इन तीन जिलों में खुलेगी जीविका दीदी हाट, मिथिला पेंटिंग से लेकर जिंदा मछली तक; मिलेंगे यह सभी सामान
मस्तीपुर, भोजपुर व नालंदा में स्थित सरकारी पुराने भवन का इस्तेमाल किया जाएगा। इसके लिए मनरेगा आदि के तहत बने पुराने भवन में इसे खोला जाएगा। हाट में 25 दुकानें होगी, जिसमें मिथिला पेंटिंग, शिल्प, क्राफ्ट और आचार आदि का अलग स्टॉल रहेगा।
दिल्ली हाट की तरह अब बिहार में जीविका दीदी हाट खोली जाएगी। हाट में हाथ से बने उत्पाद के अलावा सुधा का दूध और हरी सब्जी भी मिलेगी। जन औषधि भी मिलेगी। 25 दुकानों वाला हाट सुबह छह बजे से रात के आठ बजे तक खुली रहेगी। इन दुकानों में पूरे बिहार की दीदियों के समान रखे जाएंगे।
गौरतलब है कि हाट लगाने की तैयारी जीविका ने शुरू कर दी है। इसके लिए जगह का चयन किया जा रहा है। समस्तीपुर, भोजपुर व नालंदा में स्थित सरकारी पुराने भवन का इस्तेमाल किया जाएगा। इसके लिए मनरेगा आदि के तहत बने पुराने भवन में इसे खोला जाएगा। हाट में 25 दुकानें होगी, जिसमें मिथिला पेंटिंग, शिल्प, क्राफ्ट और आचार आदि का अलग स्टॉल रहेगा।
ये सारी सुविधाएं मिलेंगी जीविका हाट में
● बिजली की पूरी व्यवस्था
● दुकान चलाने के लिए सारी मूलभूत सुविधाएं
● हाट में प्रतिदिन इस्तेमाल होने वाली तमाम चीजें मिलेंगी
● जिंदा मछली मिलेगा
● दुकानों की हर दिन सफाई की जाएगी
● सुबह के नाश्ता से लेकर रात का खाना की सुविधा दीदी की रसोई से
छोटे तालाब से लोगों को मिल सकेगी जिंदा मछली
जो जीविका दीदी मत्स्य पालन करती हैं, उन्हें भी स्टॉल दिया जाएगा। ये दीदियां छोटे तालाब में मछली पालन करेंगी। यहां से ग्राहक को जिंदा मछली मिलेगा। इसके अलावा जन औषधि स्टॉल के आलावा कियोस सेंटर भी रहेगा। यहां का भी मजा ले सकेंगे।
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