संशोधित--फॉल आर्मी वर्म 40 प्रतिशत तक मक्के की फसल का हो रहा नुकसान
नवगछिया, खगड़िया, बेगूसराय, पूर्णिया, कटिहार,अररिया जिले के किसान इस कीट से काफी नुकसान झेल रहे है। गुरुवार को बिहार कृषि विश्वविद्यालय (बीएयू) की ओर से फॉल आर्मी वर्म प्रबंधन पर राष्ट्रीय वेबिनार का...

बिहार, यूपी, बंगाल, तेलंगना सहित कई राज्यों में मक्के की फसल को फॉल आर्मी वर्म कीट 40 प्रतिशत तक नुकसान पहुंचा रहा है। नवगछिया, खगड़िया, बेगूसराय, पूर्णिया, कटिहार,अररिया जिले के किसान इस कीट से काफी नुकसान झेल रहे हैं। गुरुवार को बिहार कृषि विश्वविद्यालय (बीएयू) की ओर से फॉल आर्मी वर्म प्रबंधन पर वेबिनार का आयोजन हुआ। इसमें देश-विदेश के 850 प्रतिभागियों ने भाग लिया। राष्ट्रीय वेबिनार की अध्यक्षता करते हुए बीएयू के कुलपति डॉ. एके सिंह ने इस कीट के महत्व पर प्रकाश डाला और आशा जतायी कि इस संगोष्ठी से किसानोपयोगी नई जानकारियां निकल कर आएंगी। बीएयू पेस्ट मैनेजमेंट मॉड्यूल के तहत फॉल आर्मी वर्म पर शोध कार्य कर रहा है। वैज्ञानिकों का दावा है कि सालभर के अंदर इसकी रिपोर्ट आ जाएगी। इससे किसानों को फायदा मिलेगा। कार्यक्रम के संयोजक डॉ. आरके सोहाने ने कहा कि इस कार्यक्रम से फॉल आर्मी वर्म की विभिन्न पहलुओं पर अनुसंधान में छात्र-छात्राओं को मदद मिलेगी। आयोजन सचिव डॉ. तमोहन साहा ने सभी वक्ताओं व प्रतिभागियों का स्वागत किया। कर्नाटक से जुड़े सहायक प्राध्यापक डॉ. एसएस देशमुख ने फॉल आर्मी वर्म की पहचान, जीवन चक्र एवं प्रबंधन के विभिन्न तथ्यों की विस्तृत जानकारी दी। हैदराबाद कीट विज्ञान के अध्यक्ष डॉ. जाबा जगदीश सहित बेविनार में जुड़े अन्य कृषि वैज्ञानिकों ने अपनी-अपनी राय दी। कार्यक्रम के अंत में डॉ. एसएन राय ने धन्यवाद ज्ञापन दिया। मक्का और गन्ने की फसल को भी नुकसानबीएयू परिसर और नवगछिया के क्षेत्रों में मक्के की फसल में लगने वाले फॉल आर्मी वर्म कीट का पता दो साल पहले चला था। कृषि विज्ञान केंद्र के वैज्ञानिकों की मदद से इसके प्रबंधन पर काम हो रहा है। मगर नुकसान कम नहीं हो रहा है। कर्नाटक से जुड़े वैज्ञानिक ने कहा कि उनके यहां गन्ने की फसल पर फॉल आर्मी वर्म कीट का खतरा बढ़ने लगा है।