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सेल्यूट: नोबल विजेता से सीख लेकर बदल दी 200 रिक्शा चालकों की जिंदगी

समाज सेवा का जज्बा ऐसा कि चार साल की अथक मेहनत के बाद बदल दी रिक्शा चालकों की जिंदगी। अब तक 200 रिक्शा चालक मजदूर नहीं बल्कि खुद रिक्शे के मालिक हो गए हैं। मिलिए देवज्योति मुखर्जी से। बांग्लादेश...

सेल्यूट: नोबल विजेता से सीख लेकर बदल दी 200 रिक्शा चालकों की जिंदगी
भागलपुर, वरीय संवाददाताSun, 28 Jan 2018 06:34 PM
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समाज सेवा का जज्बा ऐसा कि चार साल की अथक मेहनत के बाद बदल दी रिक्शा चालकों की जिंदगी। अब तक 200 रिक्शा चालक मजदूर नहीं बल्कि खुद रिक्शे के मालिक हो गए हैं।

मिलिए देवज्योति मुखर्जी से। बांग्लादेश के अर्थशास्त्री और नोबेल पुरस्कार विजेता मो. यूनुस का मॉडल भागलपुर में अपनाकर उन्होंने 200 रिक्शा चालकों को मालिक बना दिया है। इस काम को अंजाम देने में वह साल 2014 से लगे हुए हैं। भागलपुर के अलावा कहलगांव, सुल्तानगंज, पीरपैंती व नवगछिया में भी वह इस काम को अंजाम दे रहे हैं।

बकौल देवज्योति मुखर्जी रिक्शा चालकों को अपने रिक्शे का मालिक बनाने का काम वह वर्ष 1995 से ही कर रहे हैं। उस समय उन्होंने तीन रिक्शा चालकों को 3100 रुपये के तीन रिक्शे खरीद कर दिए थे, लेकिन उनलोगों ने उसे बेच डाला। इसके बाद फिर उन्होंने कुछ रिक्शा चालकों को स्टेट बैंक से लोन भी दिलवाया, लेकिन फिर से वही हश्र हुआ। चालकों ने फिर से रिक्शों को बेच डाला। उनका यह निजी प्रयास जब सफल नहीं हुआ तो उन्होंने 'कोशिश' नाम की संस्था बनाई।

पांच-पांच रिक्शा चालकों का बनाया समूह
देवज्योति मुखर्जी ने अपने संगठन 'कोशिश' के जरिये पांच-पांच रिक्शा चालकों का एक समूह बनाया। इस समूह के लोग ही एक-दूसरे के गारंटर बने। देव ज्योति के अनुसार समूह ने एक व्यक्ति से 15 हजार का लोन लिया और एक रिक्शा चालक हर दिन 60 रुपये उस व्यक्ति को चुकाता है। 250 दिन में लोन चुकाना होता है। इस तरह से 250 दिन के बाद रिक्शा चालक खुद रिक्शे का मालिक बन जाता है। उन्होंने बताया कि जब वह एक्सलआरआई जमशेदपुर में पढ़ने गए तब बांग्लादेश के प्रसिद्ध अर्थशास्त्री मो. यूनुस के जेएलजी मॉडल के बारे में पढ़ा। इसके बाद उन्होंने यह मॉडल भागलपुर में लागू किया।

लॉस एंजिलिस में होंगे सम्मानित
अपने कामों के लिए वर्ष 2017 में देवज्योति मुखर्जी को राष्ट्रीय मानवाधिकार महिला बाल विकास आयोग की तरफ से बहुमुखी प्रतिभा सम्पन्न सम्मान दिया गया। अभी हाल में दो जनवरी को अमेरिका की लॉस एंजिलिस यूनिवर्सिटी ने भी उन्हें पत्र लिखकर सम्मान देने की बात कही है। देवज्योति ने बताया कि रिक्शा चालकों के अलावा वह नए लोगों का उद्यमिता के बारे में भी सीखाते हैं।

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