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दशक बीत जाने के बाद भी डियावां हॉल्ट को नहीं मिला स्टेशन का दर्जा

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दशक बीत जाने के बाद भी डियावां हॉल्ट को नहीं मिला स्टेशन का दर्जा
हिन्दुस्तान टीम,बिहारशरीफSat, 31 Jul 2021 10:21 PM
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खत्म करो इंतजार:

दशक बीत जाने के बाद भी डियावां हॉल्ट को नहीं मिला स्टेशन का दर्जा

स्टेशन का दर्जा मिलने पर तीन प्रखंडों की दो लाख आबादी को होगा फायदा

एक्सप्रेस गाड़ियों का ठहराव नहीं होने से लोगों में निराशा, झेल रहे परेशानी

फतुहा-इस्लामपुर रेलखंड पर बना है डियावां हॉल्ट

फोटो:

डियावां स्टेशन: फतुहा इस्लामपुर रेलखंड के डियावां हॉल्ट पर बना टिकट काउंटर।

करायपरसुराय। निज संवाददाता

दशक बीत जाने के बाद भी डियावां हॉल्ट को स्टेशन का दर्जा नहीं मिला है। इसके कारण इस रेलखंड पर चलने वाली कई ट्रेनों का ठहराव नहीं है। जबकि, फतुहा इस्लामपुर रेलखंड पर बने डियावां हॉल्ट को स्टेशन का दर्जा मिलने पर तीन प्रखंड की आबादी को फायदा होगा। एक्सप्रेस गाड़ियों का ठहराव नहीं होने से लोगों में निराशा है। साथ ही वे वर्षों से परेशानी झेल रहे हैं। इस प्रखंड के लोगों लिए ट्रेन पकड़ने का यह एकमात्र स्थान है। डियावां में आजादी के पहले ट्रेन रुकती थी। डियावां हॉल्ट को स्टेशन बनाने की मांग को लेकर कई बार आंदोलन हो चुका है।

इसे लेकर एक वर्श पहले सोनू यादव व रोहित कुमार सोनू ने आमरण अनशन किया था। वे इसके लिए डंटे रहे थे। चार दिन बाद रेलवे के बड़े अधिकारियों ने आकर वार्ता की थी। आश्वासन के बाद अनशन तोड़ा गया। लेकिन, आज तक डियावां हॉल्ट का कायाकल्प नहीं हो सका।

1922 में मार्टिन रेलवे ने दौड़ाई थी फतुहा इस्लामपुर रेलखंड पर ट्रेन:

बुजूर्ग सिदेश्वर महतो, राजेन्द्र महतो, समाजसेवी दिलखुश कुमार, सुधीर लाल यादव व अन्य ने बताया कि ब्रिटिश काल में बेहतर कंपनियों में शुमार मार्टिन कंपनी द्वारा 24 जनवरी 1922 को फतुहा इस्लामपुर रेलखंड पर ट्रेन सेवा शुरू हुई थी। यह छोटी रेल सेवा तकरीबन 62 वर्ष बाद सन् 1984 में बंद कर दी गयी। मार्टिन रेल सेवा बंद किए जाने के बाद इस रेलखंड का अधिग्रहण कर सरकार ने बड़ी रेल लाइन बिछने का फैसला लिया। इसके बाद कई रेल मंत्री आए और गए। लेकिन इसकी रफ्तार तत्कालिन रेल मंत्री नीतीश कुमार के कार्यकाल में बढ़ी। तकरीबन 18 साल बाद फिर से रेलसेवा बहाल हुई। अब इस रेलवे लाइन का विद्युतीकरण भी हो चुका है।

तीन कैटेगरी में ठहराव स्थल:

नगरनौसा प्रखंड के कोरारी गांव निवासी सुविन्दर सिंह, पवन सिंह, गोरेलाल ने बताया कि 42 किलोमीटर लंबे इसे रेलखंड के ट्रेनों का ठहराव स्थल तीन कैटेगरी में बंटा। तीनों कैटेगरी में 16 जागह ट्रेनों का ठहराव है। इसमें पहला ठहराव स्थल जंक्शन, चार ठहराव स्थल स्टेशन, दो ठहराव स्थल को फ्लैग स्टेशन तथा 9 ठहराव स्थल को हॉल्ट का दर्जा दिया गया था।

190 गांवों के हजारों किसान व कर्मचारी उठाते हैं लाभ:

करायपरसुराय प्रखण्ड के सांध, डियावा, बेरथु, मकरौता, मखदुमपुर, चौरासी, हथिला, गुलरिया बिगहा, नगरनौसा प्रखण्ड के कई गांव समेत लगभग 190 गांवों के हजारों किसान व कर्मचारी यहां आकर रेल पकड़ते हैं। इसे स्टेशन का दर्जा मिलने से राजस्व बढ़ने के साथ ही लोगों को सुविधाएं भी मिलेगी। लोग पटना व दिल्ली राजधानी तक सीधा सफर कर सकेंगे।

कहते हैं जनप्रतिनिधि:

डियावां हॉल्ट को स्टेशन बनाने के लिए कई बार रेलवे अधिकारी को पत्र लिखा गया है। हॉल्ट को स्टेशन बनाने के लिए कई बार आंदोलन व आमरण अनशन भी किया गया। इसे लेकर जल्द ही अभियान चलाया जाएगा।

भूषण पंडित, मुखिया, डियावां

डियावां हॉल्ट को स्टेशन का दर्जा दिलाने के लिए कई बार पत्र लिखा। रेलवे विभाग के नियमानुसार 8 किलोमीटर की दूरी पर स्टेशन का दर्जा दिया जाता है। लेकिन, लोगों की सुविधा को देखते हुए प्रयास जारी है।

कौशलेंद्र कुमार, सांसद

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