Bihar Sunset Time Today: छठ महापर्व की धूम, आपके जिले में कितने बजे डूबेंगे भगवान सूर्य; जान लें टाइम
Bihar Sunset Time Today: कहा जाता है कि सूर्य देव की उपासना से संतान प्राप्ति, संतान की रक्षा और सुख-समुद्धि का वरदान भी मिलता है। मान्यता है कि डूबते हुए सूर्य को अर्घ्य देने से जीवन की समस्याएं दूर होती हैं।
Bihar Sunset Time Today: लोक आस्था के महापर्व छठ की छटा अपने उत्कर्ष पर है। हर घर में मंदिर के जैसी स्वच्छता और हर मन में भगवान भास्कर के प्रति कृतज्ञता का बोध है। हर कोई भगवान भास्कर के मनुहार में लगा है। आस-पड़ोस और वैश्विक कल्याण की कामना है तो स्वजनों और परिजनों की कंचन काया की मन्नतें। व्रती हर समय भगवान भास्कर और छठी मइया से निहोरा कर रहे हैं। व्रती के साथ अन्य लोग भी पूरी आस्था से अपनी भागीदारी दिखा रहे हैं। छठ पूजा के तीसरे दिन यानी गुरुवार को छठ व्रती डूबते हुए सूर्य को अर्घ्य देंगे। बिहार में छठ एक महापर्व के तौर पर मनाया जाता है। कई लोगों के मन में यह सवाल है कि शाम के वक्त भगवान सूर्य कितने बजे डूबेंगे ताकि उनके अर्घ्य दिया जा सके।
सूर्य डूबने का समय क्या है
बिहार के बक्सर जिले में शाम 5:09 बजे सूर्यास्त होगा। भोजपुर जिले में सूर्यास्त का समय 05:07 बजे होगा। भभुआ जिले में शाम 5:11 मिनट पर सूर्यास्त होगा। रोहतास जिले में शाम 5:09 बजे, अरवल जिले में शाम 5:06 बजे, औरंगाबाद में शाम 5:09 बजे, जमुई जिले में शाम 5:01 बजे, जहानाबाद जिले में 5:05 बजे, भागलपुर जिले में 4:58 बजे, खगड़िया जिले में 4:59 बजे, मुंगेर जिले में शाम 4:59 बजे सूर्यास्त होगा। इस दिन श्रद्धालु विभिन्न घाटों पर घुटने भर पानी में खड़ा होकर अर्घ्य देते हैं।
इसी तरह गया जिले में सूर्यास्त का समय शाम 05:06 बजे, शेखपुरा जिले में में शाम 05:02 बजे, नालंदा जिले में में शाम 04:59 बजे, बांका जिले में शाम 04:58 बजे, नालंदा जिले में में शाम 04:59 बजे सूर्यास्त का समय होगा। पटना में सूर्यास्त का समय शाम 05:04 बजे होगा। इसके अलावा पूर्णिया में सूर्यास्त 04:55 बजे, दरभंगा में 5:01 बजे और गोपालगंज में शाम 5:01 बजे होगा।
कहा जाता है कि सूर्य देव की उपासना से संतान प्राप्ति, संतान की रक्षा और सुख-समुद्धि का वरदान भी मिलता है। मान्यता है कि डूबते हुए सूर्य को अर्घ्य देने से जीवन की समस्याएं दूर होती हैं। कहा जाता है कि सूर्य का ढलना जीवन के उस समय को दिखाता है जब मेहनत और तपस्या के फल प्राप्ति का समय होता है।