Jamui City Faces Acute Park Shortage Residents Demand More Green Spaces बोले जमुई : पार्क निर्माण ही स्वस्थ और सुरक्षित समाज की जरूरत, Bhagalpur Hindi News - Hindustan
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बोले जमुई : पार्क निर्माण ही स्वस्थ और सुरक्षित समाज की जरूरत

जमुई शहर में पार्कों की कमी से लोग परेशान हैं। समाहरणालय के सामने और डीडीसी आवास के पास केवल दो पार्क हैं, जिनमें से एक अधूरा है। भीड़भाड़ के कारण बुजुर्गों और महिलाओं को कठिनाई होती है। शहर की बढ़ती...

Newswrap हिन्दुस्तान, भागलपुरWed, 10 Sep 2025 03:56 AM
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बोले जमुई : पार्क निर्माण ही स्वस्थ और सुरक्षित समाज की जरूरत

प्रस्तुति: राजीव कुमार

शहर की आबोहवा ताजा रखने और लोगों के टहलने के लिए पार्क जरूरी होते हैं। जमुई सदर में दो पार्क बनाए गए हैं- एक समाहरणालय के सामने और दूसरा डीडीसी आवास के पास। समाहरणालय वाला पार्क अब तक अधूरा है, इसलिए वहां कम लोग जाते हैं। वहीं, डीडीसी आवास के पास स्थित पार्क सबसे व्यस्त है, लेकिन वहां कई दिक्कतें आती हैं। इस पार्क में टहलने के लिए पांच रुपये शुल्क लिया जाता है और मासिक व अर्धवार्षिक पास की भी व्यवस्था है। भीड़ अधिक होने से सुबह बुजुर्गों और महिलाओं को चलने-फिरने में कठिनाई का सामना करना पड़ता है। घनी आबादी वाले शहर के लिए ये दोनों पार्क पर्याप्त नहीं हैं और लोगों को स्वस्थ व सुरक्षित वातावरण देने के लिए और पार्कों की आवश्यकता महसूस की जा रही है।

शहर की आबोहवा को स्वच्छ बनाए रखने और लोगों को स्वस्थ जीवनशैली प्रदान करने में पार्कों की भूमिका अहम होती है। पार्क न केवल हरियाली और ताजगी का स्रोत होते हैं, बल्कि बच्चों से लेकर बुजुर्गों तक सभी के लिए सैर, व्यायाम और मनोरंजन का सुरक्षित स्थान भी मुहैया कराते हैं। लेकिन, अगर शहरों की स्थिति पर नजर डालें तो जमुई जैसे घनी आबादी वाले कस्बों में पार्कों की भारी कमी स्पष्ट रूप से दिखती है। जमुई शहर में पार्क के नाम पर वन विभाग द्वारा बनाया गया एक चिल्ड्रन पार्क ही मौजूद है। यह पार्क भी शहर की बढ़ती जनसंख्या और लोगों की जरूरतों के सामने नाकाफी साबित हो रहा है। मॉर्निंग वॉक, योगा या अन्य शारीरिक गतिविधियों के लिए लोगों को स्टेडियम या केकेएम कॉलेज के मैदान का सहारा लेना पड़ता है। जगह के अभाव में कई लोग सुबह-सुबह सड़कों पर चलने के लिए मजबूर होते हैं।

यह न केवल असुविधाजनक है, बल्कि दुर्घटना की दृष्टि से भी बेहद खतरनाक है। कई बार सड़क पर चलते लोगों को हादसों में अपनी जान गंवानी पड़ी है। समाहरणालय के सामने एक पार्क का निर्माण आरंभ हुआ था, लेकिन अबतक उसका कायाकल्प पूरा नहीं हो सका। लापरवाही के कारण उस पार्क से हरियाली गायब हो गई है। वहां सफाई और देखरेख की कोई उचित व्यवस्था नहीं है। पार्क में नियुक्त चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी को भी कामकाज की सीधी जानकारी नहीं होने से हालात बदतर होते जा रहे हैं। इसका असर यह हुआ है कि शहरवासियों के लिए यह पार्क किसी तरह का लाभ नहीं दे पा रहा। शहर के अंदर पार्क न होने से बच्चों और बुजुर्गों को मॉर्निंग वॉक और मनोरंजन का लाभ नहीं मिल पा रहा है। जहां पार्क होने चाहिए थे, वहां केवल कंक्रीट का फैलाव और इमारतों का जाल बिछता जा रहा है। नतीजा यह है कि बुजुर्ग सुबह की शांति और हरियाली से दूर रहकर सड़कों और गलियों में चलने पर मजबूर हैं, वहीं बच्चों के पास खेलने और ताजी हवा पाने के लिए सुरक्षित स्थान उपलब्ध नहीं है। बड़े पैमाने पर लोग सुबह-सुबह स्टेडियम और कॉलेज मैदान तक पहुंचते हैं, लेकिन यह विकल्प भी शहर के हर इलाके के लिए सुलभ नहीं है। 2011 की जनगणना के अनुसार शहरी क्षेत्र की आबादी करीब एक लाख थी। लेकिन पिछले एक दशक में यह संख्या दोगुनी से भी ज्यादा बढ़ गई है। आज नगर और उससे सटे क्षेत्रों की वास्तविक आबादी तीन लाख तक पहुंच चुकी है। इतनी बड़ी आबादी के लिए पार्कों की संख्या न सिर्फ अपर्याप्त है बल्कि नगण्य कही जा सकती है। ऐसी स्थिति में शहरवासियों को हर सुबह और शाम सुरक्षित व स्वच्छ वातावरण मिल पाना मुश्किल हो रहा है। सुबह की सैर केवल एक आदत नहीं, बल्कि शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य के लिए अनमोल संपत्ति है। जमुई जैसे शहर की बढ़ती आबादी और जीवनशैली की जरूरतों को देखते हुए नगर परिषद को इस मुद्दे को गंभीरता से लेना चाहिए। पार्क केवल हरियाली का प्रतीक नहीं, बल्कि स्वस्थ समाज की नींव हैं। आबादी के निकट पार्कों का निर्माण कराया जाना बेहद जरूरी है।

अनुपयोगी स्थलों को चिह्नित कर बनाएं पार्क

नगर परिषद को चाहिए कि उपलब्ध खाली पड़ी सार्वजनिक भूमि या अनुपयोगी स्थलों को चिह्नित कर वहां पार्क विकसित करे। साथ ही मौजूदा पार्कों की सही देखरेख और आधुनिकीकरण किया जाए। पार्कों में पर्याप्त हरियाली, प्रकाश व्यवस्था और बैठने की सुविधा होनी चाहिए। महिलाओं और बच्चों की सुरक्षा के लिए सीसीटीवी और सुरक्षा गार्ड जैसी व्यवस्थाएं भी होनी चाहिए। पार्कों का निर्माण, केवल शहरी सौंदर्यीकरण का हिस्सा नहीं है बल्कि यह लोगों के स्वास्थ्य, मानसिक शांति और सामाजिक समरसता का आधार भी है। यह समय की मांग है कि जमुई नगर परिषद इस गंभीर आवश्यकता को समझे और लोगों को स्वस्थ और स्वच्छ वातावरण देने की दिशा में ठोस कदम उठाए। इससे बच्चों को खेलने का स्थान मिलेगा, बुजुर्गों को सैर और योगा जैसी गतिविधियों का अवसर मिलेगा और कामकाजी लोग तनाव से राहत पा सकेंगे।

सुनें हमारी बात

सुबह का व्यायाम बहुत ही जरूरी है। टहलने से पूरे शरीर को तंदुरुस्ती मिलती है। मन प्रसन्न रहता है। लेकिन अफसोस है कि शहर में पर्याप्त पार्क नहीं है।

-वैद्यनाथ गुप्ता

पार्क निर्माण के लिए जिला प्रशासन को पहल करनी चाहिए। स्वस्थ रहने के लिए सुबह में टहलना जरूरी है। अभी परेशानी का सामना करना पड़ता है।

-अनिल केशरी

शहर में पार्क की व्यवस्था नहीं रहने से लोगों को सुबह में टहलने में परेशानी होती है। एक पार्क है भी तो भीड़ बहुत रहती है। जिम्मेदार समस्या दूर करें।

-अनिल कुमार सिन्हा

सुबह टहलने से स्वच्छ हवा मिलती है। इसके साथ ही कई रोग से निजात मिलता है। हर मनुष्य को सुबह में टहलना चाहिए। जिससे वह स्वस्थ और खुश रहेंगे।

-गौरी शंकर पासवान

सरकारी स्तर पर शहर में पार्क का निर्माण होना चाहिए। पार्क की कमी के कारण बुजुर्गों को सड़क किनारे टहलना पड़ता है। इससे जान का खतरा बना रहता है।

-मनेश कुमार

शहर में कहने के लिए कई पार्क की योजनाएं बनीं। लेकिन जमीन पर एक भी नहीं उतर सका। इसके कारण शहरवासियों में आक्रोश है। जिम्मेदार ध्यान दें।

-मनोज सिंह

शहर में पार्क होना चाहिए। जहां हर उम्र के लोग टहलने के लिए जा सकें। महिलाओं के लिए एक विशेष पार्क बनना चाहिए। जिससे उन्हें परेशानी नहीं हो।

-मुकेश कुमार सिन्हा

शहर की आबादी दिनोंदिन बढ़ रही है। लेकिन नागरीय सुविधाएं नहीं मिल रही हैं। एक खूबसूरत पार्क शहर में होना चाहिए। जहां सुबह—शाम लोग टहल सकें।

-नितेश केशरी

एक बड़ी आबादी के समक्ष पार्क का नहीं होना चिंता की बात है। शहर में पार्क बने। इस दिशा में जिला प्रशासन के साथ ही जनप्रतिनिधियों को भी ध्यान देना चाहिए।

-पंकज कुमार

पार्क में महिलाओं के लिए शौचालय की व्यवस्था नहीं होने से उन्हें पुरुषों के मुकाबले अन्य चुनौतियों का अतिरिक्त सामना करना पड़ता है। समस्या दूर करें।

-प्रभात कुमार सिन्हा

बारिश के मौसम में मैदान गिला हो जाता है। जिस पर दौड़ लगाना मुश्किल होता है। फिसलन से चोट की संभावना बनी रहती है। इस पर भी ध्यान देने की जरूरत है।

-प्रवीण सिन्हा

नगर परिषद को चाहिए कि प्रत्येक दिन साफ-सफाई कराएं। जिससे लोगों को बदबू से मुक्ति मिलेगी और उन्हें स्वस्थ वातावरण में सैर करने में आनंद आएगा।

-राहुल सिंह

महिलाओं की सुविधा को देखते हुए कम से कम एक-दो चेंजिंग रूम होना अति आवश्यक है। जिससे उन्हें परेशानियों का सामना नहीं करना पड़े।

-विवेक सिन्हा

पार्क के गेट पर ताला लगा रहता है तो उस दिन अन्य वैकल्पिक मैदान देखना पड़ता है या फिर मुख्य सड़क पर ही दौड़ लगानी पड़ती है। जिससे खतरा रहता है।

-राजकिशोर सिन्हा

जिला प्रशासन को नगर परिषद के साथ समन्वय बनाकर शहर के मुख्य जगहों को चिह्नित कर हाईमास्ट लाइट व स्ट्रीट लाइट की व्यवस्था को दुरूस्त करने की जरूरत है।

-सुरेंद्र बर्णवाल

मैदान के अभाव में बच्चे और युवकों को मुख्य सड़क पर दौड़ लगानी पड़ती है। जरूरत है कि इन सभी समस्याओं को ध्यान में रखते हुए प्रशासन उनके लिए वैकल्पिक व्यवस्था मुहैया कराए।

-श्यामदेव

बोले िजम्मेदार

शहर में पर्याप्त जमीन नहीं रहने के कारण पार्क नहीं बन सका है। वैसे शहरवासियों की इस जरूरत को ध्यान में रखते हुए प्रशासनिक पहल की जाएगी। शहरी क्षेत्र में जहां कहीं भी खाली भूमि पड़ी हुई है उसे विभाग द्वारा स्थानांतरित कर पार्क निर्माण के लिए पहल की जाएगी। आने वाले दिनों में लोगों को परेशानियों का सामना नहीं करना पड़ेगा और वे पार्क में परिवार के साथ आनंद उठा सकेंगे।

प्रियंका गुप्ता, कार्यपालक पदाधिकारी, नगर परिषद, जमुई

शिकायत

1. सुबह की भीड़ में महिलाओं और बुजुर्गों को पार्क में टहलने में परेशानी होती है।

2. पार्क में आबादी के हिसाब से पर्याप्त जगह नहीं है।

3. व्यायाम के लिए अलग से पर्याप्त व्यवस्था नहीं है।

4. पार्क में व्यायाम के लिए बने कई उपकरण क्षतिग्रस्त हैं। वहीं पीने के लिए पानी की व्यवस्था नहीं है।

सुझाव

1. शहर की बढ़ती आबादी को देखते हुए शहर में पार्क की संख्या बढ़ाने की जरूरत है।

2. व्यायाम के लिए अलग से व्यवस्था करने की जरूरत है।

3. व्यायाम उपकरण की समय-समय पर जांच कर मरम्मत करने की जरूरत है।

4. पार्क में शुद्ध पानी पीने की व्यवस्था करने की जरूरत है।

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