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पूछताछ में कर्मचारी ने भूल स्वीकारी, सीएस बोले कार्रवाई तय

बिना कोरोना जांच के ही कोरोना पॉजिटिव होने की रिपोर्ट देने वाले फ्लू कॉर्नर के कर्मचारी ने सीएस की पूछताछ में अपनी भूल को स्वीकार कर...

पूछताछ में कर्मचारी ने भूल स्वीकारी, सीएस बोले कार्रवाई तय
हिन्दुस्तान टीम,भागलपुरThu, 15 Oct 2020 09:23 PM
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बिना कोरोना जांच के ही कोरोना पॉजिटिव होने की रिपोर्ट देने वाले फ्लू कॉर्नर के कर्मचारी ने सीएस की पूछताछ में अपनी भूल को स्वीकार कर लिया। हालांकि उसने रिपोर्ट जारी करने की मंशा के पीछे रुपये के लेन-देन की बात से पूर्णतया इंकार कर दिया। कर्मचारी के जवाब से असंतुष्ट सीएस का कहना है कि गलती, गलती होती है, कर्मचारी पर कार्रवाई तय है।

सिविल सर्जन ने खुद शुरू की जांच, कर्मचारी तलब

सदर अस्पताल के फ्लू कॉर्नर में तैनात डी ग्रुप के कर्मचारी द्वारा निजी कंपनी के एक कर्मचारी के पक्ष में कोरोना का फर्जी जांच रिपोर्ट जारी करने का खुलासा बुधवार को हुआ तो इस मामले की जांच करने की कमान स्वयं सिविल सर्जन ने अपने हाथ में ले ली। गुरुवार को जांच करने के लिए पहुंचे सिविल सर्जन डॉ. विजय कुमार सिंह ने नशा मुक्ति केंद्र के डॉटा ऑपरेटर के जरिये अपने समक्ष फर्जी कोरोना जांच रिपोर्ट जारी करने वाले कर्मचारी पुरूषोत्तम झा को तलब किया। इस दौरान सीएस ने कर्मचारी को कड़ी फटकार लगाते हुए कहा कि उसने किस आधार पर बिन जांच कराये ही कोरोना जांच रिपोर्ट जारी कर दी। जबकि यह काम डॉक्टर या फिर लैब टेक्नीशियन ही कर सकता है। इस पर आरोपित कर्मचारी ने निजी कंपनी के कर्मचारी द्वारा मोबाइल पर हुई कोरोना जांच रिपोर्ट को देखने के बाद मानवतावश कोरोना जांच रिपोर्ट जारी करने की बात कही। इस पर सिविल सर्जन ने आरोपित कर्मचारी को यह बात लिखित रूप से देने की बात कही तो वह मारे डर के उसकी कलम नहीं चली। वह वहां मौजूद दूसरे कर्मचारियों से अपनी ओर से आवेदन करने की मिन्नत करने लगा। लेकिन सबने ऐसा करने से इंकार कर दिया। इसके बाद वह बिना लिखित स्पष्टीकरण दिये ही फ्लू कॉर्नर चला गया और लोगों की थर्मल स्क्रीनिंग करने लगा और दोपहर बाद दो बजे वह विधानसभा चुनावी ड्यूटी का प्रशिक्षण लेने चला गया। वहीं इस मामले को लेकर दिन भर सदर अस्पताल में फर्जी कोरोना रिपोर्ट जारी करने से जुड़े कागजातों की जांच की गयी। हालांकि जांच में किसी और को फर्जी कोरोना जांच रिपोर्ट जारी करने का मामला प्रकाश में नहीं आया। इस मौके पर सदर अस्पताल के प्रभारी ने इस मामले में सिविल सर्जन को अपनी ओर से लिखित स्पष्टीकरण दे दिया है और मांग की है कि आरोपित कर्मचारी को फ्लू कॉर्नर की ड्यूटी से हटाया जाये।

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