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मां सरस्वती की पूजा व शतचंडी पाठ से माहौल भक्तिमय

बूढ़ानाथ मंदिर परिसर में चल रहे अंगधात्री नवरात्र सह चंडीपाठ महायज्ञ के पांचवें दिन भगवती स्वरूपा मां सरस्वती की पूजा की गयी। इस मौके पर शतचंडी पाठ से पूरा माहौल भक्ति के रंग से सरोबार हो...

मां सरस्वती की पूजा व शतचंडी पाठ से माहौल भक्तिमय
हिन्दुस्तान टीम,भागलपुरThu, 30 Jan 2020 07:53 PM
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बूढ़ानाथ मंदिर परिसर में चल रहे अंगधात्री नवरात्र सह चंडीपाठ महायज्ञ के पांचवें दिन भगवती स्वरूपा मां सरस्वती की पूजा की गयी। इस मौके पर शतचंडी पाठ से पूरा माहौल भक्ति के रंग से सरोबार हो गया।

देवी चर्चा करते हुए आचार्य अशोक ठाकुर महाराज जी ने कहा कि संसार में तीन गुण क्रमश: सत, रज व तमोगुण है। इन्हीं तीनों गुणों से पूरा संसार चलता है। संसार के सभी जीव-जंतु और देवी-देवता इन्हीं तीनों गुणों से प्रभावित हैं। उन्होंने वसंत पंचमी पर प्रकाश डालते कहा कि एक बार देवी गंगा व सरस्वती भगवान विष्णु से मिलने के लिए उनके लोक पहुंची। दोनों देवियों को मिलने के लिए इंतजार करना पड़ा तो दोनों ने इसकी वजह एक-दूसरे को बतायी।

इसी दौरान दोनों ने एक-दूजे को नदी बनकर धरती पर बहने का श्राप दे दिया। इसके बाद गंगा भगवान शंकर के पास गयी तो देवी सरस्वती भगवान ब्रह्मा के पास भेज दी गयी। जिस दिन मां सरस्वती भगवान ब्रह्मा के पास पहुंची थी उस दिन माघ मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि थी। तभी से ही विद्या की अधिष्ठात्री देवी सरस्वती की पूजा इस तिथि के दिन की जाने लगी। कथा के दौरान सैकड़ों भक्त उपस्थित थे।

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