बोले जमुई : चार साल बाद भी राजमार्ग चौड़ीकरण कार्य शुरू नहीं
बरबीघा से पंजवारा तक राष्ट्रीय राजमार्ग 333 ए के चौड़ीकरण की घोषणा चार साल बाद भी अधूरी है। स्थानीय लोगों में निराशा और आक्रोश है, क्योंकि सड़क की स्थिति खराब है और जाम की समस्या बनी हुई है। लोग...

प्रस्तुति: उपेन्द्र कुमार यादव
बरबीघा, सिकंदरा, जमुई, खैरा, सोनो, झाझा, सिमुलतला और कटोरिया होकर पंजवारा तक राष्ट्रीय राजमार्ग 333ए के चौड़ीकरण की घोषणा ने स्थानीय लोगों में बड़ी उम्मीदें जगाई थीं। वर्ष 2020 में सड़क चौड़ीकरण की स्वीकृति मिली थी, तब क्षेत्रवासियों को विश्वास था कि जल्द ही वर्षों पुरानी परेशानी दूर होगी और यातायात सुचारू रूप से चलेगा। लेकिन चार साल से अधिक समय बीतने के बाद भी कार्य प्रारंभ नहीं हो सका है। इस कारण लोगों में मायूसी और आक्रोश का माहौल है। क्षेत्रवासी आशंका जता रहे हैं कि कहीं यह घोषणा केवल चुनावी वादों तक ही सीमित न रह जाए। अधूरी पड़ी परियोजना ने जनता को फिर से उहापोह की स्थिति में डाल दिया है।
इस परियोजना का प्रस्ताव वर्ष 2017 में रखा गया था। फरवरी 2020 में केंद्र सरकार ने इसे स्वीकृति प्रदान की और जानकारी दी गई कि लगभग 900 करोड़ रुपये की लागत से यह विशाल परियोजना पूरी की जाएगी। परियोजना अंतर्गत राजमार्ग को 10 मीटर चौड़ा बनाया जाना है, जिसकी वर्तमान लंबाई 198.45 किलोमीटर है। बायपास निर्माण के बाद यह घटकर करीब 190.20 किलोमीटर रह जाएगी। योजना के मुताबिक सड़क के चौड़ीकरण के साथ ही 14 बायपास और दो रेलवे ओवरब्रिज बनाए जाने थे। स्थानीय लोगों ने उस वक्त यह मान लिया था कि अब वर्षों पुरानी समस्या से छुटकारा मिलेगा और यात्रा अबाध रूप से होती रहेगी। लेकिन इस घोषणा के चार वर्ष बीत जाने के बाद भी कार्य शुरू नहीं हुआ। धीरे-धीरे लोगों में मायूसी ने जड़ें जमानी शुरू कर दीं। आज स्थिति यह है कि ग्रामीणों के बीच दबी जुबान में यह सवाल गूंजने लगा है कि कहीं यह भी चुनावी जुमला ही तो नहीं था।
बरबीघा से पंजवारा जाने वाले इस मार्ग की स्थिति बेहद खराब है। संकरी सड़क पर अक्सर जाम की समस्या बनी रहती है। छोटे वाहन बड़े ट्रकों और बसों के बीच फंसकर घंटों परेशान रहते हैं। कई बार छोटे वाहनों को घंटों तक खड़े रहना पड़ता है क्योंकि दोनों तरफ से गुजरने की जगह ही नहीं होती। इस समस्या का सबसे भयावह दृश्य झाझा-सिमुलतला मार्ग पर घोरपारण जंगल से गुजरते समय देखने को मिलता है। यहां सड़क पर बनी पुलिया क्षतिग्रस्त हो चुकी है। पुलिया कमजोर होने के कारण बड़े वाहन धीमी गति से गुजरते हैं और छोटे वाहनों के लिए पास मिलना मुश्किल हो जाता है। इसके चलते घंटों लंबा जाम लग जाता है। जिन यात्रियों को केवल आधे घंटे का सफर तय करना होता है, उन्हें कई-कई घंटे सड़क पर ही खड़े रहना पड़ता है।
भूमि अधिग्रहण कार्य समय पर पूरा नहीं हो पाया
इस असुविधा का असर आम से लेकर खास तक पर पड़ता है। स्कूली बच्चे समय पर स्कूल नहीं पहुंच पाते, कॉलेज छात्र अपनी पढ़ाई में पिछड़ जाते हैं, मरीजों को समय पर अस्पताल नहीं पहुंचाया जा सकता और दफ्तर-कर्मचारियों को रोजाना देर होना आम हो चुका है। इस परियोजना को पूरा करने के लिए जमुई जिले के 72 मौजे से करीब 258 हेक्टेयर जमीन अधिग्रहण करनी थी। प्रक्रिया लंबी और जटिल होने के कारण भूमि अधिग्रहण कार्य समय पर पूरा नहीं हो पाया।
सड़क हो बड़ी तो क्षेत्र का होगा चहुंमुखी विकास
“सड़क हो बड़ी तो क्षेत्र का हो विकास” यह कहावत केवल एक जुमला नहीं, बल्कि क्षेत्रीय विकास की हकीकत है। अच्छी और चौड़ी सड़कों के अभाव में गांव और कस्बे हमेशा पिछड़ेपन की मार झेलते रहते हैं। सड़क जैसे ही आधुनिक रूप लेती है, समाज के हर हिस्से पर उसका असर दिखने लगता है। अच्छी सड़कों से न केवल व्यापारिक गतिविधियां बढ़ती हैं बल्कि ग्रामीण और शहरी क्षेत्र आपस में मजबूती से जुड़ते हैं। यही कारण है कि विकसित राष्ट्रों ने हमेशा अपने सड़क नेटवर्क को दुरुस्त करने पर सबसे अधिक ध्यान दिया है।
इनकी भी सुनिए
संकरी सड़क के कारण हमलोगों को कम दूरी तय करने में अधिक समय लगता है। दुर्घटना की संभावना बनी रहती है। सड़क के निर्माण कराए जाने से सड़क चौड़ी होगी लोगों को इसका लाभ मिलेगा।
-विकास चौधरी
चौड़ीकरण होने से हमलोग स्कूल, कॉलेज, अस्पताल, प्रखंड मुख्यालय, जिला मुख्यालय तक समय से पहुंच पाते। अच्छी सड़कें व्यापार और औद्योगिक गतिविधियों को बढ़ावा देती हैं।
-विजय यादव
अर्थव्यवस्था को नई दिशा देगा। इलाके का विकास होगा। कई जगहों पर नए बाजार भी खुल जाएंगें। बाजार तक बेहतर पहुंच प्रदान करती हैं, जिससे गतिशीलता बढ़ती है।
-विजय पांडेय
एनएच 333 ए बन जाने से रोजगार के अवसर बढ़ेंगे। व्यापार-व्यवसाय को गति मिलेगी। धार्मिक और पर्यटन स्थलों तक सुगम पहुंच से पर्यटक और तीर्थयात्री आकर्षित होते हैं, जो क्षेत्र के पर्यटन विकास में सहायक होता है।
-तुलसी महतो
किसान अपनी उपज को समय पर मंडी व बाजार तक पहुंचा पाएंगे और शिक्षा तथा स्वास्थ्य सेवाओं तक पहुंचना भी आसान होगा। रोजगार के अवसर बढ़ेंगे, व्यापार-व्यवसाय को गति मिलेगी।
-सुरेन्द्र कुमार
रोजगार के लिए भी एनएच 333 ए कारगर साबित होगा। जरूरत है इसके चौड़ीकरण का। जर्जर पुल व पुलिया भी बनना चाहिए। पुलिया कमजोर होने के कारण बड़े वाहन धीमी गति से गुजरते हैं।
-सुनील कुमार
बरबीघा से पंजवारा तक राष्ट्रीय राज्यमार्ग 333 ए बन जाने से बड़े वाहनों को आने-जाने में सुविधा होगी। वही छोटे वाहनों को सहूलियत मिलेगा।
-श्रीकांत यादव
चौड़ीकरण होने पर इलाके का विकास होगा। यहां कई शैक्षणिक संस्थान भी मौजूद हैं। सड़क शिक्षा, स्वास्थ्य सेवा, रोजगार और बाजार तक बेहतर पहुंच प्रदान करती हैं।
-पिंकी कुमारी
बिहार का टॉपर स्कूल सिमुलतला आने के लिए ट्रेन का ही मार्ग है। अगर सड़क चौड़ीकरण होता है तो सड़क होकर भी अभिभावक आ जा सकेंगें। व्यापार-व्यवसाय को गति मिलेगी ।
-पवन कुमार
सड़क को अगर फोरलेन कर दे तो काफी संख्या में लोगों को रोजगार मिलेगा। विकास के नए आयाम साबित होंगे। अच्छी सड़कें व्यापार और औद्योगिक गतिविधियों को बढ़ावा देती हैं।
-नवनीत श्रीवास्तव
सड़क का अगर चौड़ीकरण होता है तो वाहन चालकों को कम दूरी तय करनी पड़ेगी। उम्मीद है चुनाव से पहले इस सड़क पर सरकार ध्यान देंगी।
-नागेश्वर यादव
इलाके के लोगों को लगता है कि अब यह सड़क चुनावी जुमला जैसा था।उस समय क्षेत्र वासियों ने यह मान लिया था कि जल्द ही वर्षो पुरानी परेशानी से मुक्ति मिलेगी।
-कमल यादव
अब तक किसी भी जनप्रतिनिधि ने इस पर ध्यान नहीं दिया। नतीजा हुआ कि इलाके में बेरोजगारी की समस्या आज भी बरकरार है। सड़क बन जाने का लाभ क्षेत्रवासियों को मिलेगा।
-मो तौहिद अंसारी
सांसद व विधायक अगर चाहते तो पांच साल में यह कार्य पूरा कर लिया गया होता। सब इस मामले में नजरअंदाज किए हुए हैं। इसके कारण परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।
-चंदन कुमार
बेराजगारी इस इलाके में बड़े पैमाने पर है। अगर सड़कें चौड़ीकरण हो जाए तो काफी संख्या में लोगों को रोजगार मुहैया हो जाएगा। इससे लोगों का पलायन रुकेगा।
-आलोक राज
सड़क का अगर चौड़ीकरण हो जाता है तो बड़े शहर जाने में समय की बचत होगी। इससे लोगों आर्थिक बचत भी होगी। जिससे उन्हें राहत मिलेगी। सरकार को इस पर ध्यान देने की जरूरत है।
-अभ्यास पांडेय
बोले िजम्मेदार
बरबीघा, सिकंदरा, जमुई, खैरा, सोनो, झाझा, सिमुलतला और कटोरिया होते हुए पंजवारा तक राष्ट्रीय राजमार्ग 333 ए के चौड़ीकरण का कार्य लम्बे समय से लंबित है। इस परियोजना में आ रही बाधाओं को दूर करने के लिए विभाग से लगातार बात की जाएगी। जो भी अड़चनें होंगी, उन्हें प्राथमिकता पर दूर किया जाएगा। निर्माण कार्य के लिए आवश्यक कदम उठाए जाएंगे ताकि लोगों को जल्द ही चौड़ी एवं सुगम सड़क की सुविधा उपलब्ध हो सके।
-अरुण भारती, सांसद, जमुई
शिकायत
1. स्वीकृति मिली लेकिन सड़क चौड़ीकरण धरातल पर नहीं उतरा। केंद्र सरकार से स्वीकृति मिलने और बजट निर्धारित होने के बावजूद परियोजना का लंबित रहना लोगों के लिए सबसे बड़ा सवाल बन गया है।
2. जाम-टूटे पुलिया से राहगीर घंटों परेशान, संकरी सड़क पर छोटे वाहन रोज फंसते। जनता जानना चाहती है कि आखिर इतना महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट कब धरातल पर उतरेगा।
3. चौड़ीकरण रुका, विकास और रोजगार के रास्ते बंद, अधूरी परियोजना से लोग चुनावी वादे याद करने लगे।
4. कमजोर पुलिया से बड़ी दुर्घटनाओं का खतरा बढ़ा, बरबीघा से पंजवारा तक मार्ग बदहाल।
5. बेहतर सड़क के इंतजार में क्षेत्रवासी मायूस, चौड़ी सड़क का सपना सरकारी उदासी से अधूरा। हर चुनाव में इस परियोजना का जिक्र होता है, लेकिन एक्टिविटी शून्य दिखाई देती है।
सुझाव
1. चौड़ी सड़क से आवागमन आसान होगा। बड़े-बड़े ट्रक और बसें आसानी से गुजर पाएंगी, जिससे छोटे वाहनों को भी राहत मिलेगी। दुर्घटनाएं भी कम होंगी।
2. सड़कें हमेशा व्यापार-वाणिज्य का आधार होती हैं। यदि सड़क बेहतर बनती है तो बाजारों तक पहुंच आसान होगी। किसानों की उपज समय पर मंडी व शहरों तक पहुंचेगी औरे उन्हें अच्छा मूल्य मिलेगा।
3. सड़क निर्माण के दौरान रोजगार के अवसर पैदा होंगे। साथ ही, औद्योगिक और व्यावसायिक गतिविधियां बढ़ने पर स्थायी रोजगार भी मिलेंगे।
4. ग्रामीण क्षेत्रों के बच्चों को स्कूल-कॉलेज और मरीजों को अस्पताल तक आसानी से पहुंचने का मौका मिलेगा। इससे सामाजिक विकास होगा।
5. यह इलाका धार्मिक और पर्यटन स्थलों से भी संपन्न है। चौड़ी सड़कें पर्यटकों के लिए आसान यात्रा का मार्ग खोलेंगी। पर्यटन से स्थानीय व्यवसाय भी समृद्ध होंगे।
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