रोजेदारों को सेहरी के लिए जगाता है सलीम
शवाब पाने के लिए हर मुसलमान रोजा रखता है। पर एक व्यक्ति ऐसा भी है जो रोजा रखने के साथ रोजेदारों को रोज रात के दो बजे सेहरी को जगाने के लिए अपना नींद भी न्योछावर कर देता है। पिछले नौ साल से भीखनपुर...
शवाब पाने के लिए हर मुसलमान रोजा रखता है। पर एक व्यक्ति ऐसा भी है जो रोजा रखने के साथ रोजेदारों को रोज रात के दो बजे सेहरी को जगाने के लिए अपना नींद भी न्योछावर कर देता है। पिछले नौ साल से भीखनपुर रेलवे लाइन स्थित झोपड़पट्टी में रहले वाले सलीम की रोज देर रात सेहरी के लिए उठने की बुलंद आवाज भीखनपुर और बरहपुरा में गूंजती है। लोगों को सुबह जगाने तक ही उसका काम खत्म नहीं हो जाता है। परिवार का पेट पालने के लिए वह सुबह ही रिक्शा लेकर सवारी की तलाश में निकल जाता है। मो. सलीम ने बताया कि हर इलाके में एक ऐसा आदमी होता है जो रमजान के महीने में लोगों को सेहरी के लिए जगाता है। उसने बताया कि औरों के बारे में तो उसे नहीं पता पर वह यह काम केवल अल्लाह से मिलने वाले शवाब के लिए करता है। उसने बताया कि वह यह काम पिछले नौ सालों से करता आ रहा है। उसने बताया कि रमजान महीने के पूरे महीने रात के एक बजे उठता है। वह भीखनपुर जामा मस्जिद से लेकर इस्लामनगर भट्टा के बीच पड़ने वाले सभी घरों के बाहर लोगों को आवाज लगाकर सेहरी के लिए उठाता है। सेहरी कर सुबह वह अपने काम के लिए निकल जाता है। शाम के वक्त घर लौटने के बाद इफ्तारी करने के बाद केवल डेढ़ घंटे ही सोता है।