सुल्तानगंज-देवघर बीजी रेललाइन परियोजना शुरू होने के आसार
फोटो :: भू-अर्जन निदेशालय ने परियोजना से संबंधित मांगी है पूरी रिपोर्ट 2013 में रेलवे

भागलपुर, वरीय संवाददाता। सुल्तानगंज-देवघर ब्रॉड गेज (बीजी) नई रेललाइन परियोजना फिर शुरू होने के आसार हैं। भू-अर्जन निदेशालय ने परियोजना से संबंधित पूरी रिपोर्ट जिला प्रशासन से मांगी है। निदेशालय ने परियोजना के लिए रेलवे से मिली राशि और इसके उपयोग का पूरा ब्योरा देने को कहा है। रिपोर्ट अगले हफ्ते भेजी जाएगी, लेकिन भू-अर्जन कार्यालय में फिर से लाल कपड़े में बंद फाइलें निकाली जाने लगी हैं। परियोजना में 4 मौजे की करीब 26 एकड़ जमीन ली गई थी
जानकारी के मुताबिक, परियोजना के लिए सुल्तानगंज अंचल के चार मौजे की करीब 26 एकड़ जमीन ली गई थी। नवादा में करीब 14.73 एकड़, अब्जूगंज में 4.03 एकड़, सुल्तानगंज नगरपालिका क्षेत्र के वार्ड 7 में 3.89 एकड़ और वार्ड 6 में 3.68 एकड़ जमीन अर्जित करने के लिए वर्ष 2010 में कवायद शुरू हुई। रेलवे ने भागलपुर प्रशासन को कुल 18 करोड़ 52 लाख 51 हजार 686 रुपये भूमि अधिग्रहण के लिए दिए थे। इसमें नवादा मौजा के रैयतों को 4.40 करोड़ की जगह 2.81 करोड़, अब्जूगंज में 1.21 करोड़ की जगह 61.90 लाख, वार्ड 7 में 7.24 करोड़ की जगह 3.63 करोड़ और वार्ड 6 में 5.66 करोड़ की जगह 1.43 करोड़ रुपये दिए गए। मौजा में कुछ राशि चालान से कोषागार में भी जमा कराई गई। कुल मिलाकर 11 करोड़ 53 लाख 79 हजार 796 रुपये भुगतान किए गए।
सृजन घोटाला में इसी मद से 6.98 करोड़ का हुआ था गबन
कई रैयतों ने मुआवजा नहीं लिया तो उसके मद के शेष 06 करोड़ 98 लाख 71 हजार 890 रुपये बैंक खाते में जमा रखा गया। लेकिन सृजन घोटालाबाजों ने बैंकों की मिलीभगत से 06 करोड़ 98 लाख 66 हजार 152 रुपये गबन कर लिया। अब मात्र परियोजना के खाते में 5738 रुपये शेष रह गए हैं। जानकारों ने बताया कि नवंबर 2013 में रेलवे के आदेश पर भू-अर्जन की कार्रवाई स्थगित की गई थी। यही वजह है कि इतनी अधिक राशि बैंकों में पड़ी रह गई। जिसका फायदा सृजन के घोटालेबाजों ने उठाया।
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