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पूर्णिया में मेयर के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पारित, छोड़नी पड़ेगी कुर्सी

पूर्णिया की मेयर विभा कुमारी के खिलाफ भारी शोरशराबे के बीच शनिवार को अविश्वास प्रस्ताव पारित हो गया। इसके साथ ही  मेयर विभा कुमारी अपनी कुर्सी नहीं बचा पाईं। मेयर के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव...

पूर्णिया में मेयर के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पारित, छोड़नी पड़ेगी कुर्सी
पूर्णिया, निज संवाददाताSat, 28 Jul 2018 07:31 PM
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पूर्णिया की मेयर विभा कुमारी के खिलाफ भारी शोरशराबे के बीच शनिवार को अविश्वास प्रस्ताव पारित हो गया। इसके साथ ही  मेयर विभा कुमारी अपनी कुर्सी नहीं बचा पाईं। मेयर के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव के समर्थन में 24 मत पड़े।

प्रस्ताव का विरोध करने वाले सात पार्षदों ने मतदान में हिस्सा नहीं किया। विभा कुमारी की कुर्सी छिनने के बाद अविश्वास प्रस्ताव का आवेदन देने वाली वार्ड पांच की पार्षद सविता देवी के मेयर बनने का रास्ता साफ होता दिख रहा है। नियमानुसार, नगर आयुक्त की ओर से रिपोर्ट भेजने के एक माह के भीतर राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा चुनाव की तिथि घोषित कर नया मेयर चुना जाएगा। 

26 जून को दो वर्ष का कार्यकाल पूरा कर चुकीं विभा कुमारी (वार्ड 42 की पार्षद) के विरुद्ध नगर पालिका अधिनियम 2007 की धारा 25 (4) के अंतर्गत एवं नगरपालिका अविश्वास प्रस्ताव प्रक्रिया नियमावली 2010 के तहत वार्ड तीन की पार्षद सविता देवी द्वारा 10 जुलाई को अविश्वास प्रस्ताव लाया गया था।

अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा के लिए बोर्ड की विशेष बैठक शनिवार को हुई, जिसका संचालन डिप्टी मेयर संतोष कुमार यादव ने किया। बैठक में कुल 46 में 31 पार्षद शामिल हुए। महिला पार्षद फुलिया देवी और रेखा देवी को पुलिस की सुरक्षा में पहले कोर्ट ले जाया गया। इसके बाद वह निगम की बैठक में शामिल होने आईं। 

आरोपों का दिया जवाब
बैठक शुरू होने के बाद सबसे पहले अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा की गई। विभा कुमारी ने अपने ऊपर लगे आरोपों का जवाब दिया। इस दौरान पक्ष व विपक्षी पार्षदों के बीच विकास के मुद्दे पर सियासी बहस भी हुई। इसके बाद मतदान की मांग की गई। नगर आयुक्त विजय सिंह के मुताबिक, अविश्वास प्रस्ताव के समर्थन में 24 पार्षदों ने मतदान किया। 

देखने को मिला सियासी उबाल 
बोर्ड की बैठक को लेकर सियासी उबाल को देखते हुए नगर निगम व आसपास के दो सौ मीटर की परिधि में सदर एसडीओ द्वारा धारा 144 लागू की गई थी। इसके बावजूद निगम के बाहर दोनों खेमों के समर्थकों और पार्षदों के समर्थकों के जमावड़े का कारण शहरवासियों को मुश्किलें भी हुईं। सुबह 11.30 बजे शुरू हुई चुनावी प्रक्रिया शाम साढ़े पांच बजे तक चली। इसके बाद नगर आयुक्त ने अविश्वास प्रस्ताव के पक्ष में फैसला आने की आधिकारिक पुष्टि की।

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