ट्रेंडिंग न्यूज़

Hindi News बिहार भागलपुरबदमाशों को सजा दिलाने में पिछड़ रहा अभियोजन, डीजीपी ने जताई नाराजगी

बदमाशों को सजा दिलाने में पिछड़ रहा अभियोजन, डीजीपी ने जताई नाराजगी

बदमाशों को सजा दिलाने में अभियोजन की मुस्तैदी कमजोर पड़ रही है। एसएसपी स्तर से अभियोजन के काम की मॉनिटरिंग नहीं की जा रही है। कोर्ट में समय पर गवाहों को पेशी नहीं कराई जा रही है। भागलपुर, बांका और...

बदमाशों को सजा दिलाने में पिछड़ रहा अभियोजन, डीजीपी ने जताई नाराजगी
हिन्दुस्तान टीम,भागलपुरSat, 24 Aug 2019 01:59 AM
ऐप पर पढ़ें

बदमाशों को सजा दिलाने में अभियोजन की मुस्तैदी कमजोर पड़ रही है। एसएसपी स्तर से अभियोजन के काम की मॉनिटरिंग नहीं की जा रही है। कोर्ट में समय पर गवाहों को पेशी नहीं कराई जा रही है। भागलपुर, बांका और नवगछिया कोर्ट से पिछले साल जनवरी से जुलाई के मुकाबले इस साल सजा काफी कम हो गई है। डीजीपी ने इसपर नाराजगी जताई है। सरकार के एजेंडे पर पुलिस अधिकारी सफल नहीं हो पा रहे हैं।

अपराध अनुसंधान विभाग के अपर पुलिस महानिदेशक ने डीजीपी के नर्दिेश पर भागलपुर, बांका और नवगछिया एसपी समेत आला पुलिस अधिकारियों को पत्र लिखकर बदमाशों के सजा कम होने के संबंध में जानकारी मांगी है। पत्र में कहा है कि यह घोर चिंता का विषय है। सरकार की प्राथमिकता में बदमाशों को स्पीडी ट्रायल के तहत सजा दिलाना है। स्पीडी ट्रायल के मामले में जिले के एसपी को व्यक्तिगत रुचि लेने का निर्देश दिया गया है। कोर्ट में गवाहों की उपस्थिति सुनश्चिति कराना अभियोजन शाखा की जिम्मेदारी है। एसपी को स्पीडी ट्रायल के संबंध में डीएम से बातकर लोक अभियोजकों के साथ बैठक कर केस की मॉनिटरिंग करने को कहा गया है। एडीजी ने कहा है कि मॉनिटरिंग सेल की बैठक में केस के ट्रायल से संबंधित बात रखने की जरूरत पर बल दिया गया है।

गवाहों की पेशी में बरती जा रही लापरवाही : कोर्ट में गवाहों की पेशी को लेकर अभियोजन की ओर से लापरवाही बरती जा रही है। समय पर कोर्ट में गवाहों को उपस्थित नहीं कराया जा रहा है। प्रत्येक सप्ताह शेषन कोर्ट से गवाही के लिए जांचकर्ता, डॉक्टर और स्वतंत्र गवाहों के लिए नोटिस व गिरफ्तारी वारंट जारी किया जा रहा है। इसके बावजूद गवाह कोर्ट में उपस्थित नहीं हो रहे हैं। अभियोजन की लापरवाही से आरोपियों को फायदा मिल रहा है। उधर, एसएसपी आशीष भारती ने कहा कि पुराने केस में गवाहों को उपस्थित कराने में परेशानी हो रही है लेकिन अलग-अलग मामले में करीब छह सौ गवाहों की गवाही कराई गई है। इस साल के आंकड़े में सामान्य मामले को सूची से अलग कर दिया गया है।

हिन्दुस्तान का वॉट्सऐप चैनल फॉलो करें