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नौकरी में कोटा रहने से बढ़ा स्काउट एंड गाइड में रुझान

नौकरी व कॉलेजों में नामांकन में कोटा मिलने के कारण स्काउट एंड गाइड में प्रशिक्षण पाने के लिए स्कूली बच्चों का रुझान बढ़ता जा रहा है। तीन-चार साल पूर्व जहां मुश्किल से 30 स्कूलों में प्रशिक्षण चलता था...

नौकरी में कोटा रहने से बढ़ा स्काउट एंड गाइड में रुझान
हिन्दुस्तान टीम,भागलपुरWed, 13 Nov 2019 12:34 AM
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नौकरी व कॉलेजों में नामांकन में कोटा मिलने के कारण स्काउट एंड गाइड में प्रशिक्षण पाने के लिए स्कूली बच्चों का रुझान बढ़ता जा रहा है। तीन-चार साल पूर्व जहां मुश्किल से 30 स्कूलों में प्रशिक्षण चलता था वहीं अब बढ़कर 85 विद्यालयों में पहुंच गया है। इसके साथ कॉलेजों में भी छात्र-छात्राएं इसका प्रशिक्षण ले रहे हैं।

स्काउट एंड गाइड में भागलपुर के बच्चे काफी बेहतर कर रहे हैं। वर्ष 2015 में 14 बच्चे, 2016 में सात, 2017 में तीन बच्चे राष्ट्रपति अवार्ड से सम्मानित हो चुके हैं जबकि वर्ष 2018 व 2019 के लिए राष्ट्रीय मुख्यालय, भारत स्काउट एंड गाइड नई दिल्ली के द्वारा शिविर नहीं लगाया गया है। जिला संगठन आयुक्त विपिन कुमार सिंह ने बताया कि स्काउट एंड गाइड में 10 से 17 वर्ष के छात्र भाग लेते हैं। उन्हें प्रवेश, दीक्षा, प्रथम सोपान, द्वितीय सोपान, तृतीय सोपान कराया जाता है। इसके बाद राज्य पुरस्कार के लिए वह भाग लेते हैं। यहां सफल होने पर उनका नाम राष्ट्रपति अवार्ड के रूप में भेजा जाता है।

रेलवे की नौकरी व टिकट में भी छूट

स्काउट एंड गाइड के छात्रों को रेलवे की नौकरी में कोटा मिलता है। जो बच्चे राष्ट्रपति अवार्ड से सम्मानित हैं या जो प्रथम सोपान भी किया है उसको भी लाभ मिलता है। जिला संगठन आयुक्त ने बताया कि रेलवे में प्रत्येक छह माह पर स्काउट एंड गाइड के लिए अलग से नियुक्ति निकाली जाती है। इसके अलावा आर्मी, पुलिस, सीआईएसएफ आदि की नियुक्ति में भी लाभ दिया जाता है। साथ ही जो स्काउट एंड गाइड, रेंजर्स व रोवर्स के छात्र-छात्राएं राष्ट्रपति अवार्ड से प्रशिक्षित हैं उनको रेलयात्रा का किराया भी 50 प्रतिशत ही देना पड़ता है।

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