चुनाव का असर : सिर्फ 291 मरीज पहुंचे मायागंज के ओपीडी
जिस मायागंज अस्पताल के ओपीडी में हर रोज औसतन 22 सौ से 23 सौ मरीजों का इलाज होता था, उसपर चुनाव का ऐसा असर दिखा कि गुरुवार को महज 291 मरीज ही इलाज के लिए पहुंचे। इस दौरान ओपीडी में बैठे डॉक्टर मरीजों...
जिस मायागंज अस्पताल के ओपीडी में हर रोज औसतन 22 सौ से 23 सौ मरीजों का इलाज होता था, उसपर चुनाव का ऐसा असर दिखा कि गुरुवार को महज 291 मरीज ही इलाज के लिए पहुंचे। इस दौरान ओपीडी में बैठे डॉक्टर मरीजों के आने का इंतजार करते दिखे तो दवा से लेकर रज्ट्रिरेशन काउंटर पर एक्का-दुक्का मरीज व उनके तीमारदार खड़े दिखे।
पूर्वाह्न सवा 11 बजे तक महज 60 मरीज : जिस ओपीडी में हर रोज सुबह 10 बजे तक मरीजों की भीड़ रहती थी। उस ओपीडी में गुरुवार को पूर्वाह्न सवा 11 बजे बजे तक महज 60 मरीज ही इलाज के लिए पहुंचे थे। दोपहर सवा 12 बजे ओपीडी में इलाज कराने वाले मरीजों की संख्या 274 पर पहुंच गयी। इसके बाद मरीजों का आना लगभग थम गया। दोपहर बाद दो बजे तक जब ओपीडी का शटर डाउन हुआ तो उस वक्त तक कुल 291 मरीजों का इलाज हुआ था। मरीजों की संख्या कम होने के कारण मेडिसिन, स्त्री रोग की ओपीडी में डॉक्टर नहीं थे तो अन्य ओपीडी में डॉक्टर तो थे लेकिन मरीज ही नहीं थे। यही हाल सदर अस्पताल के ओपीडी का भी रहा। यहां पर भी दोपहर सवा 12 बजे तक महज 47 मरीजों का ही इलाज हुआ था।
गाड़ी नहीं चलने से हुई परेशानी : इलाज कराने के लिए आये भीखनपुर के राजेश ने बताया कि वोट के दिन टेंपो नहीं चलने से बहुत परेशानी हुई। कई अन्य मरीजों ने भी बताया कि गाड़ी नहीं चलने से अस्पताल आने में परेशानी हुई। रज्ट्रिरेशन में दर्ज मरीजों के आंकड़े बता रहे थे कि गुरुवार को ओपीडी में इलाज कराने वाले 90 प्रतिशत मरीज भागलपुर शहर के ही थे।