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कोरोना लॉकडाउन में बिहार के इस गांव ने पेश की मिसाल, पहले भी सीएम कर चुके हैं पुरस्कृत

लॉक डाउन होने के बाद बिहार के पूर्णिया जिले  के डगरुआ प्रखंड स्थित लालबालू गांव मिसाल पेश कर रहा है। दरअसल इस गांव के नवोदय संघ के सदस्यों ने देशभर में लॉकडाउन की घोषणा होते ही 21 मार्च की देर...

कोरोना लॉकडाउन में बिहार के इस गांव ने पेश की मिसाल, पहले भी सीएम कर चुके हैं पुरस्कृत
पूर्णिया । हिन्दुस्तान संवाददाताThu, 09 Apr 2020 08:52 PM
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लॉक डाउन होने के बाद बिहार के पूर्णिया जिले  के डगरुआ प्रखंड स्थित लालबालू गांव मिसाल पेश कर रहा है। दरअसल इस गांव के नवोदय संघ के सदस्यों ने देशभर में लॉकडाउन की घोषणा होते ही 21 मार्च की देर रात के तीन बजे आपात बैठक कर पूरे गांव को सील कर दिया। इसके साथ ही बाहरी लोगों के गांव में प्रवेश पर पूरी तरह से पांबदी लगा दी

आर्थिक रूप से कमजोर लोगों को जरूरत का सामान उपलब्ध करवा रहे
लॉकडाउन होने के बाद इस गांव के ग्रामीण आपस में चंदा इकठ्ठा कर प्रतिदिन पूरे गांव को सेनेटाइज कर रहे हैं। तीन शिफ्टों में युवाओं की टीम 120 घरों की मॉनिटरिंग कर रही है। वहीं आर्थिक रूप से कमजोर लोगों को जरूरत के अन्य सामान भी उपलब्ध करवा रहे हैं। टीम के सदस्य गांव में साफ सफाई से लेकर मास्क पहनने और मवेशी रखने वाले स्थान की भी मॉनिटरिंग कर रहे हैं। इसमें सबसे खास बात यह है कि ऐसे परिवार जिनके परिजन घर से बाहर हैं उनके भी घर पर टीम जाकर साफ सफाई कर दें रहे हैं । ताकि उन्हें किसी भी तरह की कोई दिक्कत लॉक डाउन के दौरान नही हो।

सार्वजनिक स्थान में बाहरी प्रवेश नही करे इसलिए रात को ही गई थी गांव को सील
 एनएच 31 के बगल स्थित इस गांव के लोगों ने सुबह होने से पहले ही गांव को सील कर दिया ताकि कोई बाहरी व्यक्ति गांव में प्रवेश नही कर पाए । गांव के बन्नोमाली बढई, पारितोष भावुक, हरि गोविंद विश्वास, राजेन्द्र मजूमदार और रंजीत ने बताया कि फिलहाल गांव में किसी बाहरी को घुसने की अनुमति नही है। विशेष परस्थिति में युवाओं की टीम से सलाह मशवरा करने के बाद ही किसी को भी गांव से बाहर जाने की इजाजत दी जा रही है। कोई बाहरी व्यक्ति प्रवेश नही करे इसके लिए तीन शिफ्टों में टीम विशेष चौकसी कर रही है। 

..सफाई को लेकर सीएम और डीएम भी कर चुके हैं पुरस्कृत
इस गांव के  स्वच्छता और हरियाली की चर्चा चारों ओर होती है। राज्य के कई जिलों के मुखिया और सैकड़ों की संख्या में जनप्रतिनिधि स्वच्छता और हरियाली देखने के लिए आ चुके हैं। इस गांव को तीन बार निर्मल ग्राम का पुरस्कार मिल चुका है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और  पूर्णिया के तत्कालीन जिलाधिकारी एन सरवण समेत राज्य के कई लोगों ने इस गांव को पुरस्कृत किया है।
 

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