
बिहार के 1 करोड़ लोगों को देना होगा जीवन प्रमाण पत्र, नहीं तो खाते में पैसा आना बंद हो जाएगा
संक्षेप: बिहार के एक करोड़ से ज्यादा लोगों को अपना जीवन प्रमाण पत्र देना होगा, नहीं तो उनके खाते में सरकारी पेंशन योजना का पैसा आना बंद हो जाएगा।
बिहार के एक करोड़ से अधिक लोगों को नवंबर 2025 तक जीवन प्रमाण पत्र दाखिल करना होगा। ऐसा नहीं करने पर उनके खाते में सरकारी पेंशन का पैसा आना बंद हो सकता है। सभी पेंशन धारकों को साल में एक बार अपने जीवित होने का प्रमाण पत्र अपने-अपने मूल कार्यालय में जमा करना होता है ताकि उनकी पेंशन जारी रहे। यह अनिवार्य है।

पेंशन एवं पेंशनभोगी कल्याण विभाग, भारत सरकार के अनुसार, वह 1 नवंबर से 30 नवंबर, 2025 तक देश में चौथा राष्ट्रव्यापी डिजिटल जीवन प्रमाण पत्र अभियान चलाएगा। बिहार में पेंशन धारकों में अकेले 1.13 करोड़ सामाजिक सुरक्षा पेंशन धारक हैं। इनके अलावा, बिहार सरकार के एवं केंद्र सरकार की सेवा से सेवानिवृत्त कर्मी, मृत सरकारी कर्मियों के पत्नियों को मिलने वाला पारिवारिक पेंशनधारक भी हैं। इनमें राज्य सरकार की सेवा से सेवानिवृत एवं पारिवारिक पेंशनधारकों की संख्या करीब 3.5 लाख है।
ऐसे बनाएं जीवन प्रमाण पत्र-
डाक विभाग की सेवा भी जीवन प्रमाण पत्र बनाने के लिए घर-घर सेवा उपलब्ध कराता है। इंडिया पोस्ट पेमेंट्स बैंक (आईपीपीबी) ‘पोस्टमैन के माध्यम से डोरस्टेप सेवा’ प्रदान करता है। पोस्टइन्फो ऐप या वेबसाइट के माध्यम से अपने घर पर सेवा के लिए अनुरोध किया जा सकता हैं।
खुद से जीवन प्रमाण पत्र ऑनलाइन बनाने के लिए पहले जीवन प्रमाण ऐप डाउनलोड करना होगा। आधार नंबर और अन्य व्यक्तिगत जानकारी जैसे पेंशन भुगतान आदेश (पीपीओ) नंबर और बैंक खाता विवरण दर्ज करनी होगी। और फिर आधार से जुड़े मोबाइल नंबर पर भेजे गए ओटीपी से अपनी पहचान सत्यापित करनी होगी।
ऑनलाइन या ऑफलाइन जीवन प्रमाण पत्र दाखिल करना होगा
जीवन प्रमाण पत्र ऑनलाइन या ऑफलाइन दाखिल किया जा सकता है। ऑनलाइन जीवन प्रमाण पोर्टल या जीवन प्रमाण ऐप का उपयोग किया जा सकता है। इसके अलावे, ऑफलाइन सुविधा के तहत नजदीकी सीएससी केंद्र, बैंक की शाखा, पोस्ट ऑफिस या किसी सरकारी कार्यालय में जाकर बायो-मैट्रिक रूप से जमा किया जा सकता है। इसके लिए आधार नंबर, पेंशन भुगतान आदेश संख्या और बैंक खाते से संबंधित जानकारी की आवश्यकता होती है।





