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सुरक्षित शनिवार की घंटी में बच्चों को नहीं पढ़ाया जा रहा आपदा का पाठ

जिले के सरकारी व निजी स्कूलों में सुरक्षित शनिवार की घंटी सालों से नहीं बज रही है। न ही बच्चों को आपदा और कौशल विकास की जानकारी ही मिल रही...

सुरक्षित शनिवार की घंटी में बच्चों को नहीं पढ़ाया जा रहा आपदा का पाठ
हिन्दुस्तान टीम,भागलपुरSat, 27 Oct 2018 07:21 PM
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- मुख्यमंत्री विद्यालय सुरक्षा कार्यक्रम के तहत सरकारी एवं निजी विद्यालयों में चलाना था अभियान- 2013 से चल रहा अभियान, दिसंबर माह में फिर से स्कूलों को दिया जायेगा प्रशिक्षण

जिले के सरकारी व निजी स्कूलों में सुरक्षित शनिवार की घंटी सालों से नहीं बज रही है। न ही बच्चों को आपदा और कौशल विकास की जानकारी ही मिल रही है। सरकारी और निजी स्कूलों में सुरक्षित शनिवार को लेकर बरती जा रही लापरवाही को लेकर बिहार शिक्षा परियोजना परिषद के द्वारा जिला शिक्षा पदाधिकारी एवं जिला कार्यक्रम पदाधिकारी को पत्र आया है। साथ ही इस दिशा में हर माह की अपडेट रिपोर्ट की मांग की है। डीपीओ सर्व शिक्षा अभियान बिरेंद्र कुमार ने बताया कि सारे स्कूलों को पत्र लिख दिया गया है। साथ ही निर्देशित किया गया है कि औचक निरीक्षण के दौरान जिन स्कूलों में सुरक्षित शनिवार की घंटी नहीं बजेगी। उस स्कूल के प्राधानाध्यापक पर कार्रवाई की जायेगी। डीपीओ ने बताया कि दिसंबर माह से हर स्कूलों में फिर से प्रशिक्षण कार्यक्रम का भी आयोजन किया जायेगा। मुख्यमंत्री विद्यालय सुरक्षा कार्यक्रम के तहत 2013 में सुरक्षित शनिवार योजना की पूरी रुपरेखा के साथ स्कूलों को निर्देशित किया गया था कि हर माह के चारों शनिवार को अलग-अलग विषयों पर छात्रों को जानकारी देनी है। 12 माह के लिए अलग-अलग पाठ्यक्रम दिया हुआ था। जिसे फोकल (विशेषज्ञ) शिक्षक एवं बाल प्रेरकों के द्वारा प्रशिक्षित करना था। स्कूलों में किताब भी मौजूद है। हर माह का अलग पाठ्यक्रमपाठ्यक्रम को बरसात, जाड़ा और गर्मी की छुट्टी के रुप में तैयार किया गया है। गर्मी के तीन माह में विद्यालय आपदा प्रबंधन, मोहल्ला बाल सुरक्षा समिति का गठन करना है। बरसात के चार माह जुलाई में हाथ धुलाई और स्वच्छता। अगस्त माह में पेयजल की अशुद्धता और उसके खतरे, सितंबर माह में डायरिया, ओआरएस बनाने की विधि की जानकारी। अक्टूबर माह में भीड़, भगदड़, जोखिम के दौरान प्राथमिक उपचार की जानकारी देनी है। जाड़ा (सर्दी) के चार माह में निमोनिया, संक्रमण, शीतलहर, तूफान, भूकंप की जानकारी और गर्मी की छुट्टी से पहले अगलगी खतरे और बचाव की जानकारी देना है।

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