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भागलपुर के दो होनहारों ने यूपीएससी में पाई सफलता, मिला 102वां और 597 रैंक

सिविल सर्विसेज 2018 की परीक्षा में भागलपुर के दो छात्रों ने जिले का मान बढ़ाया है। मिरजानहाट के रहने वाले इंद्र बदन झा ने 102 वां रैंक हासिल किया वहीं भीखनपुर के तौसिफ को यूपीएससी में मिला 597...

भागलपुर के दो होनहारों ने यूपीएससी में पाई सफलता, मिला 102वां और 597 रैंक
भागलपुर, वरीय  संवाददाताSat, 06 Apr 2019 05:14 PM
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सिविल सर्विसेज 2018 की परीक्षा में भागलपुर के दो छात्रों ने जिले का मान बढ़ाया है। मिरजानहाट के रहने वाले इंद्र बदन झा ने 102 वां रैंक हासिल किया वहीं भीखनपुर के तौसिफ को यूपीएससी में मिला 597 रैंक।


इंद्रबदन झा दूसरी बार की परीक्षा में रैंक सुधारा
सिविल सर्विसेज 2017 की परीक्षा में 169 रैंक लाने वाले इंद्रबदन झा ने अपने रैंक को सुधारा और एक बार फिर से यूपीएससी-2018 की फाइनल परीक्षा में 102वीं रैंक लाया।  

रायबरेली से दसवीं (2006), डीपीएस आरके पुरम दिल्ली से 12वीं(2008) और पीजी किया। इसके बाद वह सिविल सेवा की परीक्षा की तैयारी में जुट गए। इस बीच वह दिल्ली स्थित एक निजी फर्म में डेटा एनालिस्ट के रूप में भी काम किए। उन्होंने पहली बार में वह प्री में भी चयनित नहीं हुए लेकिन दूसरी बार में उनका चयन हुआ। इसके लिए उन्होंने कई लेखकों की किताबें पढ़ीं, एनसीईआरटी की किताबें पढ़ी और समाचार पत्रों का अध्ययन किया।

वह जगदीशपुर के बलथारा गांव से उनके जन्म के बाद वह कई जगह रहे। क्योंकि उनके पिताजी स्वर्गीय त्रिभुवन झा उत्तर प्रदेश की रूरल इंजीनियरिंग सर्विसेज में एग्जीक्यूटिव इंजीनियर थे। 2006 में उनके पिताजी के गुजरने के बाद मिरजानहाट भागलपुर में रहने वाली उनकी मां ने ही उनके पढ़ाई का सारा बोझ उठाया। उनकी बहर अर्चना और बहनोई  अमरकांत ठाकुर रांची में रहते हैं।

आईपीएस बनकर पुलिस पर जनता का भरोसा बढ़ाना चाहते हैं तौसिफ
भीखनपुर गुमटी नंबर तीन निवासी मो. तौसिफ उल्लाह को यूपीएससी की परीक्षा में 597 वीं रैंक मिली है। उन्होंने तीसरे प्रयास में यह सफलता हासिल की है। वर्तमान में वह नगरपालिका नई दिल्ली में मेडिकल ऑफिसर के तौर पर कार्यरत हैं। उन्होंने बताया कि उन्हें आईपीएस में सेवा का मौका मिल सकता है। मौका मिला तो अपने प्रदेश बिहार में जाना चाहेंगे। क्राइम काफी बढ़ा हुआ है उसे कम करेंगे। पुलिस प्रशासन पर आम जनता का भरोसा कम है। उस भरोसे को दूर करने का प्रयास करूंगा।

तौसिफ ने कहा कि परिश्रम ही सफलता का उपाय है। इसमें तबतक नहीं रुकें जबतक मंजिल नहीं मिल जाए। तौसिफ के पिता मो. अब्दुल्ला छोटा-मोटा व्यवसाय करते हैं। मां जाकिया सुल्तान गृहणी हैं। उन्होंने बताया कि इसके पहले वह दो बार के प्रयास में साक्षात्कार तक गए थे। लेकिन अंतिम रूप से चयन नहीं हो सका। एसकेपी विद्या बिहार से 10वीं (2004) तक पढ़ाई की। उसके बाद साइंस कॉलेज पटना से 12वीं(2006) की पढ़ाई की। इसके बाद जिपमर पॉडिचेरी से एमबीबीएस (2008-14) की पढ़ाई की। 2016-17 से नगरपालिका नई दिल्ली में मेडिकल ऑफिसर के तौर पर चयन हुआ।
वह तीन भाई-बहन में सबसे छोटे हैं। बड़े भाई आसिफ उल्लाह बंगलूरू में इंजीनियर हैं। वहीं बहन नाहिदा आमिर भी बंगलूरू में रहती हैं। एसकेपी विद्या विहार के संचालक मनिकांत विक्रम में तौसिफ को बधाई दी है।
 

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