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JLNMCH में दूसरे की डायलिसिस: मामला दबाने को सामने आई अस्पताल की ये करतूत

जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज अस्पताल में किडनी मरीज की बजाय टीबी के मरीज का डायलिसिस किये जाने के बाद मामले को दबाने के लिए पीड़ित टीबी  मरीज को अस्पाल ने गुरुवार को छुट्टी दे दी। मरीज का आरोप है...

JLNMCH में दूसरे की डायलिसिस: मामला दबाने को सामने आई अस्पताल की ये करतूत
भागलपुर, कार्यालय संवाददाताThu, 24 Jan 2019 10:04 PM
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जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज अस्पताल में किडनी मरीज की बजाय टीबी के मरीज का डायलिसिस किये जाने के बाद मामले को दबाने के लिए पीड़ित टीबी  मरीज को अस्पाल ने गुरुवार को छुट्टी दे दी। मरीज का आरोप है कि अस्पताल प्रबंधन ने धमकी देकर बाहर कर दिया। यही नहीं, जिस मरीज का डायलिसिस होना था, उसकी पत्नी को भी धमकी दी गयी है।

हिंदुस्तान के पास बातचीत के मौजूदा वीडियो में किडनी मरीज उमेश यादव की पत्नी किरण देवी ने आरोप लगाते हुए कहा कि अस्पताल प्रशासन ने तो गलती स्वीकार की लेकिन साथ ही धमकी भी दी गई है। वहीं घटना के दोपहर बाद जब टीबी मरीज घर चला गया तो अस्पताल अधीक्षक भी अपनी बात से मुकर गए। मालूम हो कि अस्पताल प्रशासन ने पहले 24 घंटे तक मामले को दबाने की कोशिश की, लेकिन अखबारों में प्रमुखता से खबर प्रकाशित होने के बाद जिम्मेदारों ने भूल स्वीकारी, लेकिन बयान बदल दिया कि टीबी के मरीज को सिर्फ डायलिसिस रूम तक ले जाया गया था। पहले अधीक्षक ने दोषियों पर कार्रवाई की बात कही थी।

ये है मामला
जेएलएनएमसीएच में बेड नंबर 35 पर भर्ती टीबी मरीज दिनेश तांती का मंगलवार सुबह डायलिसिस कर दिया गया था। जबकि बेड नंबर 34 पर भर्ती मरीज उमेश यादव का डायलसिस होना था। अस्पताल अधीक्षक ने भी इसकी पुष्टि करते हुए दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की बात कही थी। उमेश यादव की पत्नी किरण देवी का कहना है कि सुबह डॉ. विपिन कुमार आए और दिनेश तांती से कहा कि भूलचूक होती रहती है। जबकि किरण से कहा कि लापरवाही की गयी है, आपकी छुट्टी कर देंगे। इस पर किरण ने जवाब दिया कि छुट्टी कर दीजिए। दिनेश तांती ने कहा कि उसे जुबान बंद रखने को कहा गया है। दोपहर 12 बजे दिनेश को अस्पताल से डिस्चार्ज कर दिया गया। बहुत प्रयास के बाद जब दिनेश को अस्पताल में नहीं रखा गया तो वह गुरुवार को दोपहर दो बजे घर चला गया।

अब डायलिसिस से कर रहे हैं इंकार
कल तक दोषियों पर कार्रवाई करने की बात कह रहे अस्पताल अधीक्षक डॉ. आरसी मंडल ने अपनी बात से मुकरते हुए कहा कि बेड नंबर 35 पर भर्ती दिनेश तांती को डॉ. ओबैद अली ने न तो डायलिसिस लिखा था और न ही उसका डायलिसिस हुआ है। बेड नंबर 34 पर भर्ती मरीज उमेश यादव सीकेडी, एस्केटिस, डायबीटिज व प्लूरल इफ्यूजन से ग्रसित है। उसे 21 जनवरी को डायलिसिस के लिए ले जाया गया, लेकिन दो यूनिट खून चढ़ाने के बावजूद उसका हिमोग्लोबिन 6.3 पर था। इस वजह से उसे वापस भेज दिया गया।
 

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