मुठभेड़ में मारे गए दोनों नक्सलियों की हुई शिनाख्त, एक मुंगेर और दूसरा जमुई का
सीआरपीएफ और नक्सलियों के बीच हुई मुठभेड़ में मारे गए दोनों नक्सलियों की शिनाख्त हो चुकी है। एक मुंगेर का और दूसरा जमुई का रहने वाला था। बरहट थाना क्षेत्र के बरमसिया जंगल में शनिवार की रात सीआरपीएफ और...
सीआरपीएफ और नक्सलियों के बीच हुई मुठभेड़ में मारे गए दोनों नक्सलियों की शिनाख्त हो चुकी है। एक मुंगेर का और दूसरा जमुई का रहने वाला था। बरहट थाना क्षेत्र के बरमसिया जंगल में शनिवार की रात सीआरपीएफ और प्रतिबंधित नक्सली संगठन भाकपा माओवादी के पीएलजी दस्ते के साथ हुई मुठभेड़ में मारे गए दोनों नक्सलियों की पहचान हो चुकी है। एसपी जयंतकांत ने इसकी पुष्टि करते हुए बताया कि एक नक्सली मुंगेर जिले का रहने वाला है जबकि दूसरा नक्सली चकाई क्षेत्र का है। शीघ्र ही नाम का खुलासा किया जाएगा।
एसपी की मानें तो जमुई के जंगली क्षेत्र में मुठभेड़ के दौरान स्थानीय के अलावा झारखंड और छत्तीसगढ़ समेत अन्य राज्यों से भी नक्सली आए थे। उनकी योजना पुलिस पर चौतरफा हमला करने की थी। सीआरपीएफ के जवानों को इसकी भनक लग गई और पुलिस ने भी अपनी योजना बनाकर नक्सलियों के खिलाफ कार्रवाई की। दोनों ओर से करीब 4 घंटे तक लगातार गोलीबारी हुई जिसमें दो नक्सली मुठभेड़ में मारे गए।
एसपी ने बताया कि जंगल इलाके में खून के धब्बे मिले हैं। उम्मीद है कि मुठभेड़ के दौरान कई और नक्सली हताहत हुए हैं। इन इलाकों में सर्च अभियान चल रहा है। ग्रामीण चिकित्सकों पर भी नजर रखी जा रही है। निजी अस्पतालों के अलावा जमुई जिले से सटे बांका तथा अन्य जिलों के ग्रामीण चिकित्सकों पर नजर रखते हुए घायल नक्सलियों की तलाश की जा रही है। वहीं आसपास के ग्रामीण क्षेत्रों से भी जानकारी ली जा रही है कि मुठभेड़ में और कितने नक्सली मारे गए हैं। आसपास के ग्रामीणों से अब तक कोई ठोस सुराग नहीं मिला है।
एसपी ने बताया कि बोलचाल की भाषा और कोड वर्ड से यह संभावना जताई जा रही है कि मुठभेड़ में छत्तीसगढ़ और झारखंड के भी नक्सली शामिल थे। ऐसे नक्सलियों को चिह्नित किया जा रहा है। जमुई से सटे झारखंड के जंगली इलाकों में कांबिंग ऑपरेशन चलाया जा रहा है। सीआरपीएफ कोबरा बटालियन को ऑपरेशन में लगाया गया है।