अंतिम संस्कार करना भूल गई बिहार की पुलिस, डिफ्रीज में पड़ा रहा शव; ब्लाइंड मर्डर केस में गजब लापरवाही
मंझौल थाना क्षेत्र के राजपुर घाट के समीप एक बगीचा में एक युवक के ब्लाइंड मर्डर मामले में पुलिस के हाथ अबतक खाली हैं। पुलिस के अनुसार मृतक की अभी तक शिनाख्त नहीं हो पायी है। मृतक की उम्र लगभग 30-35 वर्ष थी। सर पर भारी हथियार से प्रहार कर व डंडे से पीट कर हत्या किया जाना प्रतीत हो रहा था।

बिहार में पुलिस की गजब लापरवाही सामने आई है। बेगूसराय जिले में पुलिस एक डेड बॉडी का अंतिम संस्कार ही कराना भूल गई। यहां मंझौल थाने की पुलिस की लापरवाही सामने आयी है। लापरवाही इस मायने में कि मंझौल थाने की पुलिस को सदर अस्पताल में रखे गये जिस शव को 72 घंटे के तुरंत बाद ही वहां उठाकर दाह संस्कार करना था, उस शव को पुलिस ने सदर अस्पताल के डिफ्रीज में आठ दिनों तक छोड़ दिया। सदर अस्पताल का यह पहला मामला सामने आया है जब किसी अज्ञात शव का पोस्टमार्टम के बाद आठ दिनों तक डिफ्रीज में छोड़ दिया गया हो व उसकी पहचान भी नहीं हो पायी हो।
इसकी जानकारी जैसे ही सदर अस्पताल से बाहर आयी तो जिलेभर में यह खास चर्चा का विषय बन गया। असल में 21 दिसंबर की सुबह मंझौल थाना के राजपुर घाट के समीप एक बगीचा से पुलिस ने एक अज्ञात युवक के ब्लाइंड मर्डर के बाद शव बरामद कर सदर अस्पताल में पोस्टमार्टम कराया था। शव का पोस्टमार्टम कराने आये मंझौल थाने का चौकीदार ने 27 दिसंबर को जब इसकी शिकायत की तो अस्पताल प्रबंधन के भी कान खड़े हो गये।
डीएस डॉ. संजय कुमार सिंह ने मामले की गंभीरता देख पोस्टमार्टम विभाग के लिपिक राजेश कुमार सिन्हा को निर्देश देते हुए मंझौल थाने की पुलिस को सूचना देकर 12 घंटे के अंदर शव को हटाने के लिए बोला गया। उसके बाद लिपिक की सूचना पर मंझौल थाने की पुलिस शनिवार को दाह संस्कार की सारी व्यवस्था के साथ सदर अस्पताल पहुंची व शव को मंझौल थाने ले गयी। डीएस के अनुसार किसी अज्ञात शव का पोस्टमार्टम के बाद उसकी पहचान के लिए शव को 72 घंटे के लिए सदर अस्पताल में रखा जाता है। पहचान होने तक शव सुरक्षित रहे इसके लिए सदर अस्पताल में डिफ्रीज की व्यवस्था है।
ब्लाइंड मर्डर में पुलिस के हाथ खाली
मंझौल थाना क्षेत्र के राजपुर घाट के समीप एक बगीचा में एक युवक के ब्लाइंड मर्डर मामले में पुलिस के हाथ अबतक खाली हैं। पुलिस के अनुसार मृतक की अभी तक शिनाख्त नहीं हो पायी है। मृतक की उम्र लगभग 30-35 वर्ष थी। सर पर भारी हथियार से प्रहार कर व डंडे से पीट कर हत्या किया जाना प्रतीत हो रहा था। शव के पास देसी कट्टा एवं एक जिंदा कारतूस रखकर आत्महत्या या अपराधी दिखाने का प्रयास किया गया।