जर्जर हाल में गिरियक प्रखंड मुख्यालय भवन
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जर्जर हाल में गिरियक प्रखंड मुख्यालय भवन
जर्जर क्वार्टर में रहने को मजबूर अधिकारी व कर्मचारी
अबतक नहीं बन सका मुख्य आदर्श भवन
फोटो :
गिरियक ब्लॉक : गिरियक प्रखंड परिसर का हाल।
पावापुरी, निज संवाददाता।
गिरियक प्रखंड मुख्यालय का भवन और आवासीय क्वार्टर बेहद जर्जर हाल में हैं। जिस कार्यालय के माध्यम से प्रतिवर्ष करोड़ों की विकास योजनाओं का कार्यान्वयन होता है, वही सरकारी कार्यालय और आवास आज जर्जर अवस्था में हैं। इसी जर्जर कार्यालय और आवासों में सरकारी कर्मी रहने को विवश हैं। भवन इतना जर्जर हो चुका है कि कभी भी यहां बड़ी दुर्घटना हो सकती है।
अलबत्ता यहां के कर्मी सहमे-सहमे काम करते हैं। जब प्रदेश के ज्यादातर प्रखंड भवन आदर्श बन चुके हैं, वैसे में गिरियक इससे अब तक अछुता है। जब पुराने भवन जर्जर और रहने लायक नहीं रह गए तो उसे कुछ वर्ष पहले खाली कर दिया गया। वर्तमान में आधे-अधूरे स्थिति में विभिन्न भवनों में प्रखंड और अंचल के कार्यालय चल रहे हैं। इस कारण बीडीओ एक तो सीओ दूसरे भवन में बैठते हैं।
अंचल कार्यालय का अपना कमरा तक नहीं :
प्रखंड शिक्षा, कृषि, सहकारिता जैसे विभिन्न कार्यालय भी अलग-अलग भवनों में चलते हैं। प्रखंड आपूर्ति पदाधिकारी का कार्यालय व अंचल कार्यालय के गार्ड के रहने की व्यवस्था भी काफी दयनीय है। एक कमरे में रहकर अंचल गार्ड ड्यूटी करने को विवश है। जबकि अंचल कार्यालय का अपना भवन तक नहीं है। इसके कारण आमलोगों को विभिन्न सरकारी कामों को कराने के साथ ही अधिकारियों से मिलने में परेशानी होती है। यही नहीं जर्जर भवन नहीं गिराए जाने के कारण वहां असामाजिक तत्वों का अड्डा बना हुआ है।
क्वार्टर के छतों से टपकता है पानी :
केवल प्रशासनिक कार्यालय भवन ही नहीं बल्कि आवासीय भवन भी जर्जर हैं। दशकों पूर्व निर्मित प्रखंड सह अंचल कर्मियों का सरकारी क्वार्टर भी पूरी तरह जर्जर हो चुका है। इसकी वजह से यहां के प्रखंड स्तरीय अधिकारियों व कर्मचारियों को रहने में भी परेशानी है। बरसात के दिनों में छत से पानी टपकता है और आवास के आसपास जंगल-झाड़ पनपने से सांप-बिच्छू का भी खतरा बना रहता है। इसके कारण वे भयाक्रांत रहते हैं। कुछ अधिकारियों और कर्मचारियों ने सुरक्षा के मद्देनजर किराए के मकान में रह रहे हैं।
कहते हैं अधिकारी :
भवन निर्माण नहीं होने से बहुत परेशानी होती है। तत्कालीन सीओ द्वारा इस बाबत मुख्यालय को सूचना दी गयी है। उनके द्वारा नए भवन निर्माण का प्रस्ताव दे दिया गया है। इसकी स्वीकृति के बाद ही पुराने जर्जर भवन को गिराकर नया आदर्श भवन बनाया जाएगा।
निर्मल कुमार, बीडीओ
