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अब Covid- 19 संक्रमित मरीजों को दोबारा जांच कराये बगैर ही 10 दिनों में अस्पताल से मिलेगी छुट्टी

कोरोना के मामले बढ़ने के साथ ही स्वास्थ्य विभाग जांच और इलाज के तौर-तरीकों में बदलाव करता जा रहा है। एक तरफ कोरोना से बचाव को लेकर लोग बिना मास्क के ही घूम रहे हैं तो दूसरी तरफ स्वास्थ्य विभाग भी...

अब Covid- 19 संक्रमित मरीजों को दोबारा जांच कराये बगैर ही 10 दिनों में अस्पताल से मिलेगी छुट्टी
भागलपुर, विपिन नागवंशीThu, 02 Jul 2020 03:36 PM
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कोरोना के मामले बढ़ने के साथ ही स्वास्थ्य विभाग जांच और इलाज के तौर-तरीकों में बदलाव करता जा रहा है। एक तरफ कोरोना से बचाव को लेकर लोग बिना मास्क के ही घूम रहे हैं तो दूसरी तरफ स्वास्थ्य विभाग भी मनमानी वाला नियम बना रहा है।
 
इस बार स्वास्थ्य विभाग ने ऐसा नियम बना दिया है कि अगर इसका पूरी तरह से पालन किया गया तो कोरोना का इलाज कराने वाले 10 प्रतिशत लोग घर जाने के बाद लोगों में कोरोना फैलाने का एक बड़ा कारण बनेंगे।

 सिविल सर्जन डॉ. विजय कुमार सिंह ने बताया कि इस बार स्वास्थ्य विभाग ने आदेश दिया है कि सैंपल लेने के 10 दिन बाद कोरोना पॉजिटिव मरीज की कोविड वार्ड से दोबारा जांच कराये बगैर ही छुट्टी कर दी जायेगी। कोरोना का दौर जब शुरू हुआ था तो उस वक्त इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (आईसीएमआर) ने कोरोना मरीजों के डिस्चार्ज को लेकर गाइडलाइन जारी किया था। इसके तहत कोरोना पॉजिटिव मरीज जब लगातार दो बार जांच में निगेटिव पाया जाए, तब उसका ईसीजी, बीपी, एक्सरे आदि कराने को कहा गया था। सभी कुछ सामान्य रहने के बाद ही उसे घर भेजने को कहा गया था।

 बाद में ईसीजी, बीपी, शुगर व एक्सरे जांच की अनिवार्यता को समाप्त कर दिया गया। फिर नई गाइडलाइन में सिर्फ एक बार ही कोरोना निगेटिव पाये जाने पर कोरोना मरीज को डिस्चार्ज कर दिये जाने का निर्देश दिया गया था। अब सिविल सर्जन डॉ. विजय कुमार सिंह ने कहा है कि नई गाइडलाइन के मुताबिक, कोरोना पॉजिटिव मरीज को सैंपल लिए जाने की तारीख से 10 दिन बाद ही बिना जांच कराये ही अस्पताल से डिस्चार्ज कर दिया जाये। 

नियम लागू करने से पहले ठीक से होमवर्क भी नहीं किया
डिस्चार्ज संबंधी नियम बनाने से पहले स्वास्थ्य विभाग के जिम्मेदारों ने ठीक से होमवर्क भी नहीं किया। पहले स्वस्थ्य हुए कोरोना के मरीजों के बारे में जानकारी इकट्ठा करना भी मुनासिब नहीं समझा। मुंबई से कोरोना संक्रमित होकर लौटा भागलपुर जिले के महियामा निवासी 46 वर्षीय शख्स भर्ती होने के 41वें दिन स्वस्थ हुआ। इस दौरान उसकी सात बार कोरोना जांच हुई। इस दौरान वह पांच बार कोरोना पॉजिटिव हुआ था। इसी तरह बिहपुर की 19 वर्षीय कोरोना पॉजिटिव महिला 21 अप्रैल को भर्ती हुई और 14 दिन बाद स्वस्थ हुई। इस दौरान चार बार टेस्ट हुई और तीन बार पॉजिटिव पायी गयी। इसी तरह शाहकुंड निवासी 17 वर्षीय युवक का 30 मई को सैंपल लिया गया और उसे एक मई को कोरोना पॉजिटिव होने की पुष्टि हुई। तीन मई को उसे मायागंज अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां 17 मई को वह पूरी तरह से स्वस्थ हुआ और घर चला गया। इस दौरान इसकी पांच बार कोरोना जांच कराई गयी, जहां तीन बार ये पॉजिटिव पाया गया। 

10 प्रतिशत मरीज सैंपल लेने के 12 दिन बाद हुए स्वस्थ
अब तक पाये गये 505 कोरोना मरीजों में से 10 प्रतिशत से अधिक यानी 53 कोरोना मरीज ऐसे रहे हैं जो सैंपल लिए जाने के 15 से 43 दिन बाद स्वस्थ हुए। इस दौरान इन लोगों की कम-से-कम तीन बार कोरोना जांच कराई गयी। बड़ी बात यह है कि इन मरीजों में भर्ती के दौरान कोरोना का कोई लक्षण नहीं (एसिम्प्टोमेटिक) था। अगर इन मरीजों को उसी वक्त सैंपल लेने के 10 दिन बाद बिना जांच कराये डिस्चार्ज कर दिया गया होता तो ये न केवल खुद की जान के लिए खतरा बनते, बल्कि घर-परिवार व समाज में कोरोना संक्रमण का बड़ा कारण बनते। 
 

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