संक्रमित मरीजों के संपर्क में आए लोगों की पहचान नहीं हो रही
जिले में कंटेनमेंट जोन बनाना महज एक औपचारिकता बनकर रह गयी है। कोरोना संक्रमण तेजी से जिले में फैल रहा है। संक्रमित मरीजों का आंकड़ा रोज सौ या उसके आसपास पहुंच रहा है लेकिन अधिकारी कंटनेमेंट जोन घोषित...
जिले में कंटेनमेंट जोन बनाना महज एक औपचारिकता बनकर रह गयी है। कोरोना संक्रमण तेजी से जिले में फैल रहा है। संक्रमित मरीजों का आंकड़ा रोज सौ या उसके आसपास पहुंच रहा है लेकिन अधिकारी कंटनेमेंट जोन घोषित नहीं कर रहे हैं। इसके चलते संक्रमित मरीजों के संपर्क में आए लोगों की पहचान भी सही तरीके से नहीं हो पा रही है।
पिछले 15 दिनों में कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या में तेजी से वृद्धि हुई है। शहरी क्षेत्र के अधिकांश मोहल्लों में कोरोना संक्रमित मरीज पाये गये हैं लेकिन एक महीने से कंटेनमेंट जोन घोषित करने को लेकर जिले के अफसर गंभीर नहीं हैं। सरकार ने कंटेनमेंट जोन को छोड़कर अन्य क्षेत्रों में महत्वपूर्ण गतिविधियों को शुरू करने का निर्देश दिया है।
कंटेनमेंट जोन नहीं बनने से संक्रमित मरीज के क्षेत्र में सख्ती नहीं बरती जा रही है। चार अगस्त को मुख्य सचिव ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से कंटेनमेंट जोन में लॉकडाउन का सख्ती से पालन करने का निर्देश दिया था। इसके एक ही दिन में केवल सदर अनुमंडल क्षेत्र के 26 क्षेत्रों को कंटेनमेंट जोन घोषित किये गये। उसमें नगर निगम क्षेत्र के 13 क्षेत्र शामिल हैं। इसके बाद भी शहरी क्षेत्र के कई मोहल्ले ऐसे हैं जहां मरीज के संक्रमित पाये जाने के बावजूद कंटेनमेंट जोन घोषित नहीं किया गया।