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एक ट्रेन को छोड़ किसी में नहीं लगी अतिरिक्त कोच

श्रावणी मेले में देवघर लगभग उतने ही कांवरिया जाते हैं जितने सुल्तानगंज आते हैं। लेकिन जसीडीह से जितनी ट्रेनें दी जाती है उसके अनुपात में भागलपुर रेलखंड पर ट्रेनों की संख्या बहुत कम है। नतीजा यह है कि...

एक ट्रेन को छोड़ किसी में नहीं लगी अतिरिक्त कोच
हिन्दुस्तान टीम,भागलपुरSun, 09 Jul 2017 07:50 PM
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श्रावणी मेले में देवघर लगभग उतने ही कांवरिया जाते हैं जितने सुल्तानगंज आते हैं। लेकिन जसीडीह से जितनी ट्रेनें दी जाती है उसके अनुपात में भागलपुर रेलखंड पर ट्रेनों की संख्या बहुत कम है। नतीजा यह है कि पटना और हावड़ा की ओर से आने वाली ट्रेनों में हर साल कांवरियों की भीड़ बढ़ जाती है और आम यात्रियों को परेशानी झेलनी पड़ती है। श्रावणी मेला में कांवरियों के लिए स्पेशल ट्रेन चलाने में मालदा मंडल की रूचि कम है लेकिन इस बार पहले की तरह दूसरी ट्रेनों में अतिरिक्त कोच भी नहीं लगायी गई है। अतिरिक्त कोच लगने से आम यात्रियों की परेशानी कम हो सकती है। स्थानीय रेल अधिकारियों का तर्क है कि मेला के दौरान इस डिविजन से रेवेन्यू नहीं बढ़ता है। लेकिन सवाल यह है कि जो यात्री टिकट लेकर चल रहे हैं उनकी सुविधा का ख्याल कौन रखेगा। श्रावणी मेला में स्पेशल ट्रेन के नाम पर सुल्तानगंज के लिए गोरखपुर और सहरसा से दो ट्रेनें दी गई हैं। इनमें से एक तो पांच दिन ही है। इससे पहले कुछ ट्रेनों में अतिरिक्त कोच लगी थी। इस बार सिर्फ भागलपुर दानापुर इंटरसिटी एक्सप्रेस में ही एक कोच लगी है। जबकि अन्य ट्रेनों में संभावनाएं हैं। पूर्णिमा और सोमवारी को छोड़ भी दें तो सुल्तानगंज में हर दिन औसतन एक लाख से अधिक कांवरिया जल उठाते हैं। इनमें से लगभग 50 हजार से अधिक कांवरिया ट्रेन से ही आते हैं। इतने कांवरिया उन्हीं ट्रेनों में समा कर आते हैं जो पहले से ही इस रेलखंड पर चल रही है। इन ट्रेनों में अतिरिक्त बोगियां लग सकती हैं जनसेवा एक्सप्रेस 53042 पैसेंजर ट्रेन राजगीर-हावड़ा पैसेंजर भागलपुर-दिल्ली साप्ताहिक मालदा-पटना इंटरसिटी एक्सप्रेस हावड़ा-जमालपुर एक्सप्रेस

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