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फसलों पर टिड्डी दल का प्रकोप दिखते ही करें कीटनाशक का छिड़काव

टिड्डी दल की संख्या पूर्वी उत्तर प्रदेश एवं बिहार तक पहुंचने की संभावना कम होती है। फिर भी यदि टिड्डी दल का प्रवेश बिहार में होता है एवं फसलों पर प्रकोप ज्योंही दिखाई पड़े त्वरित रूप से किसान अपनी...

फसलों पर टिड्डी दल का प्रकोप दिखते ही करें कीटनाशक का छिड़काव
हिन्दुस्तान टीम,भागलपुरWed, 27 May 2020 06:14 PM
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टिड्डी दल की संख्या पूर्वी उत्तर प्रदेश एवं बिहार तक पहुंचने की संभावना कम होती है। फिर भी यदि टिड्डी दल का प्रवेश बिहार में होता है एवं फसलों पर प्रकोप ज्योंही दिखाई पड़े त्वरित रूप से किसान अपनी फसलों पर कीटनाशक का छिड़काव कर सकते हैं।

टिड्डी दल के संभावित प्रकोप को देखते हुए बीएयू में कुलपति प्रो. एके सिंह की अध्यक्षता में आपात बैठक बुलायी गयी जिसमें कई बिंदुओं पर विशेषज्ञों ने चर्चा की। बैठक में किसानों के बीच एडवाइजरी भी जारी की गयी जिसमें किसानों से कहा गया कि मुख्य रूप से लैम्बडासायहेलोथ्रीन, क्लोरपायरीफॉस, फिपरोनिल, डेल्टामेंथ्रीन कीटनाशक का उचित मात्रा में पानी की मात्रा मिलकर छिड़काव करने से काफी हद तक फसलों को बचाया जा सकता है।

इसकी जानकारी कीट विज्ञान अध्यक्ष एसएन राय ने दी। टिडि्डयों का प्रकोप होने से हवाई छिड़काव विशेष रूप से ड्रोन आधारित स्प्रेयर का छिड़काव किया जा सकता है। स्थानीय स्तर पर समूह में टीन बजाकर एवं ध्वनि उत्पन्न करने वाले वस्तु द्वारा टिड्डी दल से फसलों को बहुत हद तक बचाया जा सकता है। बैठक में निदेशक अनुसंधान डॉ. आइएस सोलंकी, डॉ.फिजा अहमद, डॉ. शैलबाला देई, डॉ.एसएन राय, डॉ. पारसनाथ, डॉ. किरण कुमारी, डॉ. तमोघ्न साहा, डॉ. रामानुज विश्वकर्मा, डॉ. तारक नाथ गोस्वामी थे।

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