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Pulwama terror Attack: शहीद की पत्नी बोलीं, एक बार पति का चेहरा देखने दो फिर तोड़ दूंगी चूड़ियां

शहीद रतन की पत्नी राजनंदिनी देवी पति के शव का अंतिम दर्शन करने के लिये कहलगांव श्मशान घाट पर परिजनों के साथ पहुंची। बदहवास राजनंदिनी बार बार अनुरोध करती रही कि कोई तो एक बार मेरे पति के शव को देखने...

शहीद रतन की पत्नी राजनंदिनी देवी पति के शव का अंतिम दर्शन करने के लिये कहलगांव श्मशान घाट पर परिजनों के साथ पहुंची। बदहवास राजनंदिनी पति के शव के कॉफिन से लिपटकर रोती-बिलखतीं और पिता को मुखाग्नि देते  बेटा।
1/ 5शहीद रतन की पत्नी राजनंदिनी देवी पति के शव का अंतिम दर्शन करने के लिये कहलगांव श्मशान घाट पर परिजनों के साथ पहुंची। बदहवास राजनंदिनी पति के शव के कॉफिन से लिपटकर रोती-बिलखतीं और पिता को मुखाग्नि देते बेटा।
इससे पहले शहीद रतन कुमार ठाकुर के कॉफिन गाड़ी में देशभक्ति और शहीद अमर रहे के गगनभेदी नारों के बीच गांव पहुंचा।
2/ 5इससे पहले शहीद रतन कुमार ठाकुर के कॉफिन गाड़ी में देशभक्ति और शहीद अमर रहे के गगनभेदी नारों के बीच गांव पहुंचा।
पुलवामा टेरर अटैक में अपने शहीद बेटे रतन कुमार ठाकुर की एक झलक देखने के लिए घरों की छत से लेकर सड़क पर हुजूम उमड़ पड़ा। लोग देशभक्ति और शहीद रतन कुमार ठाकुर अमर रहे के गगनभेदी नारे लगा रहे थे।
3/ 5पुलवामा टेरर अटैक में अपने शहीद बेटे रतन कुमार ठाकुर की एक झलक देखने के लिए घरों की छत से लेकर सड़क पर हुजूम उमड़ पड़ा। लोग देशभक्ति और शहीद रतन कुमार ठाकुर अमर रहे के गगनभेदी नारे लगा रहे थे।
शहीद रतन की पत्नी राजनंदिनी देवी पति के शव का अंतिम दर्शन करने के लिये कहलगांव श्मशान घाट पर परिजनों के साथ पहुंची। बदहवास राजनंदिनी बार बार अनुरोध करती रही कि कोई तो एक बार मेरे पति के शव को देखने में मदद करे। उन्हें सहारा देकर वाहन से उतारकर कॉफिन के पास लाया गया।
4/ 5शहीद रतन की पत्नी राजनंदिनी देवी पति के शव का अंतिम दर्शन करने के लिये कहलगांव श्मशान घाट पर परिजनों के साथ पहुंची। बदहवास राजनंदिनी बार बार अनुरोध करती रही कि कोई तो एक बार मेरे पति के शव को देखने में मदद करे। उन्हें सहारा देकर वाहन से उतारकर कॉफिन के पास लाया गया।
शहीद बेटे रतन कुमार ठाकुर को अंतिम विदाई देने के लिए पूरा शहर कहलगांव में गंगा नदी किनारे अंत्येष्टि स्थल पर पहुंचा हुआ था। वहां भी देशभक्ति और शहीद अमर रहे के गगनभेदी नारे लगाए जा रहे थे।
5/ 5शहीद बेटे रतन कुमार ठाकुर को अंतिम विदाई देने के लिए पूरा शहर कहलगांव में गंगा नदी किनारे अंत्येष्टि स्थल पर पहुंचा हुआ था। वहां भी देशभक्ति और शहीद अमर रहे के गगनभेदी नारे लगाए जा रहे थे।
कहलगांव(भागलपुर)। निज प्रतिनिधिSat, 16 Feb 2019 11:16 PM
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शहीद रतन की पत्नी राजनंदिनी देवी पति के शव का अंतिम दर्शन करने के लिये कहलगांव श्मशान घाट पर परिजनों के साथ पहुंची। बदहवास राजनंदिनी बार बार अनुरोध करती रही कि कोई तो एक बार मेरे पति के शव को देखने में मदद करे।

उन्हें सहारा देकर वाहन से उतारकर कॉफिन के पास लाया गया। साथ आई महिलाएं राजनंदिनी की चूड़ियां फोड़ने का प्रयास करने लगी तो उन्होने विरोध करते कहा कि जबतक वे पति के शव को नहीं देख लेंगी तबतक चूड़ियां नहीं तोड़ने देंगी। कुछ देर तक वह कॉफिन को पकड़कर बैठी रहीं लेकिन कॉफिन को उनके सामने नहीं खोला गया।इस दौरान राजनंदिनी को मुच्र्छा भी आ गई।

 आखिरकार एक महिला ने जबरन उनकी चूड़ियां तोड़ दी जिसका राजनंदिनी ने पुरजोर विरोध भी किया। और उसके बाद उन्हें कई महिलाओं ने पकड़कर वाहन में बैठा दिया। वाहन में बैठने के क्रम में भी वह काफी विरोध करती रही और कहती रही कि एक बार तो पति का चेहरा देखने दें। बताया गया कि शव इतना क्षत विक्षत हो गया था कि उसे दिखाना उचित नहीं था।

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