहार को सबसे ज्यादा फायदा होने की संभावना जतायी गयी थी। मध्य प्रदेश की 11 और बिहार की सात हवाई पट्टियां सूची में शामिल की गयी थीं।
क्या है उड़ान योजना :
उड़ान ‘उड़े देश का आम नागरिक का संक्षिप्त रूप है। यह योजना 21 अक्टूबर 2016 को टियर-टू और टियर-थ्री शहरों में हवाई संपर्क सेवा बहाल करने के उद्देश्य से शुरू की गई थी। इस योजना के तहत, आरसीएस (रीजनल कनेक्टिविटी स्कीम) बनायी गयी थी। योजना के चार चरणों में 70 हवाई पट्टियों और 433 मार्गों का संचालन किया जा चुका है।
क्या है मामला:
जवाब में मंत्रालय ने कहा है कि क्षेत्रीय हवाई संपर्क मार्गों का विकास बाजार की क्षमता पर निर्भर है। ताकि, एयरलाइंस विशेष मार्गों पर मांग और आपूर्ति की प्रकृत्ति का आकलन करे और आरसीएस के तहत प्रक्रिया अपनाये। एयरलाइनों का चयन पारदर्शी बोली प्रक्रिया के माध्यम से किया जाना है। बिहारशरीफ के गोलापर आरसीएस दस्तावेज में असेवित (अनसर्व्ड) हवाई अड्डों की सूची में शामिल है। अब तक आयोजित चार दौर की बोली में किसी भी एयरलाइन ने बिहारशरीफ से उड़ान संचालन के लिए अपना प्रस्ताव प्रस्तुत नहीं किया।
मंत्रालय की नजर में गोलापर हवाई अड्डा:
1. हवाई अड्डे का मालिक : बिहार सरकार
2. वर्तमान हालात में एयरपोर्ट बनाना संभव : नहीं
3. हालात : नन ऑपरेशनल
4. प्रशासक : नागर विमानन, बिहार
5. 150 किमी में अन्य एयरपोर्ट : पटना व गया
6. एरोड्रम रिफरेंस कोड : नहीं
7. रनवे डिजायन एंड डायमेंशन : 1950 फीट गुना 300 फीट
8. कंडीशन ऑल रनवे : कच्चा
9. साइज ऑफ एप्रॉन : जानकारी नहीं
10. नंबर ऑफ पार्किंग बे : जानकारी नहीं
11. टर्मिनल बिल्डिंग एरिया : नहीं
12. कंट्रोल टावर कम टेक्निकल ब्लॉक : जानकारी नहीं
13. फायर स्टेशन कैटेगरी : जानकारी नहीं
14. विद्युत आपूर्ति : जानकारी नहीं
15. जलापूर्ति : जानकारी नहीं
16. पहुंच पथ : जानकारी नहीं
17. कैटेगरी : वीएफआर
अधिकारी बोले :
यदि भविष्य में बिहारशरीफ से आरसीएस मार्गों के संचालन के लिए कोई वैध बोली प्राप्त की जाती है, तो क्षेत्रीय कनेक्टिविटी योजना में नियमों के अनुसार इसका विकास किया जाएगा। साथ ही, बोली लगाये जाने वाले की राय पर अन्य शहरों के हवाई मार्गों से जोड़ा जाएगा।
विकास सिंह, महाप्रबंधक (ऑपरेशन), एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया