कहलगांव: शिव बारात में शामिल हुए विदेशी सैलानी
पांडव क्रुज से कोलकाता से वाराणसी तक की जल यात्रा पर निकले विदेशी सैलानियों के दो अलग अलग जत्थे ने शुक्रवार को विक्रमशिला और बटेश्वर के पुरावशेषों का अवलोकन किया। पहले जत्थे में 18 की संख्या में...
पांडव क्रुज से कोलकाता से वाराणसी तक की जल यात्रा पर निकले विदेशी सैलानियों के दो अलग अलग जत्थे ने शुक्रवार को विक्रमशिला और बटेश्वर के पुरावशेषों का अवलोकन किया। पहले जत्थे में 18 की संख्या में यूएसए, यूके और ऑष्ट्रेलिया के बुजुर्ग सैलानी तो दूसरे जत्थे में करीब दर्जनभर विदेशी सैलानी शामिल थे। सैलानियों ने विक्रमशिला के मुख्य स्तूप, मनौती स्तूप, छात्रावास परिसर, तिब्बती मंदिर आदि पुरावशेषों को देखा तथा काफी खुश नजर आये।
सैलानियों में शामिल जीन, सैली, नीना, अब्राहम आदि ने खुदाई स्थल का अवलोकन करने के बाद बताया कि उनलोगों ने सिर्फ नालंदा के बारे में सुना था लेकिन आज विक्रमशिला के पुरावशेषों को देख वे लोग अचंभित हो गये। विक्रमशिला का दृश्य काफी मनोहारी है जो प्रकृति की गोद में बसा है। स्थल का रखरखाव काफी बेहतर तरीके से किया गया है तथा यहां आने पर बौद्ध धर्म के बारे में काफी जानकारी मिली। गाइड एस पी दासगुप्ता और देवव्रत मुखर्जी ने सैलानियों को विक्रमशिला और बटेश्वर की पुरातात्विक और ऐतिहासिक महत्ता के बारे में विस्तार से जानकारी दी। विक्रमशिला और बटैश्वर का अवलोकन करने के बाद सैलानियों का जत्था कहलगांव शहर पहुंचा तथा बाजार क्षेत्र का परिभ्रमण करने के बाद वे लोग राजघाट किनारे अवस्थित जागेश्वर नाथ महादेव मंदिर परिसर पहुंचे तथा आकर्षक तरीके से सजाये गये मंदिर को निहारा और कुछ समय के लिये शिव बारात में भी शामिल हुए। इस दौरान सैलानियों ने जमकर फोटोग्राफी भी की।