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प्रवासियों को मतदान नहीं कर पाने का मलाल, ई-वोटिंग की कर रहे मांग

अपने निर्वाचन क्षेत्र से बाहर रहने वाले मतदाता हर चुनाव में हो रहे वोटिंग से

Newswrap हिन्दुस्तान, भागलपुरMon, 8 Sep 2025 04:39 AM
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प्रवासियों को मतदान नहीं कर पाने का मलाल, ई-वोटिंग की कर रहे मांग

भागलपुर, वरीय संवाददाता/गौतम वेदपाणि सुल्तानगंज प्रखंड की करहरिया पंचायत निवासी 40 वर्षीय चंदन कुमार बीते एक दशक से मुंबई में भवन निर्माण कंपनी में इंटीरियर डेकोरेटर के पद पर कार्यरत हैं। कामकाज की व्यस्तता के कारण वह बीते दो लोकसभा और दो विधानसभा चुनाव में अपने गांव आकर मतदान नहीं कर पाए हैं। वहीं पंचायत चुनाव में भी अपने मनपसंद प्रत्याशी को वोट नहीं कर पाने का मलाल है। चंदन बताते हैं कि हाल में ही उन्हें जानकारी मिली कि बिहार में बिहार में नगर निकाय के 45 सीटों पर उपचुनाव हुए। इसमें पहली बार मतदाताओं को ई-वोटिंग की भी सुविधा मिली।

लोगों ने अपने मोबाइल से ऑनलाइन वोट डाला। अगर ऐसी ही व्यवस्था अक्टूबर और नवंबर में होने वाले विधानसभा चुनाव के दौरान हो, तो वह मुंबई से ही सुल्तानगंज विधानसभा चुनाव के सबसे अच्छे प्रत्याशी को वोट कर देंगे। इधर, ऐसी ही शिकायत रांची के एक प्लांट में जूनियर इंजीनियर के पद पर कार्यरत रवि किशन की है। उन्होंने बताया कि वोटर आईडी कार्ड बन जाने के बावजूद काम की व्यस्तता के कारण गांव जाकर वोट नहीं कर पाते हैं। रवि भी सुल्तानगंज विधानसभा क्षेत्र के रहने वाले हैं। उन्होंने लोकतंत्र के महापर्व में भागीदारी नहीं करने का मलाल रहता है। रवि ने बताया कि इस बार छठ पर्व पर महज तीन दिन की छुट्टी लेकर घर जाएंगे। अगर इस दौरान मतदान की तारीख पड़ गई तो मतदान जरूर करेंगे। उन्होंने कहा कि ऑनलाइन वोटिंग की व्यवस्था चुनाव आयोग को करना चाहिए। बता दें कि रवि व चंदन के अलावा यह कहानी भागलपुर जिला स्थित सात विधानसभा क्षेत्र के हजारों मतदाताओं की है, जो पढ़ाई, कमाई व अन्य कारणों से अपने घर से बाहर रहने को मजबूर हैं। हर पंचायत, नगर निकाय, विधानसभा व लोकसभा चुनाव में मतदान से वंचित रह जाते हैं। ऑनलाइन मतदान से वोट का बढ़ेगा प्रतिशत भागलपुर में इंडियन बैंक के मैनेजर रोहित कश्यप ने बताया कि वह बांका शहर के निवासी हैं। इस बार 28 जून को बांका नगर परिषद के मुख्य पार्षद के पद को लेकर हुए उपचुनाव में ऑनलाइन मतदान किया था। उन्होंने ऑनलाइन मतदान के लिए पटना, दिल्ली, मुंबई समेत अन्य जगहों पर रहने वाले जानकारों को ऑनलाइन वोटिंग की जानकारी दी थी। जानकारी मिलने के बाद सब ने अपने मोबाइल के माध्यम से मतदान किया था। ऐसी व्यवस्था हर चुनाव में होना चाहिए। इससे मतदान का प्रतिशत कम से कम 10 प्रतिशत तक जरूर बढ़ेगा। हर चुनाव के दौरान निर्वाचन आयोग मतदान का प्रतिशत बढ़ाने के लिए अभियान चलाती है। दिव्यांग व वृद्धजनों को कतार से मिलेगी मुक्ति : नगर निकाय के उपचुनाव के लिए ऑनलाइन मतदान के लिए राज्य निर्वाचन आयोग ने मोबाइल एप लांच किया था। इसपर अपना इपिक नंबर रजिस्टर करने के बाद मतदाताओं को ओटीपी नंबर आता था। रजिस्ट्रेशन पूरा करने के बाद प्रवासी के अलावा स्थानीय लोगों ने भी घर बैठे मतदान किया था। इनमें दिव्यांग व चलने में असमर्थ वृद्धजनों व बीमार लोगों की संख्या अधिक थी। इससे भीषण गर्मी के दौरान कतार के झंझट से मुक्ति मिली। देश में पहली बार ई-वोटिंग बिहार में जून में हुए नगर निकाय आम/उपचुनाव में देश में पहली बार बिहार ने ई-वोटिंग करने का रिकॉर्ड अपने नाम किया। ऑनलाइन निबंधित 70 प्रतिशत मतदाताओं ने अपने मोबाइल से ई-मतदान किया। चुनाव में बांका, पटना, बक्सर, रोहतास, सारण व पूर्वी चंपारण में ई-वोटिंग करने वालों में 72.01 प्रतिशत पुरुष एवं 63.38 प्रतिशत महिलाएं थे। 51 हजार मतदाताओं ने इसके लिए पंजीकरण कराया था। लेकिन, हाईकोर्ट के आदेश पर तीन निकायों की तीन सीटों के लिए मतदान स्थगित होने के बाद कुल 38 हजार ऑनलाइन मतदाता पंजीकृत थे। ऑनलाइन व सामान्य मिलाकर कुल 62.41 प्रतिशत मतदान हुआ। कोट अबतक विधानसभा चुनाव में ऑनलाइन वोटिंग के लिए किसी तरह की अधिसूचना निर्वाचन आयोग ने जारी नहीं की है। अगर आयोग की तरफ इसका फैसला लिया जाता है तो इसकी सूचना जारी की जाएगी। विकास कुमार, एसडीओ, भागलपुर सदर

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