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नहीं चलेगी मनमानी, कम बिल वसूली पर हटेंगे आरआरएफ

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नहीं चलेगी मनमानी, कम बिल वसूली पर हटेंगे आरआरएफ
हिन्दुस्तान टीम,बिहारशरीफSat, 04 Dec 2021 10:01 PM
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हिन्दुस्तान एक्सक्लूसिव:

नहीं चलेगी मनमानी, कम बिल वसूली पर हटेंगे आरआरएफ

एक माह की मोहलत, करनी होगी कम से कम 85 फीसद मीटरों की रीडिंग

मॉनिटरिंग के लिए बहाल की गयी एजेंसी, हर दिन देनी होगी रिपोर्ट

गांवों में रीडिंग और वसूली के लिए तैनात हैं 166 रूलर रेवेन्यू फ्रेंचाइजी

मुख्य बातें:

01 लाख 90 हजार उपभोक्ता हैं बिहारशरीफ ग्रामीण डिविजन में

फोटो

बिजली : आरआरएफ के साथ मीटिंग करते बिजली अधिकारी।

बिहारशरीफ। कार्यालय प्रतिनिधि

जिले के ग्रामीण इलाकों में घर-घर मीटर रीडिंग और बिजली बिल वसूली करने वाले आरआरएफ (रूलर रेवेन्यू फ्रेंचाइजी) की अब मनमानी और बहानेबाजी नहीं चलने वाली है। तय लक्ष्य से कम रीडिंग व वसूली करने वालों पर कार्रवाई तय है। इतना ही नहीं, नई व्यवस्था में इनकी मॉनिटरिंग के लिए एजेंसी को विभाग ने तैनात कर दिया है।

हर हाल में कम से कम 85 फीसद रीडिंग और 50 फीसद बिल की वसूली करने का लक्ष्य दिया गया है। साथ ही, गलतियों में सुधार के लिए एक माह की मोहलत दी गयी। इसके बाद भी नहीं सुधरे तो काम से हटाया जाना जाएगा। जिले के बिहारशरीफ (ग्रामीण) विद्युत डिविजन के चार सब डिविजन में 120 तो एकंगरसराय के दो सब डिविजन में 46 यानी कुल मिलाकर 166 आरआरएफ काम कर रहे हैं। जबकि, बिहारशरीफ (शहरी) व राजगीर डिविजन में एजेंसी के माध्यम से मीटर रीडिंग व बिजली बिल की वसूली की जाती है।

बिल कलेक्शन की स्थिति ठीक नहीं:

गांवों में मीटर रीडिंग और बिल का कलेक्शन की स्थिति ठीक नहीं हैं। वजह, आरआरएफ का सही तरीके से काम न करना है। नुकसान बिजली कंपनी को उठाना पड़ रहा है। औसतन 30 से 40 फीसद उपभोक्ताओं से ही हर माह बिल की राशि वसूल पाते हैं। जबकि, बार-बार सुधरने की हिदायत दी जाती है। अब इनकी मनमानियों पर पटना की एजेंसी नजर रखेगी। हर दिन का लेखा-जोखा लिया जाएगा।

हर माह 3 करोड़ से ज्यादा की बिजली चोरी:

बिहारशरीफ (ग्रामीण) विद्युत डिविजन में 10 प्रखंडों गांव आते हैं। बिजली उपभोक्ता करीब एक लाख 90 हजार हैं। हर माह बिजली की खपत करीब 3 करोड़ 55 लाख यूनिट होती है। जबकि, बिल जेनरेट करीब दो लाख 68 लाख यूनिट का किया जाता है। शेष करीब 87 लाख यूनिट बिजली चोरी हो जाती है। प्रति यूनिट साढ़े चार रुपया के हिसाब से भी देखा जाए तो बिजली चोरी का आंकड़ा तीन करोड़ 91 लाख के आसपास पहुंच जाता है। करीब 34 हजार मीटर खराब हैं। ऐसे उपभोक्ताओं को औसतन बिल दिया जाता है।

हर काम के लिए मिलता है कमीशन :

आरआरएफ को बिजली विभाग हर काम के लिए कमीशन देता है। इससे उन्हें रोजगार का जरिया मिला है तथा कमाई भी अच्छी हो जाती है। प्रत्येक आरआरएफ के पास एक हजार से 12 सौ उपभोक्ता हैं। मीटर रीडिंग करने पर प्रति मीटर 6 रुपया 39 पैसा कमीशन मिलता है। हर माह कुल राजस्व वसूली का 3 फीसदी कमीशन अलग से मिलता है। खराब मीटर को बदलकर नया लगाने पर प्रति मीटर 153 रुपया विभाग देता है। इतना ही नहीं कोई उपभोक्ता ऑनलाइन बिल जमा करते हैं तो उसपर भी डेढ़ फीसद का कमीशन मिलता है।

कैसे करते हैं स्पॉट रीडिंग:

स्पॉट बिलिंग करने वाले आरआरएफ के पास जीपीएस सिस्टम से लैस मोबाइल और ब्लूटूथ से अटैच प्रिंटर (छोटा) रहता है। वे घरों में जाते हैं और बिजली मीटर की तस्वीर मोबाइल से खींचते हैं। तस्वीर लेते ही उपभोक्ता का नाम, बिल संख्या सहित मीटर रीडिंग के सारे डिटेल्स बिजली विभाग के सर्वर पर लोड हो जाता है। इसके बाद मीटर रीडर प्रिंटर से बिल निकालकर उपभोक्ता को दे देते हैं।

कहते हैं अधिकारी

तय लक्ष्य से कम मीटर रीडिंग व बिजली बिल वसूली करने वाले आरआरएफ को हटाया जाएगा। सुधार के लिए उन्हें एक माह की मोहलत दी गयी थी। बावजूद, सुधार नहीं होने पर कार्रवाई तय है। मॉनिटरिंग के लिए एजेंसी को तैनात किया गया है।

अमित कुमार, एग्जीक्यूटिव इंजीनियर

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