सुपौल: बघला नदी के किनारे शव दाहगृह निर्माण की मांग
त्रिवेणीगंज में सार्वजनिक श्मशान की कमी के कारण कमजोर वर्ग के परिवारों को शवों के अंतिम संस्कार में कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। जागरूकता के अभाव में परिजन बघला नदी किनारे शव जलाते हैं। लोगों ने...
त्रिवेणीगंज। आरक्षित एवं आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों के लिए केंद्र और राज्य सरकार द्वारा कई उपयोगी योजननाएं संचालित की जा रही है। लेकिन परिवार के किसी सदस्य के निधन होने के बाद इस क्षेत्र में सार्वजनिक श्मशान के अभाव में अंतिम संस्कार के लिए परिजनों को काफी कठिनाई होती है। जानकारी के अनुसार जागरूकता के अभाव में करीब पांच दशक पहले परिजनों द्वारा अधिकांश शवों को बघला नदी में प्रवाहित कर दिया जाता था। बाद में परिजनों ने नदी किनारे पुराने पेड़ों को काटकर शव जलाए जाने लगा। सार्वजनिक श्मशान के अभाव में अधिकांश कमजोर वर्ग के भूमिहीन परिवार द्वारा शव को नदी किनारे ही अंतिम संस्कार किया जा रहा है। ऐसे में धूप, बरसात में शवों को जलाने में उन्हें भारी कठिनाइयों से गुजरना पड़ता है। लोगों ने जिला प्रशासन से बघला नदी किनारे शवदाहगृह निर्माण की मांग की है।
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