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चेवाड़ा का कुरमुरी उपस्वास्थ्य केन्द्र बना तबेला

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चेवाड़ा का कुरमुरी उपस्वास्थ्य केन्द्र बना तबेला
हिन्दुस्तान टीम,बिहारशरीफMon, 24 May 2021 07:50 PM
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चेवाड़ा का कुरमुरी उपस्वास्थ्य केन्द्र बना तबेला

बांधे जाते हैं मवेशी, कमरों में रखा जाता है गोइठा

डॉक्टर आते हैं न कर्मी, लोगों का इलाज भगवान भरोसे

फोटो

चेवाड़ा अस्पताल: कुरमुरी उपस्वास्थ्य केंद्र के एक कमरे में रखा गोइठा।

चेवाड़ा । निज संवाददाता

राज्य सरकार द्वारा ग्रामीण इलाकों में बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं बहाल करने के उपस्वास्थ्य केन्द्र खोले गये हैं। इस पर लाखों रुपया हर माह खर्च हो रहा है। लेकिन, हकीकत कुछ और ही है। अधिकारियों की अनदेखी के कारण चेवाड़ा के कुरमुरी उपस्वास्थ्य केन्द्र इन दिनों तबेला बना हुआ है। यहां मवेशी बांधे जाते हैं और कमरे में गोइठा रखा जाता है। सबकुछ जानने के बाद भी जिम्मेवार मूकदर्शक बने हैं।

कुरमुरी उपस्वास्थ्य केन्द्र पर दबंगों का कब्जा है। केन्द्र में कोई भी स्वास्थ्यकर्मी नहीं आते हैं। भवन की स्थिति जर्जर है। न बैठने की जगह है और न ही सामान रखने की। हद तो यह कि कमरे में इंसानों के इलाज के सामान की जगह जानवरों को बांधा जाता है और उसके खाने का चारा, गोइठा व अन्य सामान रखे जाते हैं। गांव के सुनील कुमार, सुनीता देवी, सोनारी देवी, रामप्यारी देवी, उर्मिला देवी व अन्य बताते हैं कि उप स्वास्थ्य केन्द्र में कोई भी डाँक्टर नहीं आते हैं। कर्मियों का दर्शन भी नहीं होता है। लाचारी में गांव के लोगों को इलाज के लिए दूसरी जगह जाना पड़ता है।

आदेश के बाद भी सेवा बहाल नहीं:

कोरोनों को गांवों में पैर पसारने से रोकने के लिए कुछ दिन पहले ही सरकार द्वारा आदेश जारी किया है कि उपस्वास्थ्य केन्द्रों में सेवा बहाल हो। ताकि, लोगों को गांव में ही इलाज और जांच की सुविधा मिले। लेकिन स्थानीय अधिकारियों की लापरवाही के कारण कुरकुमरी स्वास्थ्य केन्द्र को चालू कराना तो दूर इसे दबंगों के कब्जे से मुक्त भी नहीं कराया गया है।

क्या कहते हैं अधिकारी:

वरीय अधिकारियों की अनदेखी के कारण कुरमुरी उपस्वास्थ्य की स्थिति बेहाल है। कर्मियों की कमी के कारण इसे चालू करना संभव नहीं है। केन्द्र पर दबंगों का कब्जा है। कमरे में गोइठा और जानवरों का चारा रखा जाता है। इसकी सूचना अधिकारियों को दी गयी है। लेकिन, कोई कार्रवाई नहीं की गयी।

केपी शर्मा, चिकित्सा पदाधिकारी, चेवाड़ा

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