जीवनपर्यंत मुगलों से लोहा लेते रहे छत्रपति शिवाजी
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जीवनपर्यंत मुगलों से लोहा लेते रहे छत्रपति शिवाजी
हरनौत। निज संवाददाता
छत्रपति शिवाजी एक ऐसे वीर योद्धा थे, जो जीवनपर्यंत मुगलों से लोहा लेते रहे। विषम परिस्थितियों में भी कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा। हरनौत के एक निजी विद्यालय में शुक्रवार को छत्रपति शिवाजी की जयंती मनाई गई। शिवाजी के चित्र पर पुष्प अर्पित कर श्रद्धांजलि दी गयी। वक्ताओं ने कहा कि शिवाजी जैसा साहसी पराक्रमी राजा आज तक नहीं हुआ। समाजसेवी चंद्रउदय कुमार ने विद्यालय के बच्चों को शिवाजी द्वारा बचपन में किए गए कई प्रेरक कहानियों को बताया।
उन्होंने कहा छत्रपति शिवाजी महाराज जीवन में कभी मुगल शासकों के आगे नतमस्तक नहीं हुए। एक बार जंगली जानवर चीता से जो कि उस इलाके में आदमखोर बन चुका था उसको अपने सैनिकों के साथ जंगल में जाकर चीते को खोजा और उसका संहार किया। इस अवसर पर विद्यालय के प्राचार्य चंद्रभूषण सिंह, लोक गायक अजीत कुमार, समाजसेवी अजय सिंह आदि लोग उपस्थित थे