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सहरसा से पूर्णिया रूट पर हालात सामान्य, हादसे के 16 घंटे बाद ट्रेन सेवा बहाल

सहरसा से पूर्णिया कोर्ट के लिए हालात सामान्य। मालगाड़ी हादसे के 16 घंटे बाद पहली पैसेंजर ट्रेन चली। पूर्णिया और बनमनखी की बजाय कोसी और जनसेवा एक्सप्रेस सहरसा से ही खुली। उल्लेखनीय है कि गुरुवार की...

सहरसा से पूर्णिया रूट पर हालात सामान्य, हादसे के 16 घंटे बाद ट्रेन सेवा बहाल
सहरसा, निज प्रतिनिधि।Sat, 12 Oct 2019 12:05 PM
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सहरसा से पूर्णिया कोर्ट के लिए हालात सामान्य। मालगाड़ी हादसे के 16 घंटे बाद पहली पैसेंजर ट्रेन चली। पूर्णिया और बनमनखी की बजाय कोसी और जनसेवा एक्सप्रेस सहरसा से ही खुली।

उल्लेखनीय है कि गुरुवार की दोपहर 1.08 बजे सहरसा यार्ड में कटिहार और पूर्णिया जाने वाली रेलखंड पर मालगाड़ी के बेपटरी होने के कारण ट्रेनों का परिचालन बंद था। मालगाड़ी के 12 चक्के को देर रात 11.45 बजे ट्रैक से हटा दिया गया। लेकिन दुर्घटना के दौरान बर्बाद हुए बिजली, सिग्नल सहित अन्य सामान को लगाने और मेंटेनेंस कार्य में समय लगने के कारण शुक्रवार की सुबह 4.55 बजे नार्मल फिट मिलते सहरसा से पहली ट्रेन पूर्णिया कोर्ट के लिए चलाई गई। जबरदस्त तरीके से दुर्घटनाग्रस्त हुई मालगाड़ी की बोगी व चक्के को उठवाकर परिचालन व्यवस्था सामान्य करने में अधिकारियों और कर्मियों को रात भर मशक्कत करनी पड़ी। 

समस्तीपुर से जहां डीआरएम अशोक माहेश्वरी पल-पल की जानकारी ले निर्देश जारी कर रहे थे। वहीं कैम्प किए एडीआरएम संतराम मीणा की मॉनिटरिंग में सारा कार्य चल रहा था। एडीआरएम के साथ सीनियर डीएसओ प्रवीण कुमार, सीनियर डीईएन थ्री मयंक अग्रवाल, सीनियर डीईई टीआरडी आशुतोष झा, डीएमई पावर चंद्रशेखर प्रसाद, एडीईएन मनोज कुमार, डीसीआई राजेश रंजन श्रीवास्तव, एसएस नीरज चंद्र, एसएसई प्रभात कुमार, एसएसई रेलपथ सुनील कुमार, एएसटीई संजीव कुमार, सीडब्लूएस शंभु कुमार, टीआई दिनेश कुमार, टीआरडी इंचार्च महेश कुमार सिन्हा सहित अन्य थे।

सहरसा-सोनवर्षा कचहरी के बीच 15 घंटे बाद चलने लगी इलेक्ट्रिक इंजन से ट्रेनें
बेपटरी हुई मालगाड़ी की चपेट में आकर ओवरहेड बिजली तार और पोल बुरी तरह से क्षतिग्रस्त होने के कारण सहरसा-सोनवर्षा कचहरी के बीच गुरुवार की दोपहर 1.08 बजे से ही इलेक्ट्रिक इंजन से ट्रेनें चलनी बंद हो गई थी। जिसे 15 घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद देर रात 3.55 बजे दुरुस्त करते बहाल कर दिया गया। इलेक्ट्रिक इंजन से ट्रेन परिचालन शुरू होने से यात्रियों को राहत मिली है।

इस कार्य को सीनियर डीईई आशुतोष झा की मॉनिटरिंग में एईई जयप्रकाश, एसएसई हेडक्वार्टर हरेन्द्र कुमार, इंद्रजीत कुमार, टीआरडी इंचार्च एसएसई महेश कुमार सिन्हा के द्वारा पूरा किया गया। हालांकि सहरसा से मधेपुरा तक इलेक्ट्रिक इंजन से ट्रेन चलाने की सुविधा बहाल करने के लिए अभी ओवरहेड व पोल दुरुस्त करने का काम चल ही रहा है। बताया जा रहा है कि बिजली पोल और ओवरहेड तार टूटने से टीआरडी विभाग को करीब सात लाख रुपये का नुकसान हुआ है। 

दो डेमू ट्रेन रही रद्द
सहरसा से समस्तीपुर के बीच चलने वाली दो डेमू ट्रेन शुक्रवार को रद्द रही। डेमू ट्रेन 75289 और 75287 का परिचालन नहीं होने से यात्रियों को काफी परेशानी हुई। वहीं गुरुवार की रात सहरसा से समस्तीपुर के बीच चलने वाली डेमू ट्रेन 75283 का परिचालन रद्द कर दिया गया था। समस्तीपुर-सहरसा डेमू ट्रेन 75284, 75290 और 75288 खगड़िया से ही वापस समस्तीपुर लौट गई थी। हटिया से पूर्णिया जाने वाली कोसी एक्सप्रेस सहरसा में ही रुक गई थी।
 
छह विभागों के अधिकारियों ने जांच करते ज्वायंट नोट किया तैयार
रेल के पांच विभाग इंजीनियरिंग, परिचालन, कैरेज एंड वैगन, सिग्नल, लोको और टीआरडी विभाग के स्थानीय अधिकारियों ने दुर्घटनास्थल की जांच करते  ज्वायंट नोट तैयार कर लिया है। इसमें इंजीनियरिंग से सीनियर सेक्शन इंजीनियर रेलपथ सुनील कुमार, परिचालन से टीआई दिनेश कुमार, कैरेज से सीडब्लूएस शंभु कुमार, सिग्नल से एसएसई नारायण शर्मा, लोको से एलआई जे के सिंह और टीआरडी से एसएसई महेश कुमार सिन्हा थे। सूत्रों की माने तो  मालगाड़ी के डिब्बे का कोचर वार टूटकर चक्का निकलने या शडन ब्रेक से बेपटरी होने की संभावना जताई गई है।
 

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