Bihar Election: पोस्टर-बैनर से ऊपर उठा चुनाव प्रचार; AI कार्टून, वीडियो से विरोधियों पर चोट का नया दौर
संक्षेप: बिहार चुनाव में पहली बार एआई वीडियो से जमकर प्रचार हो रहा है। अपने एजेंडे को उभारने, विरोधियों पर हमला करने, कीचड़ उछालने और यहां तक कि व्यक्तिगत हमला करने के लिए इसका व्यापक और लगातार इस्तेमाल हो रहा है।
Bihar Election: बिहार में विधानसभा चुनाव का पूरा माहौल बन गया है। चुनाव प्रचार अब सिर्फ पोस्टर-बैनर तक सीमित नहीं रहा। नुक्कड़-नाटकों से मुद्दों पर प्रहार भी पुराने दौर की बात हो चली है। अब तकनीक का जमाना है। एआई (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस) जनित वीडियो विपक्षियों पर वार करने का प्रमुख टूल बनकर उभरा है। यह मनोरंजक तो है ही, सभी घरों तक आसानी से पहुंच रहा है और युवा पीढ़ी में सबसे ज्यादा असर डाल रहा है। बिहार चुनाव में पहली बार एआई वीडियो से जमकर प्रचार हो रहा है। अपने एजेंडे को उभारने, विरोधियों पर हमला करने, कीचड़ उछालने और यहां तक कि व्यक्तिगत हमला करने के लिए इसका व्यापक और लगातार इस्तेमाल हो रहा है।
भाजपा और कांग्रेस में होड़ सी मची है। जदयू-राजद भी पीछे नहीं हैं। यानी सब के सब एआई जंग में कूद पड़े हैं। इन दलों के सोशल साइट पर विपक्षियों की पोल खोलते ऐसे वीडियो की भरमार है। समर्थकों द्वारा भी खुद रील्स शेयर किए जा रहे हैं। ये लोगों के लिए मनोरंजक भी हैं और चुनावी संदेश को तेजी से फैलाने का माध्यम भी बन गए हैं। हाल ही में पीएम नरेंद्र मोदी पर तंज कसते कांग्रेस के ‘साहब के सपनों में आई मां’ वीडियो पर खूब बवाल मचा। हाईकोर्ट ने इसे हटाने के आदेश भी दिए।
डिजिटल प्लेटफॉर्म राजनीतिक प्रभाव बढ़ाने का नया हथियार
कांग्रेस के सोशल मीडिया पेज पर जहां वोट चोरी, बेरोजगारी, कानून व्यवस्था, जुमलेबाजी के वीडियो की भरमार है, वहीं भाजपा के पेज पर चारा घोटाला और बीस वर्ष पहले का बिहार दिखाकर जनता को आगाह किया जा रहा है। जदयू ने बिहार की प्रगति यात्रा दिखाई है। राजद गरीबी, बेरोजगारी, अपराध, शिक्षा, स्वास्थ्य जैसे मुद्दों पर प्रहार करते हुए तेजस्वी को भावी सीएम के रूप में दिखा रहा है। कुल मिलाकर इस चुनाव में एआई वीडियो अब चुनावी संदेश देने, मतदाताओं को प्रभावित करने, जनता में चर्चा पैदा करने और डिजिटल प्लेटफॉर्म पर राजनीतिक प्रभाव बढ़ाने का नया हथियार बन गया है।
इस तरह की थीम
● एआई कार्टून से मुद्दों और घटनाओं का चित्रण।
● पुरानी घटनाओं का चित्रण कर नेताओं पर प्रहार।
● अपने पक्ष में लोगों की राय दिखाना।
● कालखंड में हुई प्रगति या दुर्गति को दिखाना।
● मुद्दों को वोटरों तक पहुंचाना, विपक्ष पर चोट।
भाजपा-जदयू कर रहे तेजस्वी- राहुल पर वार
एआई कार्टून और वीडियो सीरिज की भरमार है। शुक्रवार को भाजपा ने ‘हम समय बानी’ शीर्षक से वीडियो पोस्ट किया है। इसमें लालू परिवार के बीच संजय यादव को लेकर चर्चा दिखाई गई है। सीएम को लेकर लालू परिवार में फूट शीर्षक से एक और वीडियो चलाया है। इससे पहले भाजपा ने ‘तबेला टाइम्स’ की सीरिज बनाई थी। इसमें लालू काल की नीतियों पर प्रहार था। वेलकम टू माई ब्लॉग में सीएम नीतीश की तारीफ करते राजद नेताओं के वीडियो हैं। लालू राज में बिहार की दुर्गति दिखाने वाली सीरिज भाजपा-जदयू के हैं। राहुल को किसानों से पूछते हुए दिखाया गया है कि मखाना किस पेड़ पर उगता है। जदयू बिहार में 20 सालों के बदलाव की यात्रा दिखा रहा है। पार्टी ने नीतीश कुमार की यात्राओं, उनके भाषणों के अंश, ऐतिहासिक निर्णयों से जुड़े वीडियो साझा किए हैं। जदयू के एक एआई जनित वीडियो में तेजस्वी को यह कहते हुए दिखाया गया है कि चंद्रग्रहण भी हो गया, न जाने मेरा शपथ ग्रहण कब होगा।
विपक्ष भी पीछे नहीं
कांग्रेस ने बवाल बिहारी बनाया है, जो बेरोजगारी और वोट चोरी जैसे मुद्दों उठाने वाला एक वीडियो सीरिज है। इसमें लोगों की राय दिखाकर सत्ता पर प्रहार किया जा रहा है और जनभावनाओं को सीधे जनता तक पहुंचाया जा रहा है। वोट चोरी के एआई सीरिज में कांग्रेस ने पीएम मोदी के साथ ही चुनाव आयोग पर भी खूब तंज कसा है। साथ ही वोट चोर गद्दी छोड़ का नारा लगवाते हुए कई तरह के वीडियो बनाए हैं, जो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहे हैं। इसके अलावा राजद ने बीस साल से कुछ नहीं हुआ के वीडियो दिखाते हुए तेजस्वी से उम्मीद दिखाने वाले वीडियो साझा किए हैं। इसके अलावा ऐ पीएमजी, काहे बोलते हैं इतना झूठ सुबह-शाम के वीडियो भी बनवाए गए हैं।





