Increasing Trend of Indian Women Renouncing Citizenship after Marrying in Nepal and Bangladesh नेपाल में ब्याह रचाते ही भारत को कह रहीं अलविदा, Bhagalpur Hindi News - Hindustan
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नेपाल में ब्याह रचाते ही भारत को कह रहीं अलविदा

- देश की नागरिकता खत्म करने को प्रतिमाह आ रहे दर्जनों खत - 300 रुपये

Newswrap हिन्दुस्तान, भागलपुरTue, 24 Dec 2024 01:22 AM
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नेपाल में ब्याह रचाते ही भारत को कह रहीं अलविदा

हिन्दुस्तान विशेष भागलपुर, वरीय संवाददाता। ‘मैं रुचिका कुमारी गिरी, सुपुत्री घनश्याम गोस्वामी, निवासी रायपुर मुरहन का विवाह जातीय परंपरा मुताबिक विराटनगर (नेपाल) के मोरड़ के रामेश्वर गिरी के पुत्र अमित कुमार गिरी संग हुआ है। विवाह पश्चात मैं नेपाल में ही रहने लगी हूं। नेपाल के कानून मुताबिक मैं वैवाहिक नाता से नेपाल की नागरिक बनने जा रही हूं। इसलिए मैं अपनी राजी खुशी से अपनी भारतीय नागरिकता परित्याग करती हूं। मेरा नाम भारतीय नागरिकता और मतदाता सूची से हटाया जाए। इस आशय का पत्र सोमवार को जिलाधिकारी कार्यालय को मिला है।

भारतीय नागरिकता परित्याग के लिए विहित प्रपत्र में इस तरह के पत्र हरेक सप्ताह जिला प्रशासन को मिल रहा है। निबंधित डाक से नेपाल से आये इस पत्र पर 300 रुपये का नेपाली टिकट चिपका रहता है। जिसके आधार पर सामान्य शाखा द्वारा पत्र की जांच कराने से लेकर नागरिकता खत्म करने के लिए तमाम प्रक्रिया अपनाई जा रही है। जिला प्रशासन को अब तक दर्जनों की संख्या में नेपाल से भेजा गया खत मिला है। कुछ पत्र पड़ोसी देश बांग्लादेश से भी आया है। जिस पर जांच रिपोर्ट आने के बाद गृह विभाग से मंतव्य मांगा गया है।

नेपाल और बांग्लादेश में ब्याह का रिवाज तेजी से बढ़ रहा है

बताते हैं कि इन दिनों नेपाल और बांग्लादेश में शादी करने का रिवाज तेजी से बढ़ा है। हिन्दू धर्म के लोग नेपाल में रिश्तेदारी ढूंढ़ रहे हैं तो मुस्लिम समुदाय के लोग बांग्लादेश में। ऐसे लोग बिजनेस फैमिली के होते हैं। सरहद पार से व्यापारिक संबंध कब घरेलू संबंध में तब्दील हो गया, इसकी भनक बेटी के पिता को भी नहीं हो पाती है। चार दिन पहले कहलगांव अनुमंडल क्षेत्र की रहने वाली तीन बेटियों ने नेपाल से ही प्रशासन को पत्र भेजकर नागरिकता खत्म करने की मांग की। पड़ोसी देश में पिया संग रहने वाली इन महिलाओं को पूरा विश्वास है कि अब शेष जिंदगी भारत में नहीं रहना है तो क्यों यहां के कानून को ढोती रहें।

दावा सही पाने पर गृह विभाग से नाम काटने की होती अनुशंसा

पड़ोसी देश से आये ऐसे पत्र की जांच डीएम कराते हैं। डीएम इन पत्रों की जांच कर एसएसपी और एसडीओ को रिपोर्ट देने को कहते हैं। रिपोर्ट के बाद यह स्पष्ट हो पाता है कि महिला का दावा सही है। फिर नागरिकता खत्म करने और वोटर लिस्ट या राशन कार्ड आदि से नाम काटने की कवायद शुरू होती है। इसके लिए डीएम गृह विभाग को अनुशंसा करते हैं। गृह विभाग की मंजूरी के बाद ऐसी महिलाओं की न सिर्फ नागरिकता खत्म की जाती है। बल्कि तमाम सरकारी दस्तावेजों से हमेशा के लिए नाम काट दिया जाता है।

कोट ...

नागरिकता खत्म करने संबंधी ढेरों पत्र मिले हैं। सभी की जांच कराई जा रही है। रिपोर्ट से गृह विभाग को अवगत कराया जाता है।

-कुमार मिथिलेश प्रसाद सिंह, एसडीसी, सामान्य शाखा

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