नगर निगम से मिले वेंडिंग प्रमाणपत्र में कई त्रुटियां, लाभुक परेशान
प्रधानमंत्री स्वनिधि योजना में दिए जा रहे वेंडिंग प्रमाणपत्र में कई तरह की गड़बड़ियां हो रही हैं। प्रमाण पत्र लेने के बाद लाभुक नगर निगम का चक्कर...
भागलपुर, वरीय संवाददाता
प्रधानमंत्री स्वनिधि योजना में दिए जा रहे वेंडिंग प्रमाणपत्र में कई तरह की गड़बड़ियां हो रही हैं। प्रमाण पत्र लेने के बाद लाभुक नगर निगम का चक्कर काट रहे हैं। इसकी प्रक्रिया इतनी जटिल है कि सुधार नहीं हो रहा है। किसी की फोटो गलत लगी है तो किसी का पारिवारिक ब्योरा गलत भरा गया है। लाभुकों को लग रहा है कि इसकी वजह से उन्हें इस आधार पर लाभ से वंचित रहना पड़ेगा।
हॉस्पिटल चौक पर वेंडिंग करने वाले मनोज कुमार ने बताया कि वेंडिंग प्रमाणपत्र में जो फोटो लगायी गई है वह उनका और उनके परिवार का नहीं है। पारिवारिक ब्योरा में पत्नी का नाम लक्ष्मी देवी और दो पुत्री का नाम लाडली कुमारी और उषा कुमारी है जो उनके परिवार का नहीं है। हॉस्पिटल चौक पर ही वेंडिंग करने वाले संजय कुमार ने बताया कि प्रमाणपत्र में फोटो उनकी है लेकिन पारिवारिक ब्योरा गलत भरा गया है। पत्नी के नाम में सुनीता देवी है और बेटी के नाम में खुशी कुमारी है जो गलत है। उन्होंने बताया कि प्रमाणपत्र देते समय अधिकारियों को यह बताया गया लेकिन कहा गया कि बाद में ठीक करा लेना। अब डर है कि जो 10 हजार रुपये का ऋण दिया जा रहा है वह मिलेगा या नहीं।
प्रधानमंत्री स्वनिधि योजना के तहत नगर निगम क्षेत्र में 274 लोगों को 10 हजार रुपए ऋण दिया गया। इसके लिए 2674 आवेदन प्राप्त हुए हैं। नगर निगम को मिले आवेदनों में 588 पर स्वीकृति हो गई है। इसके लाभुकों में 18 महिलाएं भी शामिल हैं। लॉकडाउन के बाद रेहड़ी- पटरी वालों को अपना काम नए सिरे से शुरू करने के मकसद से केंद्र सरकार ने प्रधानमंत्री स्वनिधि योजना शुरू की है। इस योजना के तहत सड़क के किनारे छोटा-मोटा काम करने वाले लोगों को 10000 रुपये तक का ऋण आसान शर्तों पर मुहैया कराया जाता है। जितने आवेदन आए हैं उनमें से 1517 को लेटर आफ रिकमेंडेशन जारी किया गया है। 1289 लाभुकों को वेंडर कार्ड भी जारी कर दिया गया है।
अधिकारी बोले
सिटी मैनेजर रविश चन्द्र वर्मा बताते हैं कि प्रमाणपत्र में कुछ त्रुटि होने की शिकायत उन्हें भी मिली है। लेकिन अगर नाम सही है तो ऋण मिलने में दिक्कत नहीं होगी। उन्होंने बताया कि प्रमाणपत्र नगर निगम में नहीं बनता है इसलिए इसके सुधार के लिए दिल्ली भेजना होगा। त्रुटि की जो शिकायत आएगी उसे एकत्रित कर सुधार के लिए भेजा जाएगा।