बोले पूर्णिया: मेला क्षेत्र में लगे कवर्ड तार और सुरक्षा की हो समुचित व्यवस्था
शिवनगर के वैष्णवी दुर्गा मंदिर में हर साल अष्टमी के दिन हजारों श्रद्धालु आते हैं। लेकिन मंदिर की सुरक्षा, सड़कें और पेयजल की व्यवस्था में कई समस्याएं हैं। स्थानीय लोगों ने प्रशासन से हाई टेंशन तारों...
शिवनगर के लोगों को परेशानी
प्रस्तुति: भूषण
- 2009 में स्थापित हुआ वैष्णवी दुर्गा मंदिर
- 10000 से अधिक लोग आते हैं प्रतिमा दर्शन को
- 51 सदस्य हैं शिवनगर सार्वजनिक दुर्गा मंदिर कमेटी में
शिकायत:-
1. शिवनगर दुर्गा मेले में हर समय हाई टेंशन तार का डर
2. मंदिर तक जाने के लिए एक भी रोड सही नहीं
3. मंदिर परिसर में शुद्ध पेयजल की व्यवस्था नहीं
4. दुर्गा पूजा के समय स्मैकर से श्रद्धालु परेशान
5. मंदिर के आसपास अधिकांश स्ट्रीट लाइट खराब
सुझाव:-
1. हाई टेंशन तार पर अविलंब लगे प्लास्टिक कवर
2. मंदिर तक जाने वाली सभी रोड को तत्काल मोटरेबल बनाना जरूरी
3. चोर, उचक्के और स्मैकर से निजात पाने के लिए पुलिस गस्ती जरूरी
4. पूजा के दौरान शुद्ध पेयजल की व्यवस्था करना जरूरी
5. मंदिर के आसपास के स्ट्रीट लाइट और वेपर लाइट को ठीक करना जरूरी
इंट्रो: शहर के वार्ड नंबर 10 अंतर्गत माता वैष्णवी सार्वजनिक दुर्गा मंदिर का इतिहास कोई सैकड़ो वर्ष पुराना नहीं बल्कि महज 16 साल पुराना है। मंदिर की एकमात्र विशेषता यह है कि यहां पूजा समिति में एक तरफ सभी जाति समुदाय के लोग सम्मिलित हैं तो दूसरी तरफ बड़ा ही समभाव का माहौल रहता है। यह मंदिर बायपास रोड के ठीक दक्षिण है। बाईपास के दक्षिण नया-नया शहर बसा है। शहर बसने के दौरान यहां के लोगों ने धार्मिक भाव से एक मंदिर का निर्माण किया, जहां पिछले 16 वर्षों से सामूहिक प्रयास से बड़े भव्य आयोजन होते हैं। अष्टमी को यहां जागरण होता है। अष्टमी के दिन काफी भीड़ भाड़ रहती है। यहां के दुर्गा मंदिर का खिचड़ी और खीर पूरे इलाके के श्रद्धालुओं के लिए आकर्षण का केंद्र बना रहता है। हालांकि बोले पूर्णिया के लिए जब यहां के लोगों से संवाद की गई तो लोगों ने कई समस्याओं को शेयर किया।
पूर्णिया शहर के दक्षिणी भाग का आकर्षण का केंद्र बना शिव नगर सर्वजनिक दुर्गा मंदिर दुर्गा पूजा के समय लोगों की काफी भीड़ होती है। इस मंदिर का निर्माण वर्ष 2009 में हुई। उसी समय से दिनानुदिन पूजा का विस्तार होता जा रहा है और अब तो यह मंदिर पूर्णिया के दक्षिण भाग के लोगों के लिए आस्था और विश्वास का केंद्र बन गया है। इस मंदिर के निर्माण में उफरैल गांव की उमा देवी ने ना सिर्फ जमीन दान दिया बल्कि संगमरमर की स्थाई मूर्ति प्रतिस्थापित कराया। इसके बाद से धीरे-धीरे आसपास के लोग इस मंदिर कमेटी से जुड़ते गए। इस मंदिर में सालों भर पूजा पाठ होते रहता है और श्रद्धालु आकर अपनी मन्नतें रखते हैं। मान्यता है कि यहां आकर मन्नत रखने वाले की मुराद जरूर पूरी होती है। इसी मंदिर से सटे बजरंगबली का स्थान है, लोगों को उसे मंदिर पर भी काफी श्रद्धा है। सामान्य दिनों भी लोग पूजा पाठ करने यहां आते हैं तो माता वैष्णवी की पूजा के साथ-साथ बजरंगबली की भी अर्चना करते हैं। यहां के लोगों का श्रद्धालुओं के प्रति काफी ज्यादा सहयोगात्मक भावना रहती है। यहां का खीर और खिचड़ी काफी ज्यादा विख्यात है जो फूलन स्वीट्स के सानिध्य से चलाया जाता है। इस संबंध में योगेंद्र यादव कहते हैं कि उन्हें इस मंदिर के प्रति काफी श्रद्धा है। यहां आकर पूजा अर्चना करते हैं तो मन की मुराद जरूर पूरी होती है। यहां मंदिर कमेटी के कुछ लोगों ने बताया कि मंदिर के ऊपर से हाई टेंशन तार जी का जंजाल बन गया है। जब कभी मंदिर के ऊपर पूजा पाठ के दौरान लाउडस्पीकर लगाने जाते हैं तो तार के हिलने और संपर्क होने का डर बना रहता है। कुछ सदस्यों ने बताया कि अष्टमी पूजा से विसर्जन तक मेले में काफी भीड़ रहती है। इस भीड़ का फायदा चोर उचक्के उठाते हैं। यह मंदिर बायपास रोड पर अवस्थित पावर ग्रिड चौक और नेवालाल चौक के बीच है। मंदिर के ठीक सामने से बायपास रोड को जोड़ने वाली लूप लाइन है, जहां अंधेरा रहने के कारण और सामाजिक तत्वों का जमावड़ा होने लगता है। जबकि यह रास्ता मेला आने वाले श्रद्धालुओं के लिए काफी सुगम है। यहां रोशनी और पुलिस गश्ती की काफी जरूरत है। कुछ सदस्यों ने बताया कि मंदिर के बगल से एक जर्जर कच्ची रोड गई है, अगर कहीं वर्षा हो जाती है तो इसमें पानी जमा हो जाता है। मंदिर के आसपास किसी भी रोड में नाला नहीं रहने के कारण जल निकासी की भी समस्या बनी रहती है। कुछ लोग मेला स्थल पर फायर ब्रिगेड की मांग करने कुछ लोगों ने महिला सुरक्षा के लिए महिला पुलिस की तैनाती की भी बात कही। जागरण के दिन से ही विशेष सुरक्षा की भी मांग उठाई गई। नगर निगम से खराब वेपर लाइट और स्ट्रीट लाइट को ठीक करवाने के लिए भी लोगों ने मांग रखा।
मेला को आदर्श बनाने के लिए जरूरी बातें:
मेले में सुरक्षा के लिए पर्याप्त व्यवस्था होनी चाहिए, जैसे कि पुलिस पेट्रोलिंग, सीसीटीवी कैमरे और अग्नि शमन यंत्र। मेले में स्वच्छता और सफाई का ध्यान रखना आवश्यक है, जिससे श्रद्धालुओं को किसी भी प्रकार की परेशानी न हो। मेले का आयोजन बेहतर तरीके से किया जाना चाहिए, जैसे कि पेयजल, शौचालय और प्राथमिक चिकित्सा उपलब्ध हों। मेले में श्रद्धालुओं की भावनाओं का सम्मान जरूरी है। पूजा पंडालों में फायर सेफ्टी के इंतजाम रहना जरूरी होता है और इसके साथ ही स्थानीय प्रशासन के साथ समन्वय स्थापित करना आवश्यक है, जिससे किसी भी प्रकार की समस्या का समाधान किया जा सके।
लूप लाइन की सुरक्षा जरूरी:-
शिवनगर दुर्गा मेले में एक तरफ जहां बायपास रोड से सीधा एक पतली रोड मंदिर तक आती है वह मेले के दौरान मेन रोड से भी ज्यादा व्यस्त हो जाती है। इसी रोड पर चोर उचक्के और मनचले के साथ- साथ स्मैकर भी खड़े हो जाते हैं, तो परेशानी होती है। इसके अलावा नेवालाल चौक होकर भी लोग आते हैं और उफरैल गांव की तरफ से आने वाली रोड से भी मेला देखने लोग आते हैं। स्थानीय लोगों की मांग है कि इन सड़कों पर पुलिस व्यक्ति के साथ-साथ अतिरिक्त रोशनी की व्यवस्था की जानी चाहिए।
हमारी भी सुनें:-
1. शिवनगर दुर्गा मेले में बड़ी संख्या में श्रद्धालु आते हैं। उनकी सुरक्षा के लिए मेला कमेटी के स्वयंसेवक भी तैनात रहते हैं। ज्यादा जरूरी पुलिस गश्ती की है, जिसमें महिला पुलिस अनिवार्य रूप से रहे।
नवल किशोर यादव
2. यह मंदिर वर्ष 2009 से ही स्थापित है और उसी समय से बड़े ही धूमधाम से माता वैष्णवी का पूजा अर्चना होती है। यहां का खिचड़ी प्रसाद काफी ज्यादा प्रचलित है, जिसको ग्रहण करने बड़ी संख्या में लोग आते हैं।
मदन मोहन झा
3. मेले में सब कुछ है। दुकान भी लगते हैं। बड़े पैमाने पर प्रसाद वितरण भी होता है। प्रसाद वितरण के बाद शुद्ध पेयजल की सरकारी व्यवस्था नहीं रहने के कारण लोगों को दिक्कत होती है।
राजेश कुमार झा
4. मंदिर से कई रोड कनेक्ट है, लेकिन एक भी रोड की स्थिति अच्छी नहीं है। यदि बाई चांस मेले के समय वर्षा हो जाती है तो श्रद्धालुओं एवं पूजा समिति को काफी परेशानी होती है।
सूरज कुमार दास
5. चुकि शिवनगर दुर्गा मेला स्थल से जल निकासी की कोई व्यवस्था नहीं रहने के कारण परेशानी होती है इसके लिए हर हाल में मेला के पहले जल निकासी की तात्कालिक व्यवस्था होनी चाहिए।
अनिल कुमार झा
6. मेला स्थल तक आने के लिए जितने भी रोड हैं सभी जर्जर हो गए हैं। इन सभी सड़कों को अविलंब मोटरइरेबल बनाने की जरूरत है अन्यथा श्रद्धालुओं को वाहन क्या, पैदल आने में भी कष्ट ही कष्ट है।
उत्तम कुमार सिंह
7. पूजा के समय से ही इस एरिया में अजनबी सब घूमने लगते हैं। एक दिन पहले मंदिर के पास ही बसंती देवी नामक महिला से जेवर छीन लिया। हम लोग डरे से हमें रहते हैं।
अजय कुमार शर्मा
8. मंदिर और इसके आसपास के इलाके में रोशनी की पर्याप्त व्यवस्था नहीं होने के कारण लोगों को काफी दिक्कत होती है और अंधेरे का लाभ असामाजिक तत्व उठाने लगते हैं।
मनोज झा
9. मेला समिति ने अपने स्तर से सीसीटीवी की व्यवस्था किया है, चोर उचक्के की गतिविधि इसमें कैद होती है और इसके मॉनिटरिंग के लिए मेला समिति के लोग बैठे रहते हैं।
पवन कुमार सिंह
10. मंदिर के ऊपर बिजली तार से हमेशा डर लगा रहता है। अगर कहीं मेला के दौरान तार टूट जाए और कोई हादसा हो जाए तो दुर्गा पूजा जैसे मांगलिक कार्य में भारी परेशानी हो जाएगी। तार कवरेज करना जरूरी है।
प्रवीण कुमार सिन्हा
11. इस मेले में भीड़ इसलिए लगती है कि यहां की दुर्गा माता वैष्णवी देवी है जहां बलि प्रथा नहीं है और जितने भी बलि प्रथा के विरोधी श्रद्धालु है, उनका भारी जमावड़ा होता है।
अमरेंद्र कुमार सिन्हा
12. मेले में बड़ी भीड़ होती है। बड़े पैमाने पर दुकान आती है। इस लिहाज से इस मंदिर पर पूजा के प्रथम दिन से लेकर विसर्जन तक के लिए फायर ब्रिगेड का दमकल हर समय मौजूद रहना चाहिए।
गणेश सिंह
13. मंदिर पर हमेशा महिला पुलिस और महिला श्रद्धालुओं को पूजा करवाने में सहयोग करें तो अच्छा होगा। हालांकि पूजा समिति के स्वयंसेवक काफी सक्रिय रहते हैं।
जय कली
14. इस मेले के एरिया को धूम्रपान निषेध एरिया बनाना चाहिए जिससे चोर उचक्का और असामाजिक तत्व के साथ-साथ स्मैकर के ऊपर ऑटोमेटिक रूप से बंदिश लग जाएगी।
बबली कुमारी
15. मंदिर के बगल की एक कच्ची रोड को अविलंब बेड मसाला डालकर मोटरेबल बना देना चाहिए ताकि वहां पर वाहन पार्किंग किया जा सके क्योंकि इस मेले के लिए वाहन पार्किंग की आसपास माकूल जगह नहीं है।
राहुल कुमार
16. मेले में आने वाले श्रद्धालुओं के लिए नेवालाल चौक जैसे भीड़भाड़ वाले चौक पर बड़ी संख्या में ट्रैफिक पुलिस की तैनाती जरूरी है क्योंकि वहां वाहनों की काफी भीड़ लगती है और दुर्घटना के आशंका बनी रहती है।
भुवन पांडे
17. अष्टमी को जागरण होता है और जागरण के दिन विशेष सुरक्षा व्यवस्था जरूरी है। इसके लिए पुलिस कप्तान से आग्रह किया जा रहा है। मेले के साथ-साथ सभी चौक चौराहों पर पुलिस जरूरी है।
आलोक कुमार तिवारी
18. इस मेले में जागरण के दिन 10000 से अधिक लोग आते हैं। उसके बैठने और भक्ति जागरण सुनने के लिए स्थाई जगह की व्यवस्था होनी चाहिए ताकि किसी को परेशानी नहीं हो।
मिलन कुमार
19. महिलाओं के लिए महिला समिति की ओर से महिला स्वयंसेवक भी बहाल किए जाने चाहिए ताकि मेले की एक नई संस्कृति भी बनेगी और महिलाओं के लिए पूजा अर्चना के साथ-साथ प्रसाद ग्रहण सुगमता से होगा।
इंदु देवी
20. वैष्णवी दुर्गा माता का मेला हमारे इलाके का गौरव है। हम लोगों को सिर्फ यहां के बिजली तार के जंजाल से काफी डर लगता है। तत्काल उसमें या तो प्लास्टिक कवर लगा दिया जाए या फिर हुक लगा दिया जाए।
पुतुल देवी
21. महिलाओं की सुरक्षा के लिए स्मैकर पर पूरी लगाम लगनी चाहिए, इसकी लत बड़ी संख्या में नई पीढ़ी को लग गई है और यह समस्या नासूर बनती जा रही है।
रूबी देवी
22. अगर पग पग पर प्रशासन की तरफ से लाइट की व्यवस्था हो जाए तो आधा से अधिक समस्या ऐसे ही समाप्त हो जाएगी क्योंकि सबके चेहरे लाइट में दिखने लगेंगे। कोई भी गलत आदमी नहीं आ पाएगा।
अशोक कुमार भार्गव
बोले जिम्मेवार:
1. मेला स्थल पर साफ सफाई की व्यवस्था करवाई जा रही है। रोशनी की व्यवस्था का भी इंतजाम किया जाएगा। इसके लिए विचार विमर्श किया जा रहे हैं। कोशिश होगी कि श्रद्धालुओं को किसी तरह की परेशानी न होने दी जाए। जहां-जहां वॉटर लॉगिंग की समस्या है वहां से जल निकासी भी करवाया जा रहा है। स्थानीय वार्ड पार्षद को कड़ी नजर रखने को कहा गया है।
कुमार मंगलम, नगर आयुक्त, पूर्णिया नगर निगम
2. शिव नगर का दुर्गा मेला अब काफी महत्वपूर्ण मिला हो गया है। वहां जितनी भी समस्याएं हैं उसका समाधान जल्द ही करवाया जाएगा इसके लिए स्थल निरीक्षण करवाया जा रहा है और प्रशासन को भी सभी समस्याओं से अवगत करवाया जा रहा है। इस संबंध में मेला समिति से भी संपर्क किया जाएगा और उनकी समस्याएं भी सुनी जाएगी ताकि उसका समाधान समय रहते हो सके।
विजय खेमका, विधायक, पूर्णिया सदर
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