सुल्तानगंज प्रखंड के चार गांवों में खुरपका-मुंहपका रोग का प्रकोप
मवेशियों में मुंहपका-खुरपका रोग का प्रकोप बढ़ने लगा है। सुल्तानगंज प्रखंड के चार गांवों के सैकड़ों मवेशी इसकी चपेट में हैं। पशु चिकित्सकों की टीम शिविर लगाकर मवेशियों का इलाज कर रही है। अन्य प्रखंडों...
मवेशियों में मुंहपका-खुरपका रोग का प्रकोप बढ़ने लगा है। सुल्तानगंज प्रखंड के चार गांवों के सैकड़ों मवेशी इसकी चपेट में हैं। पशु चिकित्सकों की टीम शिविर लगाकर मवेशियों का इलाज कर रही है। अन्य प्रखंडों के भी सैकड़ों पशु इस बीमारी के प्रकोप में हैं। सुल्तानगंज की करहरिया पंचायत के देवधा, पिपरा, आभा रतनपुर व आभा गांव में खुरपका-मुंहपका बीमारी फैली हुई है। अवर प्रमंडल पशुपालन पदाधिकारी डॉ. सुमन कुमार गुप्ता, प्रभारी पशु चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. अनिल कुमार व डॉ. राकेश कुमार की अगुवाई में करहरिया में शिविर लगाया गया है। अबतक 550 बीमार पशुओं का इलाज करने का दावा किया जा रहा है। जिला पशुपालन पदाधिकारी डॉ. राजेंद्र कुमार ने बताया कि वैसे तो सुल्तानगंज प्रखंड में ही खुरपका-मुंहपका बीमारी का प्रकोप है। इसके बावजूद जिले के 38 अस्पतालों के पशु चिकित्सकों को अलर्ट रहने को कहा गया है।टीकाकरण से वंचित पशुओं को हो रहा यह रोगसहायक पशु चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. अनिल कुमार ने बताया कि टीकाकरण के दौरान ज्यादातर पशुपालक गर्भवती पशुओं को टीका नहीं लगवाते हैं। दरअसल, ज्यादातर पशुपालक सोचते हैं कि अगर उनके मवेशी को टीका लग गया तो वह कम दूध देने लगेगी। इस मिथक में फंसे कई पशुपालकों ने अपने-अपने मवेशियों को टीका नहीं लगवाया। ऐसे में टीका से वंचित पशुओं व उनके बछड़ों को ही खुरपका-मुंहपका रोग हुआ है।